नब्बे के दशक में पैदा होने वाले बच्चे ऑडियो कैसेट से भली भांति परिचित होंगे। कैसे एक बड़ा-सा टेप रिकार्डर होता था, उसमें कैसेट लगाकर घंटों तक गाने सुने जाते थे। कैसे उसकी रील जब फंस जाती थी तो, मानो गाने का सारा मज़ा ही किरकिरा-सा हो जाता था। उस दौर में जो लोग गानों के दीवाने होते थे उनके घर मानो कैसेट का अंबार लगा रहता था। लोग दूर-दूर से आकर उनके घर से कैसेट उधार ले जाया करते थे और कुछ दिनों बाद गाने सुनकर वापिस दे जाया करते थे।
घर में यदि कोई कार्यक्रम हो तो स्पेशल फ़िल्मी गानों की कैसेट बाज़ार से खरीदने जाया करते थे। कमाल की ही थी उन दिनों की वह यादें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम सभी के बीच लाने वाले इन कैसेट के आविष्कारक Lou Ottens अब इस दुनिया में नहीं रहे। आइए जानते हैं कैसा रहा था Lou Ottens के जीवन का सफ़र और कैसे उन्होंने बना दी थी हम सभी की पसंददीदा कैसेट जिसके हम सभी दीवाने हो गए थे।
कौन थे Lou Ottens
Lou Ottens का जन्म नीदरलैंड में हुआ था और उनका का निधन 94 साल की उम्र में हो गया। वह नीदरलैंड के रहने वाले थे। 1960 में Lou Ottens को Philips कंपनी में प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (Product devlopment departmemt) में हेड के रूप में नियुक्त किया गया था। इस दौरान ही उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर ऑडियो कैसेट्स की खोज की।
कहा जाता है कि नौकरी के दौरान ही उन्होंने फिलिप्स (Philips) और सोनी (Sony) के बीच एक बड़ी डील पक्की की थी। जिसके बाद वह दुनिया में बेहद लोकप्रिय हो गए थे। आपको बता दें कि उन्होंने 1961 में दुनिया के सामने पहला टेप रिकार्ड बनाकर पेश किया था। जिसे लोगों ने हाथों हाथ लिया था। आज इस टेप रिकार्ड की अब तक 10 लाख से भी अधिक कॉपी बाज़ार में बेची जा चुकी है।
कैसा था Lou Ottens का जीवन का सफर
साल 1926 को Bellingwolde में जन्मे टेप रिकॉर्डर आविष्कारक Lou ottens ने इंजीनियरिंग में पढ़ाई पूरी की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उन्होंने साल 1952 में बेल्जियम में एक फैक्ट्री में नौकरी करनी शुरू कर दी थी। ये Lou Ottens की मेहनत की बदौलत ही संभव हुआ कि आजतक 100 बिलियन ऑडियो कैसेट और 20 करोड़ से ज़्यादा सीडी बाज़ार में बेची जा चुकी हैं। जो कि बताता है कि लोग उनकी बनाई कैसेट को सुनने के कितने दीवाने थे।
शुक्रिया! Lou Ottens
आज भले ही तरह-तरह के मेमोरी कार्ड आ गए हो। एक ही चिप में हजारों गाने रखने की सुविधा हो, पर वह जमाना अलग ही था। जब हम एक कैसेट को घंटे-घंटे ठीक करने में गुजार दिया करते थे। किसी की उधार मांगी कैसेट खो जाने पर सारा घर उलट दिया करते थे। आज यदि हमारे घर वह कैसेट किसी कोने में पड़ी हों तो उन्हें एक बार फिर साफ़ कर करके ही Lou Ottens को असली श्रद्धांजलि दी जा सकती है।
‘Awesome Gyan‘ की तरफ़ से भी Lou Ottens को नमन। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं रहे पर उनकी बनाई कैसेट से जुड़ी खट्टी-मीठी यादें हम सभी के जहन में हमेशा ताज़ा रहेंगी।