HomeGARDENINGदक्षिण भारतीय फसल काली मिर्च को छत्तीसगढ़ में उगा रहा है ये...

दक्षिण भारतीय फसल काली मिर्च को छत्तीसगढ़ में उगा रहा है ये किसान, कर रहा है लाखों की कमाई- वीडियो देखें

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

काली मिर्च (Pepper cultivation) की फ़सल दक्षिण भारत की प्रमुख फसलों में एक मानी जाती है। काली मिर्च की खेती के लिए एक अलग वातावरण की आवश्यकता होती है, जिसके लिए दक्षिण भारत एक उपयुक्त स्थान है, लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोंडागांव (Kondagaon) के किसानों ने असंभव को संभव करते हुए छत्तीसगढ़ में ही काली मिर्च की उत्तम फ़सल का उत्पादन किया है और उससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें – सीए की नौकरी छोड़ बनाया खेती को अपना प्रोफेशन और कर रहे लाखों की कमाई

मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म में होती है काली मिर्च की खेती

गांव कनेक्शन की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ राजाराम त्रिपाठी के मां दंतेश्वरी हर्बल फॉर्म में जैविक तरीकों से कई औषधियों की खेती की जाती है। यही पर फॉर्म के श्री अनुराग त्रिपाठी (Anurag Tripathi) ने काली मिर्च की भी फ़सल लगाई है। काली मिर्च के उत्पादन के बारे में वह कहते हैं, “पहले माना जाता था कि केरल में ही काली मिर्च का उत्पादन हो सकता है, बस्तर जैसे इलाके में यह संभव नहीं है, क्योंकि यहाँ का वातावरण उसके अनुकूल नहीं है, लेकिन मैं साबित करना चाहता था यदि केरल में हो सकता है तो यहाँ क्यों नहीं हो सकता।”

काली मिर्च की खेती का वीडियो यहाँ देखें

कैसे करते हैं काली मिर्च का उत्पादन

काली मिर्च की झाड़ किसी भी पेड़ पर लगाई जा सकती है। इसकी ऊंचाई औसतन 40 फिट होती है। कभी-कभी 60-70 फीट तक भी चली जाती है। इसके एक रेडियस, जो एक से डेढ़ फीट का होता है, उसमें लगभग 60-70 गुच्छे लगते हैं। इसमें से लगभग 500 ग्राम तक उत्पादन होता है। पूरे 40 फीट में लगभग 20 किलो काली मिर्च का उत्पादन होता है। इस तरह से एक झाड़ से दस हज़ार तक की आमदनी होती है और इसमें बहुत अधिक मेहनत की भी आवश्यकता नहीं होती।

अनुराग त्रिपाठी (Anurag Tripathi) बताते हैं कि, “उन्होंने 1 एकड़ में ऑस्ट्रेलियन टीक के 700 पौधे लगाए हैं जिसके साथ काली मिर्च की झाड़ भी लगाई हुई है।” कोंडा गाँव के चिकिलपुट्टी में कई सौ एकड़ में साल और ऑस्ट्रेलियन टीक के पेड़ों पर काली मिर्च के झाड़ दिखते हैं।

काली मिर्च की पत्तियाँ आयताकार होती हैं और इनकी लंबाई 12 से 18 सेंटीमीटर और चौड़ाई 5 से 10 सेंटीमीटर होती है। इसकी जड़ उथली हुई होती है तथा 2 मीटर की गहराई में होती है। इसके पौधे पर सफेद रंग के फूल खिलते हैं।

पेड़ों को बचाने में भी सहायक है काली मिर्च

अनुराग त्रिपाठी (Anurag Tripathi) का कहना है कि जंगलों को बचाने के लिए भी काली मिर्च का पौधा अत्यंत सहायक है। वे आगे कहते हैं-यूकेलिप्टस को छोड़कर अन्य खुरदुरे पेड़-पौधों पर भी काली मिर्च लगाई जा सकती है। आम, कटहल, टीक या अन्य जंगली पौधे सभी पर काली मिर्च उगाई जा सकती है।

भारत से बाहर काली मिर्च का उत्पादन इंडोनेशिया, बोर्नियो, चीन, मलय, लंका और स्याम जैसे देशों में किया जाता है।

यह भी पढ़ें

Most Popular