अक्सर ऐसा होता है कि हम रात में सोते समय सपने में अपने मृत परिजनों को देखते हैं। सपने में इसके साथ कि गई बातें, बिताया गया समय हमें याद रहता है और कई बार यह सपना याद नहीं भी रहता, पर फिर भी एक अलग-सा एहसास मन की गहराई में उतर जाता है। हम शब्द भूल जाते हैं पर उनके चेहरे के भाव नहीं भूल पाते हैं।
माना जाता है कि मृत परिजन सपने के माध्यम से संदेश देने का प्रयास करते हैं, आइये जानते हैं इन सपनों में छिपा संदेश।
भावनात्मक रूप से जुड़ा रहता है सम्बंध
जब किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है तो वह हमेशा के लिए हमसे दूर हो जाता है। जीवन रुकता नहीं व्यस्तताओं में उलझ कर हम उन परिजनों को हर बात में शामिल नहीं कर पाते। पर कहीं न कहीं भावनात्मक रूप से एक जुड़ाव क़ायम रह जाता है। वही ख़्याल सोते जागते जहन में घूमते रहने के कारण उनसे जुड़े सपने दिखाई देता है।
अपनी इच्छा के बारे में देते हैं संदेश
सपने में मृत परिजनों का आना इस तरफ़ इशारा करता है कि मृत परिजन अपनी इच्छा बताने की कोशिश कर रहे हैं। यदि आप उनके संकेत समझ पाते तो सही है अन्यथा आपको उनके नाम से समय-समय पर दान पुण्य करते रहना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
परिजन प्रसन्न दिखाई दे तो होता है यह संकेत
कई बार ऐसा होता है सपने में मृत परिजन बहुत प्रसन्न दिखाई देते हैं। माना जाता है इस माध्यम से वह ये संदेश देते हैं कि वह जहाँ भी हैं खुश हैं उनके लिए परेशान न हों। लेकिन बार-बार प्रियजनों को सपने में देखने पर उनकी आत्मा के लिए तृप्ति कार्य करना चाहिए।
करवाना चाहिए रामायण का पाठ
गरुड़ पुराण के अनुसार बार-बार प्रियजनों को सपने में देखने पर उनकी आत्मा कि शांति के लिए गीता या रामायण का पाठ करवाना चाहिए। यदि परिजन क्रोधित हो कर किसी बात को करने के लिए कहते हैं तो उस कार्य को जल्दी पूरा करना चाहिए।
यह होता है मनोवैज्ञानिक कारण
जिस मृत परिजन के बारे में हम बार-बार सोचते हैं। जिनका ख़्याल उठते बैठते सोते जागते हमारे मन में चलता रहता है उनके सपने अधिक आते हैं। ऐसे किसी लौकिक या अलौकिक कारण से नहीं होता बल्कि यह मनोवैज्ञानिक कारण है।