मिर्च तो हर किसी को खानी ही पड़ती है। कोई खाना बनाते समय डाल कर खाता है तो कोई खाने के साथ ही मिर्च लेकर बैठता है। पर यक़ीन मानिए मिर्च के बिना रसोई बेकार-सी हो जाती है। दाल से लेकर सब्जी तक में मिर्च की ज़रूरत पड़ती ही है। हालांकि मिर्च तेज हो जाने पर घरों में बवाल भी जमकर होता है। किसी को खाने में ज़्यादा मिर्च पसंद होती है, तो किसी को खाने में कम मिर्च पसंद होती है। ऐसे में जब भी खाने में मिर्च का संतुलन बिगड़ता तो घर के लोगों का पारा हाई हो जाता है।
लेकिन इन सब बातों से हटकर आज हम आपको मिर्च का पौधा लगाने का वह तरीक़ा बताने जा रहें हैं जिससे आप अपने आंगन से ही मिर्च तोड़ कर खा और बना सकते हैं। इसके बाद आपको मिर्च लेने के लिए बाज़ार जाने से भी फुरसत मिल जाएगी। आइए जानते हैं कि कौन-सी प्रक्रिया को अपना कर आप अपने घर के गमले में ही मिर्च उगा सकते हैं और खा सकते हैं।
क्या-क्या चाहिए?
मिर्च का पौधा लगाने के लिए आपको एक मिर्च का पौधा या बीज चाहिए होगा। साथ ही एक मध्यम आकार का सीमेंट का गमला भी चाहिए होगा। इस गमले के बराबर की ही मिट्टी भी चाहिए होगी। जो कि मिट्टी गमले में आ सके। थोड़ी-सी मात्रा में जैविक खाद जो कि मिट्टी में मिलाने के काम आएगी। इसके साथ ही सबसे ज़रूरी पानी चाहिए होगा। वह भी मीठा पानी। नमकीन या खारे पानी से पौधा खराब हो जाएगा इसलिए पानी का विशेष ध्यान रखें।
बीज लें या पौधा?
आपको शायद ना पता हो, पर बाज़ार में मिर्च का पौधा भी आता है और बीज भी। बीज सस्ता आता है और पौधा महंगा। इन दोनों में अंतर ये होता है कि पौधा उगा उगाया होता है सिर्फ़ उसे गमले में लाकर लगाना होता है। लेकिन बीज लगाने के साथ ही कुछ दिनों तक बहुत सावधानी भी बरतने की मांग करता है। हालांकि यदि आप बीज लेने जा रहे हैं तो ज़रूरत है कि आप बीज के बारे में पहले अच्छे से जानकारी इकठ्ठी कर लें। ताकि बीज भंडार में जाने पर आपको परेशान ना होना पड़े। यदि आप मिर्च का पौधा खरीदना चाहते हैं तो आसपास नर्सरी में जाना पड़ेगा जहाँ आपको छोटे से बड़े आकार के पौधे मिल जाएंगे।
मिट्टी कैसे करें तैयार?
यदि आप पौधे का बीज खरीदकर लाए हैं तो ज़रूरी है कि आप पहले मिट्टी को अच्छे से तैयार कर लें। इसके लिए अपने आसपास से कहीं से अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी ले आएँ। जो कि आसपास स्टेडियम या खाली प्लाट में मिल जाएगी। इसके बाद इस मिट्टी में से कंकड़-पत्थर निकाल कर साफ़ कर लें। जैसे ही आपको लगे अब मिट्टी पूरी तरह से साफ़ हो गई है अब उसे धूप में रख दें। इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी। जो कि पौधे के विकास में लाभदायक साबित होगी।
खाद भी है ज़रूरी
पौधे के विकास और मिट्टी की गुणवत्ता में खाद भी बेहद अहम भूमिका निभाती है। यदि हम मिट्टी में खाद ना डालें तो पौधे का विकास रूक जाएगा। बाज़ार में आज तमाम तरह की खाद उपलब्ध है। लेकिन सबसे बेहतर जैविक खाद ही है। क्योंकि जैविक खाद से पौधे का विकास अच्छे से होगा। साथ ही जब कभी पौधे में मिर्च लगेगी तो उसमें रासायनिक केमिकल भी नहीं मौजूद होंगे। जो कि आपकी सेहत को बेहद नुक़सान पहुँचाते हैं। खाद को लाने के बाद भुरभुरी मिट्टी में मिला दें। इससे पूरी मिट्टी में उर्वरता बढ़ जाएगी। ध्यान रहे मिट्टी में खाद इस तरह मिलाएँ कि खाद पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाए। आप चाहे तो खाद के-के रूप में सड़े हुए गाय-भैस का गोबर भी प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे लगाएँ पौधा?
यदि आप नर्सरी से पौधा खरीकर लाएँ हैं तो उसे उसको थैली से खोलकर अपने गमले में लगा दें। ध्यान रखें कि जब थैली से पौधा निकाल रहे हों तो उसकी मिट्टी टूटने ना पाए। यदि जड़ों में हवा लग जाएगी तो पौधा सूख जाएगा। साथ ही ये काम शाम के समय करें जब दिन ढल चुका हो।
लेकिन यदि आप बाज़ार से बीज लेकर आए हैं तो शाम के समय बीज को मिट्टी में दबा दें। बीज मिट्टी में दो-तीन इंच नीचे दबा दें। इससे बीज को अंकुरण में समस्या नहीं होगी। साथ ही गमले में हल्का पानी का छिड़काव भी कर दें। आप इस गमले को नियमित सूरज की रोशनी में रखते रहें और पानी भी देते रहें। इससे बीज का विकास होता रहेगा। आप पाएंगे कि पन्द्रह से बीस दिनों बाद गमले में छोटा पौधा उगने लगा है। पौधा दिखाई देने के बाद आप उसमें पानी की मात्रा बढ़ा दें।
मौसम का रखें ध्यान
मिर्च का पौधा मौसम में आने वाले बदलाव को सहन कर सकता है पर फिर भी आप गर्मी वाले दिनों में पानी ज़्यादा दें। सर्दी के दौरान गमले को खुले में ना रखें। नहीं तो पाला इसे मार देगा। साथ ही समय-समय पर धूप में ज़रूर रखें। नहीं तो पौधा सूख जाएगा। पौधे में नियमित पानी देते रहें साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पानी ज़्यादा ना भरा रहे। नहीं तो पौधा खराब हो जाएगा। पौधे पर जब भी मिर्च लगे उसे नियमित रूप से तोड़ते रहें। नहीं तो मिर्च लाल होने लगेगी और खराब हो जाएगी।
खर-पतवार करेंगे परेशान
मिर्च के पौधे के साथ आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि यदि गमले में खर-पतवार खड़े हो गए हों तो उन्हें समय-समय पर निकालते रहें। इससे फायदा ये होगा कि मिर्च का पौधा तेजी से बढ़ेगा साथ ही मिट्टी की उर्वरता को खरपतवार नष्ट नहीं करेंगे। कई बार मिर्च के पौधे पर कीड़े-मकोड़े भी बैठने लगते हैं। ऐसे में आप उनको भगाने के लिए मिर्च के पौधे पर दवाई का छिड़काव कर दें। जो कि अनाज भंडारण में उपलब्ध होती है। ध्यान रखें कि जब भी पौधे पर दवाई का छिड़काव करें उसके दो दिन तक पौधे से मिर्च ना तोड़े। इससे दवाई में मिला केमिकल आपके पेट में जा सकता है।
आपको बता दें कि मिर्च का पौधा किसी भी सीजन में लगाया जा सकता है। परन्तु बारिश का सीजन सबसे उपयुक्त माना जाता है। साथ ही लगभग दो-तीन महीने बाद मिर्च का पौधा मिर्च भी देने लगता है। ये पौधा लगभग एक साल तक मिर्च देता रहता है इसके बाद मिर्च की गुणवत्ता में कमी आने लगती है। इसके लिए आपको दूसरा पौधा लगाना पड़ेगा।