हम आए दिन सब्जियाँ महंगी होने की शिकायत करते हैं, क्योंकि अक्सर सब्जियों के दाम ऊपर नीचे होते रहते हैं, पर ज़्यादा से ज़्यादा भी आपने कितनी महंगी सब्जी खरीदी होगी? आज हम एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने वाले हैं, जो 1 लाख रुपए किलो की क़ीमत पर बिकती है। निश्चित तौर पर आपको यह पढ़कर हैरानी हुई होगी और आप इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे होंगे, पर यह सच है।
अब तो बिहार के एक किसान ने भी यह सब्जी बिहार में उगाना शुरू कर दी है। इस सब्जी की जितनी अधिक क़ीमत है उतने ही ज़्यादा इसके गुण भी हैं। 1 लाख की इस सब्जी की ख़बर सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है।
यह सब्जी है हॉप-शूट्स (Hop Shoots)
हम जिस सब्जी की बात कर रहे हैं उसका नाम है हॉप-शूट्स (Hop Shoots) । दिखने में यह सब्जी घास के जैसी होती है, पर यह कई तरीके से उपयोग की जाती है। इस सब्जी के फूलों का प्रयोग ज्यादातर बीयर में फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है और इसके अलावा हर्बल दवाइयों और सब्जी के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
गौरतलब है कि हॉप-शूट की खोज 11वीं शताब्दी में हुई थी। पहले इसका उपयोग हर्बल चिकित्सा में किया जाता था फिर बाद में इसे सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल करने लगे थे। इसकी खेती कई यूरोपीय देशों जैसे कि ब्रिटेन, जर्मनी इत्यादि देशों में होती है। भारत में भी पहले हिमाचल प्रदेश में इसकी खेती हुई थी, परन्तु बहुत ज़्यादा मूल्य होने के कारण यह अधिक नहीं चली।
कैसे फायदेमंद है यह सब्जी?
ऐसा कहा जाता है कि इस सब्जी में ह्यूमलोन और ल्यूपुलोन नामक एंटीबायोटिक ए सिड पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म करने में कारगर होते हैं। इस सब्जी से पाचन तंत्र भी सुधरता है तथा यह डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत असरकारक है। इससे अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है। यही वज़ह है कि यह सब्जी इतनी महंगी बिकती है।
बिहार के यह किसान हैं हॉपशूट्स की खेती करने वाले पहले भारतीय
बिहार के औरंगाबाद में करमडी के रहने वाले 38 वर्षीय अमरेश सिंह (Amresh Singh) ने अपनी 5 कट्ठे की भूमि में हॉप-शूट्स की खेती की शुरूआत की है। अमरेश सिंह पेशे से खेती का काम करते हैं। उन्होंने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. लाल की देखरेख में यह खेती शुरू की।
अमरेश सिंह हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से इंटरमीडिएट पास व्यक्ति हैं। आपको बता दें कि करीब दो महीने पूर्व उन्होंने इस सब्जी का पौधा लगाया था, वह अब धीरे-धीरे वृद्धि कर रहा है। इस पौधे के अमरेश की उम्मीदें जुड़ी हैं, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। उन्हें भरोसा है कि अब इसकी खेती से बिहार में भी बदलाव आएगा।
हॉपशूट्स पौधे के सारे भाग हैं उपयोगी, टीबी के इलाज़ में भी होता है इस्तेमाल
हॉप-शूट सब्जी के पौधे में लगने वाले फल और फूलों के साथ इसकी टहनियों का भी उपयोग किया जाता है। इसके सभी भागों के इस्तेमाल पेय उत्पाद बनाने तथा एंटीबायोटिक दवाइयाँ निर्मित करने में होता है। इतना ही नहीं, इसके तने जो दवाई बनाई जाती है, उसका प्रयोग टीबी के इलाज़ में किया जाता है। इस पौधे में लगने वाले फूल को हॉप-कोन्स अथवा स्ट्रोबाइल कहते हैं। इसकी टहनियों को भोजन में और दवा बनाने में दोनों ही प्रकार से उपयोग किया जाता है। हॉप-शूट में एंटीऑक्सिडेंट तत्व भी पाए जाते हैं, इस कारण से यूरोपीय देशों में इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के तौर पर बहुत ज़्यादा किया जाता है। वहाँ इसे शरीर की त्वचा को चमकदार व युवा बनाए रखने के लिए भी प्रयोग करते हैं।
पहले ऑर्डर देना होगा, तभी मिलेगी यह सब्जी
इंटरनेशनल मार्केट में 6 वर्षों पहले भी इस सब्जी को 1000 पाउंड प्रति किलोग्राम के मूल्य से बेचा जाता था। 1000 पाउंड यानी करीब 1 लाख रुपये में। यह सब्जी भारतीय मार्केट में कम ही नज़र आती है। इसे लेने के लिए ख़ास तौर पर आर्डर देना होता है तभी इसे खरीद सकते हैं। अमरेश ने बताया कि इसकी 60 % से ज़्यादा खेती सफलतापूर्वक हो गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सब्जी की खेती को बढ़ावा देने हेतु कुछ विशेष व्यवस्था करेंगे तो उससे किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें कुछ ही सालों में दूसरी चीजों की खेती की अपेक्षा 10 गुना ज़्यादा मुनाफा होगा।
IAS सुप्रिया साहू ने किया ट्वीट, कहा-‘इसकी खेती किसानों के लिए गेम चेंजर साबित होगी’
इसी मुद्दे पर आईएएस सुप्रिया साहू (IAS Supriya Sahu) ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है की, “इस सब्ज़ी की एक किलो की क़ीमत करीब 1 लाख रुपये है। दुनिया की सबसे महंगी सब्जी होपशूट्स की खेती बिहार के औरंगाबाद में अमरेश सिंह कर रहे हैं। भारत में की जाने वाली इस तरह की पहली खेती है। भारतीय किसानों के लिए इसकी खेती गेम चेंजर साबित हो सकती है।” उनकी कुछ फोटोज भी IAS ऑफिसर सुप्रिया साहू ने अपनी ट्विटर आईडी से साझा की हैं।
भारत सरकार भी इस सब्जी की खेती पर वैज्ञानिक रिसर्च करवा रही है और ऐसी आशा की जा रही है कि शीघ्र ही भारत के अन्य किसान भी होपशूट्स की खेती की जानकारी लेकर इसे उगाएंगे।