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जानिए भारत में कब आया था पहला कम्प्यूटर और किसे जाता है इसका श्रेय, पढ़िए पूरी कहानी

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Bharat me pahla computer kab aaya – आज के दौर में हमारा जीवन कंप्यूटर एवं स्मार्टफोन पर बहुत हद तक आधारित हो चुका है। हम अपने निजी जीवन एवं अपने प्रोफेशनल आवश्यकताओं के लिए कंप्यूटर एवं स्मार्टफोन का प्रयोग बहुत ही आसान तरीके से करते हैं और इसके उपयोग से हम यह समझ पाते हैं कि हमारा जीवन कितना आसान हो चुका है।

लेकिन दोस्तों क्या आपको यह जानकारी है कि कंप्यूटर की शुरुआत कब हुई थी और विश्व का पहला कंप्यूटर कैसा दिखाई देता था। आपको बता दें कि पिछले 7 से 8 दशक के इतिहास में कंप्यूटर का रूप बहुत अधिक परिवर्तित हो चुका है।

भारत में कब हुई कंप्यूटर की शुरुआत (Computer revolution in India)

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विश्व में पहला कम्प्यूटर सन 1940 में प्राप्त हुआ था, और भारत द्वारा सन 1956 में पहली बार कम्प्यूटर खरीदा गया था। उस समय इस कम्प्यूटर की कीमत ₹1000000 थी भारत के पहले कंप्यूटर का नाम एच ec2m था। देश का पहला कंप्यूटर कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट में लगा था। कंप्यूटर आज के जैसा नहीं हुआ करता था वह आकार में काफी बड़ा हुआ करता था।

क्यों पड़ी कम्प्यूटर की जरूरत

Computer-History

आपको बता दें कि विश्व में कंप्यूटर के निर्माण करने का श्रेय दो व्यक्तियों को दिया जाता है। जिसमें से एक की एक है जॉन प्रेसपर एकार्ट, एवं दूसरे का नाम है जॉन विलियम मचली। इन दोनों ने विश्व का पहला कंप्यूटर निर्मित किया था। जिस वक्त यह कंप्यूटर बना था इसकी कीमत $500000 तय की गई थी। विश्व के पहले कंप्यूटर का निर्माण आर्मी की समस्याओं को सुलझाने हेतु निर्मित किया गया था।

कैलकुलेशन को तेज करना था मकसद

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आपको बता दें कि उस वक्त आर्मी बैलेस्टिक एवं आर्टिलरी ट्रैजेक्टरी की कैलकुलेशन में परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस तरह की गणना उन दिनों में मानव कैलकुलेट के जरिये की जाती थी। रोजाना हजारों गणितज्ञ मैथमेटिकल ऑपरेशन द्वारा यह गणना किया करते थे। सन 1943 में सरकार द्वारा एक कॉन्टेस्ट आयोजित किया गया जिसमें लोगों को इस तरह का डिवाइस के आविष्कार का निर्देश दिया गया जिसके द्वारा कैलकुलेशन सही और कम समय में हो सके।

पहला व्यक्तिगत कम्प्यूटर (First Personal Computer)

First-Personal-Computer

बता दें कि पहले पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) का निर्माण आईबीएम (International Business Machines) ने सन 1975 में किया था। यह माइक्रोप्रोसेसर टेक्नोलॉजी थी जिसको घर या कार्यालय में इस्तमाल करने के लिए डिजाइन किया गया था। यह आकार में छोटा और कीमत में सस्ता था।

पं0 जवाहर लाल नेहरू ने की थी शुरुआत

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बता दे कि भारत में आई पहले कंप्यूटर का नाम TIFRAC था। इस कम्प्यूटर का पूरा नाम टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ऑटोमेटिक केलकुलेटर है। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पहले कंप्यूटर को यह नाम दिया था। इस कंप्यूटर ने सन 1956 में कार्य करना प्रारंभ किया था और सन 1965 तक इसने काम किया था।

देश का पहला कम्प्यूटर (First Computer In India)

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बता दे कि सन 1966 में भारत का पहला कंप्यूटर विकसित हुआ था। इसे ISIJU नाम दिया गया था। इस कंप्यूटर को भारतीय सांख्यिकी संस्थान इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट (Indian Statistical Institute) एवं जावेदपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) ने मिलकर के तैयार किया था। इसीलिए इसका नाम आईएसआईजेयू पड़ा था। इस कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर भी था। पहले भारतीय कंप्यूटर का विकास भारत की तकनीक के लिए महत्त्वपूर्ण चरण था।

राजीव गाँधी बने कंप्यूटर क्रांति के सूत्रधार

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बता दें कि भारत में कंप्यूटर क्रांति के सूत्रधार राजीव गांधी को माना जाता है। राजीव गांधी ने भारत के हर घर में कंप्यूटर एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनके कार्यकाल में ही देश में दो बड़ी टेलीकॉम कंपनी भी शुरू हुई।

बता दें कि सन 1919 में ग्लोबलाइजेशन का दौर चला और सरकार की सहायता से प्राइवेट कंपनियों ने नए सॉफ्टवेयर डेवलप करने का कार्य शुरू किया। सन 1998 में भारत सरकार ने यह घोषित कर दिया कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी भारत का भविष्य होगी।

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News Desk
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तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

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