भारत में विभिन्न प्रकार के फल बड़े पैमाने पर खाए जाते हैं, जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी होते हैं। आज तक आपने आम, अनार और सेब जैसे फलों के बारे में सुना होगा, जो बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होते हैं।
लेकिन आज हम आपको भारत में बिकने वाले कुछ ऐसे रेयर फलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका स्वाद शायद ही आपने कभी चखा होगा। यह फल जितने रेयर हैं, उनका स्वाद और फायदे उतने ही ज़्यादा हैं। तो आइए जानते हैं उन दुर्लभ फलों के बारे में-
करोंदा (Carissa Carandas)
सफेद, हरे और हल्के गुलाबी रंग का करोंदा बहुत ही खट्टा फल है, जो मुख्य रूप से झाड़ीनुमा पेड़ में लगता है। भारत में करोंदा का इस्तेमाल सब्जी और चटनी बनाने के लिए किया जाता है, जो दांतों और पेट सम्बंधी बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। इसके साथ ही करोंदा का सेवन करने से इ म्यूनिटी मज़बूत होती है।
फालसा (Phalsa)
गर्मी के मौसम में फालसा का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है, जो छोटे आकार का बहुत ही रसीला फल है। फालसा में सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस समेत विभिन्न पोषक तत्व होते हैं, इसके साथ ही फालसा का सेवन करने से गर्मी के मौसम में लू नहीं लगती है और शरीर में पानी की मात्रा बनी रहती है।
कमरख (Carambola)
कमरख यानी स्टार फ्रूट बहुत ही खट्टा फल होता है, जो मुख्य रूप से साउथ एशिया में खाया जाता है। कमरख को काटने पर इसका आकार सितारे की तरह लगता है, इसलिए इसे स्टार फ्रूट कहा जाता है। कमरख को आमतौर पर चाट में कच्चा इस्तेमाल किया जाता है, ताकि वह खट्टा स्वाद दे। हालांकि अगर इस फल को पका कर चटनी बनाई जाए, तो उसका स्वाद मीठा हो जाता है। कमरख इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
मैंगोस्टीन (Mangosteen)
बैंगनी रंग का मैंगोस्टीन एक दुर्लभ फल है, जिसका आकार संतरे के बराबर होता है। यह फल फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी मज़बूत करता है। मैंगोस्टीन बाहर से बैंगनी दिखाई देता है, लेकिन इसके अंदर का फल सफेद होता है। इस फल का स्वाद काफ़ी हद तक आम की तरह होता है, हालांकि इसका गुदा थोड़ा कम रसीला होता है।
लोटका
भारत समेत श्रीलंका, म्यांमार, कंबोडिया और हवाई में खाया जाने वाला लोटका बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का फल है, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। यह फल बाहर से हल्के पीले रंग का होता है, जिसके छिलके कांटेदार होते हैं। लोटका के अंदर सफेद रंग का गूदा होता है, जो लीची की तरह बहुत ही मीठा और रसीला होता है। इस फल का इस्तेमाल जूस और सिरप बनाने के लिए किया जाता है, जो बाज़ार में बहुत ही कम मात्रा में बिकता है।