Krishi Udan Scheme: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 60 से 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर अश्रित है। ऐसे में खेतों में उगने वाली फसल से ही किसानों की आमदनी होती है और उनके परिवार का खर्च भी पूरा होता है, जिसकी वजह से बाजार में फसल की सही कीमत मिलना बेहद जरूरी होता है।
हालांकि कई बार किसानों फसल की सही कीमत नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है और उन्हें कर्ज का बोझ झेलना पड़ता है। ऐसे में सरकार ने किसानों की आमदनी के लिए विदेशों में फसल बेचने की योजना शुरू की है, ताकि उन्हें कर्ज के बोझ से मुक्ति मिल सके।
विदेशों में फसल बेच सकेंगे किसान
भारत सरकार ने अगस्त 2020 में कृषि उड़ान योजना (Krishi Udan Scheme) लॉन्च की थी, जिसके तहत भारतीय किसान अपनी फसल को विदेशों में बेच सकते हैं। ऐसे में अक्टूबर 2021 में इस योजना को अपडेट किया गया था, जिसके बाद उसका नाम 2.0 रखा गया था। इस योजना के तहत हवाई यात्रा के जरिए फसलों को विदेशों में निर्यात किया जाएगा। ये भी पढ़ें – सरकार दे रही है किसानों को 36 हज़ार रुपये की सौगात, किसानों को बस करने होंगे ये काम
कृषि उड़ान 2.0 योजना के तहत जल्दी खराब होने वाली फसलों को विदेशों में निर्यात किया जाएगा, जिसकी वजह से किसानों को नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा और उन्हें मुनाफा कमाने का भी मौका मिलेगा। इस योजना की वजह से किसानों को जल्दी खराब होने वाली फसलों के नुकसान से छुटकारा मिल जाएगा।
Krishi Udan Scheme aids farmers to fly their agri-products to even international markets & circumvents the transportation hassle arising in inaccessible terrains.
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) April 5, 2022
It is an affirmation of PM Sri @narendramodi Ji’s obligation to farmers’ welfare.#KrishiUdan pic.twitter.com/PisDPEYy6V
8 मंत्रालय कर रहे हैं काम
आपको बता दें कि भारत में फसलों को लंबे समय तक स्टोर करके रखा जाता है, जिसकी वजह से जल्दी खराब होने वाली फसलों की बिक्री न होने पर किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। कृषि उड़ान 2.0 योजना में मछली उत्पादन, दूध उत्पादन, मांस और डेयरी उत्पादन को ज्यादा प्राथामिकता दी जाएगी।
इस योजना के तहत भारतीय सरकार में शामिल 8 मंत्रालय काम कर रहे हैं, जिसें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, जनजातीय मंत्रालय और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) शामिल हैं। ये भी पढ़ें – लौंग की खेती करके लाखों रुपए कमा सकते हैं किसान, जानें फसल उगाने का सही तरीका
कृषि उड़ान 2.0 योजना के तहत देश के 53 एयरपोर्ट को जोड़ा गया है, जिनके जरिए भारतीय फसलों को विदेशों में निर्यात किया जाएगा। इतना ही नहीं इस नई योजना के लिए घरेलू विमानों को भी तैयार किया जा रहा है, जो अंतर्राष्ट्रीय हवाई जहाजों तक फसल पहुंचाने का काम करेंगे।
किसानों का हो सकता है मुनाफा
इस योजना के तहत किसानों को फसलों के खराब होने की चिंता नहीं सताएगी, जबकि जल्दी खराब होने वाली की बिक्री से उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में कृषि उड़ान 2.0 योजना के जरिए किसानों को ज्यादा मुनाफा हो सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और उनके ऊपर कर्ज का बोझ भी नहीं बढ़ेगा।
इतना ही नहीं इस योजना की वजह से किसान नई फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिसकी वजह से भारत में घरेलू फसलों के साथ साथ अन्य फसलों का उत्पादन भी किया जा सकता है। अगर आप कृषि उड़ान 2.0 योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप कृषि मंत्रालय की आधारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
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