जंगल में यूं तो कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं, लेकिन उन सब में हिरण की बात सबसे अलग होती है। हिरण एक बहुत ही खूबसूरत और बुद्धिमान जानवर होता है, जो पेड़ पौधों की पत्तियों को खाकर जीवित रहता है। लेकिन इस प्यारे से जीव को हमेशा जंगली जानवरों का खतरा रहता है, जो मांस के लिए इसका शिकार करते हैं।
ऐसे में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक हिरण को फूट-फूट कर रोते हुए देखा जा सकता है। दरअसल इस मादा हिरण को शिकारियों का खतरा था, ऐसे में जब एक आदमी ने हिरण की जान बचाई तो वह उसकी गोद में जाते ही भावुक होकर रोने लगी।
पर्यावरण संरक्षक ने बचाई हिरण की जान
यह घटना राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिले में स्थित लंगेरा गाँव की है, जहाँ एक मादा हिरण का किसी वाहन से एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट की वजह से हिरण के पिछले हिस्से में चोट लगी हुई थी और वह भाग नहीं सकती थी, लिहाजा मादा हिरण गाँव के शिकारी कुत्तों से बचने के लिए एक पेड़ के छिप गई थी। Read Also: युवक ने देसी जुगाड़ से बनाई 6 सीटर इलेक्ट्रिक बाइक, सिर्फ 10 रुपए आता है चलाने का खर्च, आनंद महिंद्रा ने शेयर किया वीडियो
ऐसे में स्थानीय लोगों ने पर्यावरण संरक्षक नरपत सिंह को कॉल किया, जो मूल रूप से लंगेरा गाँव के रहने वाले हैं और हिरण के बचाव के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं। ऐसे में नरपत सिंह तुरंत लंगेरा गाँव पहुँचे और उन्होंने देखा कि मादा हिरण घायल अवस्था में पेड़ के पीछे छिपी हुई है, जिसके बाद नरपत सिंह ने उसे रेस्क्यू किया।
जान बचाने पर फूट फूटकर रोने लगी हिरण
इसके बाद नरपत सिंह घायल हिरण को लेकर 12 किलोमीटर दूर बाड़मेर में स्थित राजकीय पशु अस्पताल पहुँचे, जहाँ डॉक्टर ने मादा हिरण की जांच की। डॉक्टर ने बताया कि मादा हिरण गर्भवती है, जिसके बाद डॉक्टर ने उस इंजेक्शन लगा दिया और हिरण की घायल अवस्था में थोड़ा-सा सुधार हुआ।
इसके बाद नरपत सिंह ने हिरण को गोद में उठा लिया और उसे प्यार से दुलारने लगे, जबकि हिरण नरपत सिंह की गोद में जाते ही भावुक होकर रोने लगी। हिरण को रोते हुए देख नरपत सिंह भी अपने आंसू कंट्रोल नहीं कर पाए, जिसके बाद उन्होंने हिरण को गले से लगा लिया और फिर वन विभाग के कर्मचारियो की मदद से हिरण को जंगल में छोड़ दिया।
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ग्रीन मैन कहलाते हैं नरपत सिंह
आपको बता दें कि नरपत सिंह को राजस्थान का ग्रीन मैन माना जाता है, जिन्होंने पर्यावरण और जंगली जानवरों को संरक्षित करने के लिए अहम मुहिम शुरू की थी। नरपत सिंह ने साल 2019 में साइकिल के जरिए 31 हजार 121 किलोमीटर का लंबा सफर तय किया था, जिससे आम लोगों को जल, जंगल और जीवों को बचाने का संदेश मिल सके।
नरपत सिंह की यह साइकिल यात्रा जम्मू एयरपोर्ट शुरू हुई थी, जिसके तहत वह पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से होकर गुजरी थी, जो 20 अप्रैल 2022 को जयपुर के अमर जवान ज्योति पर आकर समाप्त हुई थी। नरपत सिंह अब तक 180 से ज्यादा घायल हिरणों की जान बचा चुके हैं, जो बाड़मेर और लंगेरा गाँव के आसपास घूमते हैं।