घर के आसपास हरियाली होना दिल और दिमाग़ को बहुत सुखद अनुभव देता है, इससे न सिर्फ़ पर्यावरण की सुंदरता बढ़ती है बल्कि हमारी ऑक्सीजन की ज़रूरत भी पूरी होती है। लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण पेड़ पौधों की कई प्रजातियाँ लुप्त होती जा रही हैं, जिसकी वज़ह से हवा की गुणवत्ता भी दिन ब दिन खराब हो रही है।
ऐसे में भोपाल की रहने वाली साक्षी भारद्वाज (Sakshi Bhardwaj) ने अपने घर को ही एक खूबसूरत जंगल में तब्दील कर दिया है, जिनकी कहानी उन तमाम लोगों के लिए सबक है जो पर्यावरण को दूषित करने का काम करते हैं। तो आइए जानते हैं साक्षी के मिनी जंगल से जुड़ी कुछ अहम बातें-
मिनी जंगल में सैकड़ों पौधों की प्रजातियाँ
मध्य प्रदेश के भोपाल में रहने वाली 25 वर्षीय साक्षी भारद्वाज (Sakshi Bhardwaj) ने अपने घर पर एक मिनी जंगल बनाया है, जिसमें 4000 पेड़ पौधों की 450 विभिन्न प्रजातियाँ मौजूद हैं। इसके अलावा साक्षी ने अपने इस मिनी जंगल में 150 विदेशी पौधों की प्रजातियाँ भी उगाई हैं, जो उनके घर को बेहद खूबसूरत लुक देता है। साक्षी को पेड़ पौधों और पर्यावरण से बेहद लगाव है, लिहाजा उन्होंने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए गार्डनिंग शुरू कर दी। अपने मिनी जंगल को आकर्षक बनाने के लिए साक्षी ने सिम्पल से दिखने वाले नारियल के खोल, रिसायकल की गई बोतल और प्लास्टिक डिब्बों का इस्तेमाल किया है। उनके इस खूबसूरत मिनी जंगल को देखते ही प्रकृति की असीम सुंदरता का एहसास होता है, जिसमें बस खो जाने का दिल करता है।
रिसायकल चीजों से हरियाली
साक्षी भारद्वाज को बचपन से ही बागवानी का शौक था, यही वज़ह थी कि उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री हासिल की। इसके बाद साक्षी ने साल 2019 में मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर छात्रों को कृषि विषय पढ़ाना शुरू कर दिया। ऐसे में छात्रों को कृषि की बारीकियाँ समझाते हुए साक्षी के मन में बागवानी को लेकर एक विशेष रूचि जागने लगी, लिहाजा उन्होंने अपने ज्ञान और सूझबूझ की मदद से घर पर पौधे उगाना शुरू कर दिया।
इसके बाद साक्षी ने कई तरह के अलग-अलग पौधे खरीदे और उन्हें अपने गार्डन में लगाना शुरू कर दिया, उन्होंने देसी प्रजातियों के साथ-साथ विदेशी पौधों को उगाने में भी दिलचस्पी दिखाई। साक्षी ने घर पर ही पौधों के लिए खाद बनाने के लिए नींबू और संतरे के छिलकों का इस्तेमाल किया, जो पौधों के लिए खाद और औषधि दोनों का काम करते हैं। अपने गार्डन की सुंदरता बढ़ाने के लिए साक्षी ने पौधों को नारियल के खोल, प्लास्टिक बोतल और डिब्बों में उगाना शुरू कर दिया, साथ ही उन रिसायकल चीजों को रंग बिरंगे कलर से खूबसूरत रूप भी प्रदान किया।
साक्षी रोजाना नारियल पानी पीती हैं, ऐसे में उन्होंने नारियल के खोल को फेंकने के बजाय उसका इस्तेमाल पौधे लगाने के लिए किया। खोल में पानी के रिसाव को रोकने के लिए साक्षी ने नारियल की भूसी का इस्तेमाल किया, जिससे पानी अचानक से बाहर नहीं निकलता। नारियल का खोल इतना मज़बूत होता है कि वह आसानी से नहीं टूटता, ऐसे में आंधी तूफान या तेज हवा चलने की स्थिति में भी साक्षी के पौधें बिल्कुल सुरक्षित रहते हैं। साक्षी ने नारियल के खोल को अंदर से अच्छी तरह से साफ़ किया और उसे 1-2 दिन सूखने दिया।
इसके बाद उन्होंने नारियल के ऊपरी हिस्से पर दो छेद किए और उनमें पतली रस्सी लगा दी, ताकि नारियल के खोल को दिवार पर आसानी से लटकाया जा सके। फिर नारियल के खोल में मिट्टी और खाद डाल कर पौधा लगा दिया और नियमित रूप से उसकी देखभाल की। साक्षी कीचन से निकलने वाली चायपत्ती से लेकर जैविक पॉटिंग मिक्स तक हर चीज का इस्तेमाल खाद के रूप में करती हैं, इससे पौधों बेहतर ढंग से बढ़ते हैं और उनका जीवन लंबा होता है।
विदेशी पौधों को उगाने में रूचि
जब साक्षी ने अपने गार्डन में पौधे लगाना शुरू किया, तो उन्होंने गिनती के ही कुछ विदेशी नस्ल के पौधे उगाये थे। लेकिन साल 2020 की शुरुआत में उन्हें सोशल मीडिया के जरिए एक शहरी बागवानी कम्युनिटी के बारे में पता चला। यह कम्युनिटी गार्डनर, मॉन्स्टेरा और फिलोडेड्रन्स (Monstera and Philodendron) जैसे विदेशी पौधों के बारे में लोगों को जानकारी देती थी और उन्हें घर पर उगाने के लिए प्रोत्साहित भी करती थी। उस कम्युनिटी के संपर्क में आने के बाद साक्षी ने विदेशी पौधों को भी अपने गार्डन में उगाना शुरू कर दिया, इस तरह उनका गार्डन धीरे-धीरे एक मिनी जंगल में तब्दील होता चला गया।
साक्षी हैरान थी कि उनके गार्डन में विदेशी पौधों की नस्लें इतने बेहतर ढंग से उग रही हैं, जिसमें स्नेक प्लांट, मॉन्स्टेरा, फिलोडेंड्रन और बेगोनिआ शामिल हैं। साक्षी ने पौधों की अच्छे विकास के लिए उनमें जैविक पॉटिंग मिक्स और वर्मीकम्पोस्ट मिलाया, साथ ही नियमित रूप से पौधों को पानी देना, धूप लगाना और कटाई छंटाई जैसी ज़रूरतों का भी पूरा ख़्याल रखा।
साक्षी भारद्वाज (Sakshi Bhardwaj) की इसी मेहनत और लगन की वज़ह से आज उनका छोटा-सा गार्डन एक खूबसूरत जंगल का रूप ले चुका हैं, जहाँ देसी और विदेशी पौधों की 600 प्रजातियाँ मौजूद हैं। ऐसे में साक्षी का घर 4000 हज़ार छोटे बड़े पौधों से घिरा हुआ है, यकीनन यह खूबसूरत नजारा जो कोई भी देखता होगा उसकी आंखों को असीम सुकून और शांति का एहसास होता होगा।