Keeda Jadi Mushroom Farming – भारत एक कृषि प्रधान देश है। आपने ये बात तो बचपन से ही सुनते आए होंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत जैसे विशाल देश की अर्थव्यवस्था (Economy) आज भी कृषि के सहारे पर ही टिकी हुई है। लॉकडाउन के चलते जब देश की अर्थव्यवस्था गिरने लगी थी, तो इसे केवल किसानों ना ही संभाला था। एसे में आप समझ सकते हैं कि भारत जैसे देश के लिए खेती-किसानी कितना महत्त्व रखती है। खेती सिर्फ़ पेट ही नहीं देश की आर्थिक सेहत भी बखूबी सही रखती है।
आज भी हम आपको भारत की एक ऐसी ही खेती का उदाहरण देने वाले हैं कि कैसे आज भारत के किसान आधुनिक भी हो रहे हैं और जागरूक भी। जिन तकनीकों से साथ आज वह खेती कर रहे हैं, उसे देखकर कई बार तो लगता है मानो ये कोई कृषि वैज्ञानिक हैं। क्योंकि आज हम आपको जिस किसान की कहानी बताने जा रहे हैं, उसने एक छोटे से कमरे में मशरूम की खेती की है और उससे ही वह लाखों रुपए भी कमा रहा है। इस तरह की खेती में ना तो मौसम की परवाह करनी होती है, ना धूप-छांव की। आइए जानते हैं कौन हैं वह किसान और कैसे कर रहे हैं 10×10 के कमरे में मशरूम की खेती।
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ये है वह किसान Mushroom Farmer Parveen
इस किसान का नाम प्रवीण (Parveen) है। आज ये किसान अपने घर के ही 10×10 के कमरे में मशरूम (Mushroom Farming) की खेती कर रहा है। जिससे इसकी हर साल 60 लाख रुपए सालाना आमदनी भी हो रही है। ये फिलहाल Keeda Jadi Mushroom की क़िस्म की खती कर रहे हैं। पिछले एक साल से इन्होंने खेती करने के लिए खेत को छोड़कर कमरे को ही अपना खेत बना दिया है। जिससे इनकी भरपूर आमदनी के साथ एक नई पहचान भी बन रही है। आज वह अपने आसपास के जिले में मशरूम वाले किसान के नाम से जाने जाते हैं।
कमरे को बना दिया लैब
प्रवीण (Mushroom Farmer Parveen) ने बताया कि वह पिछले एक साल से इस तरह की खेती कर रहे हैं। साथ ही वह जो मशरूम उगा रहे हैं, वह दुनिया की सबसे महंगी क़िस्म होती है। प्रवीण कहते हैं कि इस तरह की खेती कोई भी किसान अपने घर के एक कमरे पर ही कर सकता है। बस थोड़ी जानकारी और सही समझ हो तो ये काम बेहद आसान होता है। आज उन्होंने घर के ही एक कमरे को लैब (Lab) बना दिया है। इसमें वह किसी भी क़िस्म की मशरूम को बड़ी ही आसानी से उगा सकते हैं।
कैसे बनाएँ कमरे को लैब
मशरूम की खेती (Mushroom Farming) करने वाले किसान बताते हैं कि घर पर ही कमरे को लैब बनाने में तकरीबन 7 से 8 लाख रुपए का ख़र्च आता है। जिसके बाद इस कमरे में मशरूम उगाई जा सकती है। इस लैब को बनाने के बाद आप साल में चार बार यानी हर तीन महीने में एक फ़सल ले सकते हैं। एक कमरे में तकरीबन पांच किलो मशरूम उगाई जा सकती है। जिससे आप डेढ से दो लाख रुपए कमा सकते हैं।
नहीं रहेगा मौसम का रिस्क
हम अमूमन देखते हैं कि किसानों की फ़सल कभी सूखे के चलते कभी बाढ़ के चलते खराब हो जाती है। ऐसे में आमदनी तो दूर खेती के लिए घर से भी पैसा और लगाना पड़ता है। लेकिन इस लैब वाली खेती में कोई रिस्क नहीं है। यहाँ तक कि इस लैब में सर्दी की फ़सल गर्मी में भी बड़ी आसानी से उगाई जा सकती है। क्योंकि लैब में बाहरी तापमान का कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। इसलिए इसे रिस्क फ्री खेती भी कहा जा सकता है।
खेती से परेशान किसानों के लिए नजीर
आज जो किसान खेती से परेशान हो चुके हैं। पारंपरिक फसलों की बेहतरीन उपज के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं प्राप्त हो रहा है। उनके लिए प्रवीण (Mushroom Farmer Parveen) नजीर बनकर उभरे हैं। उन्हें प्रवीण से सीखना चाहिए कि कैसे बड़े-बड़े खेतों में जो आमदनी नहीं हो पा रही है, उसे प्रवीण एक कमरे के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं। वह भी बिना किसी रिस्क के। इसलिए आज ज़रूरत है कि किसान भी आधुनिक हो। पारंपरिक फसलों को छोड़कर नई खेती में हाथ आजमाएँ।