India’s largest Bhandara : हमारे देश में धार्मिक आयोजन के दौरान भक्तों और आम लोगों के भोजन की व्यवस्था भी की जाती है, जिसे भंडारे के रूप में जाना जाता है। यूं तो भंडारे में खाना पकाने के लिए 4 से 5 हलवाई और हेल्पर्स की जरूरत होती है, लेकिन भारत में एक ऐसे भंडारे का आयोजन किया गया है जिसमें खाना पकाने के लिए जेसीबी की मदद ली जा रही है।
दंदरौआ धाम के सिय-पिय मिलन महोत्सव के भंडारे के लिए जेसीबी से बनाया जा रहा भोजन, सीमेंट मिक्सर मशीनें बन रही मालपुआhttps://t.co/tfdyH6dRHC#MadhyaPradeshHindiNews #BhindNews #BageshwarDham #SiyaPiyaMilanFestival #DhirendraKrishnaShastri #DandrauaDham pic.twitter.com/8boY2XBGTs
— Punjab Kesari (@punjabkesari) November 18, 2022
दंदरौआ धाम में सिय पिय समारोह
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में स्थित दंदरौआ धाम में हर रोज सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, जो देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इन दिनों दंदरौआ धाम में सिय-पिय मिलन महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें भंडारे का खाना पकाने के लिए जेसीबी मशीन और सीमेंट मिक्सर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दरअसल सिय-पिय मिलन महोत्सव में रोजाना लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनका भोजन पकाने के 700 हलवाई और 10 हजार स्वयंसेवक काम कर रहे हैं। इस महोत्सव में बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी उपस्थित हैं, जो हनुमंत कथा का पाठ कर रहे हैं और इसी वजह से दंदरौआ धाम में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है।
देश के सबसे विशाल भंडारे का आयोजन
ऐसे में दंदरौआ धाम में हाजरी लगाने वाले भक्तों के लिए खाना पकाने की जिम्मेदारी 700 हलवाईयों को दी गई है, जो सुबह से शाम तक विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करते हैं। हलवाई की इस टीम में 450 पुरुष और 250 महिलाएँ शामिल हैं, जो 2 शिफ्ट में काम करते हैं।
दंदरौआ धाम के भंडारे में सुबह के समय 20 क्विंटल पोहा और 8 क्विंटल सूजी का इस्तेमाल करके नाश्ता बनाया जाता है, जिसके लिए जेसीबी मशीन और सीमेंट कंक्रीट मिक्सर का इस्तेमाल किया जाता है। आपको हैरानी होगी कि इस भंडारे में सीमेंट कंक्रीट मशीन मालपुआ का मिक्स तैयार करने का काम करती है, जबकि जेसीबी मशीन की मदद से पोहा और सूजी को मशीन के अंदर डाला जाता है।
इस पावन अवसर पर श्री बागेश्वर सरकार के पीठाधीश्वर महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त कर उनके मुखारबिंद से हो रही श्री हनुमंत कथा का श्रवण किया।
— Sandhya Ray (@RayShandhya) November 14, 2022
इस दौरान जनप्रतिनिधिगण, कार्यकर्तागण सहित समस्त श्रद्धालु जन उपस्थित रहें। #DandrauaDham pic.twitter.com/YgGeSoT7dj
वहीं दोपहर के खाने में आलू की सब्जी, पूड़ी और मालपुआ परोसा जाता है, जबकि सब्जी के लिए एक बार में 20 क्विंटल आलू का इस्तेमाल किया जाता है। जेबीसी मशीन की मदद से सब्जियों को धोने और कहाड़ी में डालने का काम किया जता है, जबकि ट्रॉली की मदद से श्रद्धालुओं को खाना परोसा जाता है।
दंदरौआ धाम में आयोजित इस विशालकाय भंडारे की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है, क्योंकि यहाँ खाना पकाने के लिए बिल्कुल अलग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बात से समझा जा सकता है कि भारत में भंडारे का आयोजन कितने बड़े स्तर पर किया जाता है और उसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है।