हीरे के व्यापार के लिए मशहूर गुजरात राज्य के किसान अब कृषि में भी लगातार आगे बढ़ रहे हैं। ख़ास बात तो यह है कि यहाँ के किसान खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं और नई तकनीकें अपना रहे हैं। यहाँ पहले ही सेब, अनार, खजूर और अंगर की खेती बड़े तौर पर की जा रही थी, पर अब यहाँ के किसान भाई विदेश में की जाने वाली जिरेनियम की खेती (Geranium Cultivation) भी कर रहे हैं।
आज हम आपको गुजरात (Gujarat) के बनासकांठा (Banaskantha) जिले के एक ऐसे किसान के बारे में बता रहें हैं, जिन्होंने अपने खेत में जिरेनियम की खेती की और उससे निकलने वाले तेल से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
![](https://awesomegyan.co/wp-content/uploads/2021/06/WhatsApp-Image-2021-06-09-at-12.28.03-PM-3.jpeg)
7 बीघा ज़मीन में लगाए जिरेनियम के पौधे (Geranium Cultivation)
किसान श्रीकांतभाई पंचाल (Shrikant Bhai Panchal) बनासकांठा जिले की डीसा तहसील में स्थित भोयन गाँव के रहने वाले हैं। उन्होंने जब अपने गाँव के खेत में जिरेनियम की खेती (Geranium Cultivation) शुरू की तो हर कोई हैरानी में पड़ गया, क्योंकि यह खेती अधिकतर विदेश में की जाती है। श्रीकांतभाई ने अपनी 7 बीघा ज़मीन में जिरेनियम के पौंधे उगाए। इतना ही नहीं, उन्होंने जिरेनियम के फूलों से तेल निकालने का एक प्लान्ट भी लगाया।
वे बताते हैं कि प्रारंभ में जब उन्होंने जिरेनियम की खेती शुरू की, तो उन्हें बहुत परेशानी आयी थी, परन्तु, फिर अपनी लगन और कठिन परिश्रम से जिरेनियम के पौधों से ख़ूब उत्पादन प्राप्त किया। श्रीकांतभाई ने कहा कि जिरेनियम की खेती से जो फूल प्राप्त होते हैं उन्हीं से तेल निकलता है, यह तेल निकालकर वे बेचते हैं। उन्हें 1 लीटर तेल बेचने पर 14 हज़ार रुपये प्राप्त हो जाते हैं।
‘गरीबों का गुलाब’ कहा जाता है जिरेनियम
आपको बता दें कि जिरेनियम एक खुशबूदार पौधा होता है। इन पौधे को ‘गरीबों का गुलाब’ भी कहते हैं। वर्तमान में बाजारों में जिरेनियम तेल (Geranium Oil) की बहुत ज़्यादा डिमांड है। इस पौधे के फूलों से तेल प्राप्त होता है, जिसे निकालकर बेचा जाता है। यह तेल विभिन्न प्रकार की औषधीयों के निर्माण में भी उपयोग किया जाता है। इन पौधों की ख़ास बात तो यह है कि इस तेल में से गुलाब जैसी सुगंध आती है, साथ ही इसका प्रयोग एरोमाथेरेपी, ब्युटी प्रोडक्ट्स, इत्र व खुशबुदार साबुन बनाने में भी होता है।
बहुत फायदेमंद है, जिरेनियम का तेल (Geranium Oil Benefits)
जैसा कि हमनें बताया, जिरेनियम तेल में औषधीय गुण होते हैं, इसलिए यह अल्जाइमर, तंत्रिका विकृति तथा विकारों से बचाव करता है। इसके अलावा मुंहासों, सुजन जैसी परेशानियों में भी इसका उपयोग किया जाता है। इस तेल के इस्तेमाल से बढ़ती आयु के दिखने वाले प्रभाव भी रुकते हैं और यह मांसपेशियों, स्किन, बाल और दांतो को नुक़सान से बचाने हेतु भी प्रयोग करते हैं।
![](https://awesomegyan.co/wp-content/uploads/2021/06/WhatsApp-Image-2021-06-09-at-12.28.03-PM-1.jpeg)
काफी महंगा बिकता है जिरेनियम तेल
अधिकांशतः जिरेनियम की खेती विदेश में की जाती है। जिरेनियम के पौधे से प्राप्त होने वाले ऑइल की क़ीमत काफ़ी अधिक होती है। हमारे देश की बात करें तो यहाँ पर इसका रेट प्रति लीटर के हिसाब से 12 हज़ार से 20 हज़ार रुपये लीटर तक है।
इस सम्बन्ध में एक संशोधक वैज्ञानिक डा. योगेशभाई पवार ने बताया कि जिरेनियम की खेती (Geranium Cultivation) से काफ़ी अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है, तथा किसानों को सरकार द्वारा जिरेनियम की खेती के लिए सब्सिडी भी मिल जाती है। चूंकि बाज़ार में आजकल इस ऑइल की काफ़ी ज़्यादा डिमांड है, तो किसानों को इसकी खेती से अच्छी कमाई प्राप्त हो सकती है।