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सैनिक स्कूल में कैसे होता है छात्रों का एडमिशन, जानें प्रवेश परीक्षा और फीस से जुड़ी अहम बातें

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Sainik School Admission Process : भारत में सैकड़ों युवा आर्मी में जाने का सपना देखते हैं, ताकि वह गर्व से देश की रक्षा कर सके। ऐसे में भारतीय सेना के सम्मान में सैनिक स्कूल खोले गए हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद हैं और उन्हें आर्मी स्कूल के नाम से जाना जाता है।

इन स्कूलों में बच्चों को बेहतरीन शिक्षा के साथ अनुशासन और करियर का चुनाव करने का तरीका भी सिखाया जाता है, जिसकी वजह से सैकड़ों बच्चे आर्मी स्कूल में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं। हालांकि आर्मी स्कूल में एडमिशन लेना इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए छात्रों को विभिन्न पड़ावों से गुजरना पड़ता है।

सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने की प्रक्रिया | Sainik School Admission Process

भारत के किसी भी आर्मी स्कूल में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम से गुजरना पड़ता है, जिसे हर साल एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है। इस परीक्षा के लिए अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच फॉर्म निकलते हैं, जिन्हें भरने पर अगले साल जनवरी महीने में परीक्षा होती है। सैनिक स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर एग्जाम का फॉर्म आसानी से मिल जाता है, जिसे भरकर ऑनलाइन जमा करना होता है। इसे भी पढ़ें – Indian Army के सिपाहियों की सैलरी कितनी होती है? जानें पूरी डिटेल्स

इस फॉर्म में छात्र या उसके माता-पिता का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डालना होता है, जिसमें बाद में एनटीए द्वारा एग्जाम सम्बंधी मैसेज भेजा जाता है। फॉर्म के ऑनलाइन आवेदन के लिए एससी और एसटी वर्ग के छात्रों को 400 और जनरल व ओबीसी वर्ग के छात्रों को 550 रुपए फीस भरनी होती है।

इस परीक्षा को पास करके छात्र 6ठीं और 9वीं कक्षा में एडमिशन ले सकते हैं, जिसके लिए छात्रों की दाखिले की उम्र 10 से 12 साल और 13 से 15 साल के बीच होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं सैनिक स्कूल में एडमिशन ले रहे छात्रों का पिछली कक्षा में पास होना भी जरूरी है, जिसके बाद ही उन्हें स्कूल में एडमिशन दिया जाएगा। ऐसे में 6ठीं कक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्र का 5वीं कक्षा में पास होना जरूरी है, जबकि 9वीं कक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्र 8वीं कक्षा में पास होने चाहिए।

आर्मी स्कूल में बच्चों का एडमिशन सिर्फ परीक्षा या किताबी ज्ञान के आधार पर ही नहीं होता है, बल्कि इस स्कूल में पढ़ने के लिए छात्रों को शारीरिक रूप से भी फिट होने की जरूरत होती है। यही वजह है कि स्कूल में एडमिशन के दौरान बच्चों की मेडिकल फिटनेस पर खास ध्यान दिया जाता है, जिसके आधार पर उनका एडमिशन फाइनल होता है।

सैनिक स्कूल में सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियाँ भी पढ़ाई कर सकती हैं, जिसके लिए उन्हें सेम प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। ऐसे में अगर कोई लड़की बचपन से ही सेना में जाने का मन बना चुकी है, तो उसे जल्द से जल्द आर्मी स्कूल में भेज देना चाहिए ताकि वह मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को मजबूत बना सके। इसे भी पढ़ें – Keyboard पर सही पैटर्न में क्यों नहीं लिखे होते हैं लेटर्स, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

कैसे होता है एग्जाम?

सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के लिए जिस परीक्षा का आयोजन किया जाता है, वह बिल्कुल भी आसान नहीं होती है। इस परीक्षा में OMR Sheet को भरना होता है, जिसमें छोटे-छोटे गोले बने हुए होते हैं और छात्र को पेंसिल की मदद से सही गोले को भरना होता है।

इस परीक्षा में कुल 125 सवाल पूछे जाते हैं, जिनके टोटल माक्स 300 होते हैं। इस परीक्षा को पूरा करने के लिए छात्रों को 150 मिनट यानी 2.5 घंटे का समय होता है, जिसके आधार पर बच्चों का चुनाव किया जाता है। वहीं 9वीं कक्षा के लिए परीक्षा दे रहे छात्रों को 150 प्रश्नों को हल करना होता है, जिसके लिए 400 अंक दिए जाते हैं और 9वीं कक्षा के छात्र सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही परीक्षा दे सकते हैं।

सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा में छात्रों को कुल अंकों में से लगभग 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते हैं, जिसके तहत हर सेक्शन में 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करना भी अनिवार्य होता है। इसके बाद छात्रों के एग्जाम के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है, जिसमें परीक्षा पास करने वाले छात्रों का नाम लिखा होता है। इसे भी पढ़ें – हरे या पीले रंग की क्यों नहीं होती है ईंट, जानें लाल ईंट के पीछे का साइंस

हालांकि लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद भी छात्रों की परीक्षा खत्म नहीं होती है, क्योंकि उन्हें स्कूल में एडमिशन लेने से पहले मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इस टेस्ट के तहत बच्चे की मेडिकल फिटनेस की जांच की जाती है, जिसमें पास होने वाले छात्रों को ही सैनिक स्कूल में आधिकारिक रूप से एडमिशन दिया जाता है।

सैनिक स्कूल में छात्रों की सालाना फीस 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपए के बीच होती है, जिसमें छात्र की पढ़ाई का खर्च, किताबों की फीस, रहने-खाने का खर्च और अन्य प्रकार की एक्टीविटी की फीस शामिल होती है। इतना ही नहीं यह फीस छात्रों की अलग-अलग कक्षा के हिसाब से निर्धारित की जाती है, जिसमें हर प्रकार का खर्च शामिल होता है।

भारत के प्रसिद्ध सैनिक स्कूल | Famous Sainik Schools of India

ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे को सैनिक स्कूल में पढ़ाने का सपना देखते हैं और चाहते हैं कि उसका भविष्य भी उज्ज्वल हो सके, तो इस साल प्रवेश परीक्षा के लिए फॉर्म जरूर भर दें। आपको बता दें कि भारत के सबसे फेमस सैनिक स्कूल भुवेश्वर, कपूरथला, चित्तौड़गढ़, सुजानपुर टीरा और मणिपुर स्थित है, जहाँ आप अपने बच्चे का एडमिशन करवा सकते हैं।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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