Girl No.166: भारत में रोजाना कई बच्चों को कीडनैप कर लिया जाता है, जबकि कई बच्चे अपने माता-पिता से अलग होकर भीड़ में गुम हो जाते हैं। उस स्थिति में पुलिस कुछ खुश किस्मत बच्चे सही समय पर खोज लेती है, जबकि कुछ बच्चे हमेशा-हमेशा के लिए अपने परिवार से अलग हो जाते हैं।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी बच्ची की कहानी बताने जा रहे हैं, जो 7 साल की उम्र में गुम हो गई थी और काफी तलाश करने के बाजवदू भी घर वालों को नहीं मिली। ऐसे में परिवार उस बच्ची के मिलने की उम्मीद छो चुका था, लेकिन 9 साल बाद अचानक से वह बच्ची परिवार को मिल गई।
स्कूल से वापस घर नहीं लौटी थी पूजा
मुंबई के अंधेरी इलाके में रहने वाली पूजा गौड 22 जनवरी 2013 को अपने भाई रोहित के साथ स्कूल गई थी, लेकिन घर वापस लौटते समय दोनों भाई बहन में पॉकेट मनी को लेकर लड़ाई हो गई। ऐसे में पूजा का भाई घर वापस लौट गया, जबकि पूजा काफी देर तक घर नहीं आई। ऐसे में जब माता-पिता ने बच्ची की तलाश शुरू की, तो उसका दूर-दूर तक कोई नामों निशान नहीं मिला। इसे भी पढ़ें – लापता बेटा जब 14 वर्षों बाद घर आया, तो लग्जरी कार और ट्रकों का मालिक बन चुका था, फिल्मी है पूरी कहानी
ऐसे में 7 वर्षीय पूजा की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए उसके माता-पिता दादाभाई नौरोजी (डी एन) नगर पुलिस स्टेशन पहुँच गए, जहाँ सब इंस्पेक्टर राजेंद्र भोंसले ने उनका केस लिया। पूजा गौड जिस समय लापता हुई थी, उस दौरान राज्य में ढेर सारी लड़कियों का कीडनैप हुआ था और उसमें पूजा का नाम 166वें नंबर पर था।
यही वजह है कि पूजा को गर्ल नंबर 166 के नाम से जाना जाने लगा, जिसके बाद पुलिस ने साल 2013 से 2015 के बीच 165 गुमशुदा लड़कियों को खोजने में सफलता हासिल कर ली थी। लेकिन उन सब में पूजा का नाम शामिल नहीं था, जबकि इसी दौरान मई 2015 में पूजा के केस के इंजार्च ऑफिसर राजेंद्र भोंसले भी रिटायर हो गए थे।
परिवार ने छोड़ दी थी मिलने की उम्मीद
पूजा को लापता हुए 2 साल का वक्त बीत चुका था, जिसकी वजह से उसके माता-पिता पूजा के मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। वहीं रिटायर राजेंद्र भोंसले को भी पूजा को न ढूँढ पाने का बहुत ज्यादा दुख था, जिसकी वजह से वह हमेशा अपने पास पूजा की तस्वीर रखते थे।
ऐसे में रिटायर होने के बाद भी राजेंद्र भोंसले ने पूजा की तलाश जारी रखी थी, हालांकि रिटायर होने के बाद राजेंद्र अपने गाँव चले गए थे। लेकिन जब भी वह मुंबई वापस आते थे, पूजा को खोजने की पूरी कोशिश करते थे। राजेंद्र भोंसले को यकीन था कि पूजा जिंदा है और वह एक न एक दिन उसे जरूर ढूँढ लेंगे।
ऐसे में 9 साल बाद एक दिन राजेंद्र भोंसले को पूजा अचानक से मिल गई, जो अपने घर से महज 500 मीटर की दूरी पर मौजूद थी। रिटायर पुलिस ऑफिसर राजेंद्र भोंसले के लिए पूजा का यूं मिल जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था, क्योंकि वह पिछले 9 सालों से उस लड़की की तलाश कर रहे थे।
नि: संतान कपल ने किया था पूजा का कीडनैप
जब राजेंद्र भोंसले ने पूजा को खोज निकाला, तो उसेक कीडनैप की चौंकाने वाली कहानी सामने आई थी। दरअसल जब पूजा और उसके भाई रोहित के बीच लड़ाई हुई, तो रोहित उसे छोड़कर थोड़ा आगे की तरफ चला गया था। वहीं पूजा स्कूल के बाहर खड़ी होकर ढहलती रही, इसी दौरान उसे हैरी डिसूजा नामक आदमी मिला।
हैरी डिसूजा एक इलेक्ट्रिशियन था, जिसने पूजा को आइसक्रीम खिलाने का लालच दिया और उसे अपने साथ ले गया। दरअसल हैरी और उसकी पत्नी सोनी डिसूजा का कोई बच्चा नहीं था, जिसकी वजह से उन्होंने पूजा को अपने बच्चे के रूप में घर पर रखना शुरू कर दिया। लेकिन इसी दौरान इलाके में पूजा के गायब होने की खबर फैल गई थी, जिसकी वजह से हैरी और सोनी पकड़े जाने के डर से पूजा को कर्नाटक ले गए।
कर्नाटक में हैरी ने पूजा का एडमिशन एक बोर्डिंग स्कूल में करवा दिया, जबकि उसका नाम एनी रख दिया था। ऐसे में जब कुछ समय बाद मामला शांत हो गया, तो हैरी और सोनी पूजा को वापस मुंबई ले आए। लेकिन मुंबई आने के बाद उनका व्यवहार पूजा के प्रति बिल्कुल बदल गया था, जिसके बाद उन्होंने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
पूजा को किया जाता था प्रताड़ित
हैरी और सोनी उसे अपनी बेटी की देखभाल करने का काम देते थे, जबकि उससे आस पड़ोस के घरों में साफ सफाई का काम करवाते थे। ऐसे में जुहू गली में काम करते हुए पूजा ने प्रमिला देवेंद्र नामक एक महिला को बताया कि हैरी और सोनी उसके असल माता-पिता नहीं हैं और वह लोग उसको प्रताड़ित करते हैं।
ऐसे में प्रमिला ने इंटरनेट की मदद से पूजा की गुमशुदगी के बारे में पता लगाया, जिसके बाद उसने प्रमिला ने हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करके पूजा के बारे में जानकारी दी। वह नंबर पूजा के पड़ोसी मोहम्मद रफी का था, जिसके बाद प्रमिला ने वीडियो कॉल के जरिए पूजा की माँ और उसकी बातचीत करवाई थी।
हेल्पलाइन नंबर से मिली थी पूजा
इसके बाद पूजा के माता-पिता ने पुलिस से संपर्क किया और फिर रिटायर ऑफिसर राजेंद्र भोंसले समेत पूरी पुलिस टीम पूजा की तलाश में हैरी और सोनी के घर पहुँच गए। इस तरह 9 साल बाद पूजा अपने परिवार के पास लौट गई, जबकि पुलिस ने हैरी और सोनी को पूजा का कीडनैप करने के लिए कस्टडी में ले लिया था।
हैरी अभी भी पुलिस की हिरासत में है और उसके ऊपर केस चल रहा है, जबकि सोनी को पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया है। दरअसल सोनी की 6 साल की बच्ची है, जिसकी देखभाल करने के लिए उनके घर में कोई नहीं है। ऐसे में उस बच्ची की देखभाल करने के लिए पुलिस ने सोनी को अरेस्ट नहीं किया था, जिसका जन्म पूजा को कीडनैप करने के बाद हुआ था। इसे भी पढ़ें – 11 साल पहले उधार खाई थी मूंगफली, अब भाई-बहन ने अमेरिका से आकर चुकाया कर्ज, ऐसे ढूँढा मूंगफली वाले का पता