Constitution Day 2022 : भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन साल 1949 में हमारे देश के संविधान को लिखकर तैयार किया गया था जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को लागू किया गया था। भारतीय संविधान का निर्माण डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने किया था, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक के हित के लिए नियम, कानून और अधिकार लिखे गए हैं।
इतना ही नहीं भारतीय संविधान में सरकार और न्यायपालिक के कार्यों व जिम्मेदारी का भी वर्णन मिलता है। ऐसे में संविधान दिवस के मौक पर आज हम आपको भारतीय संविधान से जुड़ी कुछ अहम और रोचक बातें बता रहे हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम भारतीय जानते हैं।
सबसे लंबा लिखित संविधान
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसकी मूल कॉपी को टाइप करके नहीं बल्कि हाथ से लिखा गया है। भारतीय संविधान की असल कॉपी बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से लिखी थी, जिसे बहुत की खूबसूरती के साथ कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखा गया था।
भारतीय संविधान की असल कॉपी
भारतीय संविधान के हर एक पन्ने को शांति निकेतन में कार्यरत कलाकारों ने सजाया था, जबकि इसकी मूल हस्तलिखित कॉपी को संसद भवन की लाइब्रेरी में हीलियम में सुरक्षित रखा गया है। भारतीय संविधान की असल कॉपी 16 इंच चौड़ी और 22 इंच लंबी है, जबकि उसमें कुल 251 पन्ने मौजूद हैं।
देश में संविधान दिवस की शुरुआत
भारत में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला साल 2015 में लिया गया था, क्योंकि उस साल संविधान के निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी। ऐसे में भारत सरकार ने यह ऐलान किया था कि 26 नवंबर को देश में संविधान दिवस मनाया जाएगा, ताकि प्रत्येक भारतीय को भारतीय संविधान के बारे में जानकारी हो।
विभिन्न देशों की विशेषताएँ
भारतीय संविधान में विभिन्न देशों के संविधान की विशेषताओं को अपनाया गया है, जिसकी वजह से भारतीय संविधान को Bag Of Borrowings के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान में लिखित कई प्रावधान अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों के संविधान से लिये गए हैं।
मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का वर्
भारतीय संविधान में देश के प्रत्येक नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया है, जबकि सरकार की भूमिका, प्रधनामंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों में विस्तार से बताया गया है। इसके अलावा विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिक क्या और कैसे काम करती है, इसका जिक्र भी भारतीय संविधान में मिलता है।
संविधान को तैयार करने में लगा था लंबा वक्त
भारत के संविधान को लिखने और तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का लंबा वक्त लगा था, जिसकी वजह से यह काम 26 नवंबर 1949 को जाकर पूरा हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान को लागू किया गया था, जिसकी वजह से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
284 सदस्यों ने किया था हस्ताक्षर
भारतीय संविधान की असल कॉपी को हिन्दी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखा गया है, जिसमें 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में शामिल 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर दिए थे। उस समय संविधान सभा में 15 महिलाएँ भी शामिल थी, जिन्होंने भारतीय संविधान की मूल प्रति पर दस्तखत करके उसे अपनी मंजूरी दी थी।
22 भागों और 8 सूचियों में था भारतीय संविधान
भारतीय संविधान को 25 भागों में बांटा गया है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 सूचियाँ शामिल हैं। वैसे तो भारतीय संविधान को मूल रूप से 22 भागों में बांटा गया था, जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ मौजूद थी। लेकिन बीतते वक्त साथ संविधान के मूल अनुच्छेदों और सूचियों में बदलाव किए थे, जिसकी वजह से वर्तमान में संविधान को 25 भागों में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियों में विभाजित किया गया है।
डॉ. अंबेडकर कहलाते हैं संविधान निर्माता
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है, जिसकी संरचना भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित है। भारतीय संविधान के तीसरे भाग में अनुच्छेद 12 से लेकर 35 तक आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
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