आज हमारे पास जो भी कुछ है सबकुछ विज्ञान की ही देन है। यहाँ तक कि आज आप जिस स्मार्टफोन में ये ख़बर भी पढ़ रहे हैं वह भी विज्ञान की ही देन है। विज्ञान ने मानव के जीवन को बेहद आसान बना दिया है। एक जमाना था जब था जब व्यक्ति पूरा जीवन छोटे से दायरे में सिमटकर बिता देता था। लेकिन आज वह चाहे तो कुछ ही दिनों में पूरी दुनिया की यात्रा कर सकता है। जो कि विज्ञान की मदद से ही संभव हो पाया है।
आज हम आपको विज्ञान के ऐसे ही एक नए क़दम से जुड़ी बात बताने जा रहे हैं। विज्ञान अब धरती के बाद आकाश में भी मनुष्य को ले जाने की तैयारी कर रहा है। वह भी रिसर्च आदि के लिए नहीं, बाल्कि होटल में घूमने के लिए। स्पेस में जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। आइए जानते हैं क्या होगा इस होटल में ख़ास और कैसे जा सकते हैं आप।
2025 में रखी जाएगी आधारशिला
जानकारी के मुताबिक साल 2025 में इस होटल को बनाने की आधारशिला रखी जाएगी। जिसके दो साल बाद ये पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। माना जा रहा है कि ग्रुप ऑर्बिटल असेंबली की तरफ़ से इसका निर्माण कार्य किया जाएगा। जो कि तमाम खूबियों से लैस होगा।
6 साल बाद हो जाएगा तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस होटल को बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। साल 2027 तक ऑर्बिटल असेंबली कॉर्पोरेशन के इस वोयेजर स्टेशन (Voyager Station) को तैयार कर लिया जाएगा। यह होटल पूरी तरह से गोल आकार का रहेगा। जो कि आर्टिफिशल ग्रेविटी पैदा करने के लिए घूमता रहेगा। आपको बता दें कि पृथ्वी का पूरा चक्कर यह होटल 90 मिनट में लगा लेगा। हांलाकि, इसके घूमने से आपको किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
सभी सुविधाओं से होगा लैस
ऐसा नहीं है कि आप आकाश में रहकर किसी तरह की परेशानी का अनुभव करेंगे। इस होटल में आपके आराम को देखते हुए रेस्तरां, जिम, लाइब्रेरी और आपके मनोरंजन के लिए सिनेमा की व्यवस्था भी रहेगी। इस होटल में करीब 400 कमरे मेहमानों के लिए बुक किए जाएंगे। जिनमें पृथ्वी से जाने वाले लोग रह सकेंगे।
विज्ञान की मानी जाएगी नई कामयाबी
विज्ञान ने कई दशकों से इंसान को स्पेस में ले जाने का विचार बनाया हुआ है। परंतु कभी मौसम और कभी वहाँ की जलवायु के चलते ये सब संभव ही नहीं हो पा रहा था। वर्ष 1950 के दौरान नासा (NASA) के अपोलो प्रोग्राम से जुड़े वर्नर वॉन ब्रॉन ने पृथ्वी के चारो तरफ़ इस तरह से चक्कर लगाते स्पेस स्टेशन का विचार वैज्ञानिकों के सामने रखा था। लेकिन यह स्पेस स्टेशन उससे कहीं बड़े स्तर का है। यदि यह स्पेस स्टेशन बनने में कामयाब रहा तो स्पेस की सैर पर सिर्फ़ वैज्ञानिक ही नहीं, बाल्कि आप और हम भी जा सकते हैं। बस इसका ख़र्च ज़मीन पर मौजूद होटलों से कुछ ज़्यादा होगा।
कमाई का ज़रिया भी बनेगा
अंतरिक्ष एंजेसियों के लिए पैसा जुटाना आज भी एक चुनौती रहती है। ऐसे में यदि ये होटल बनकर तैयार होता है तो इससे विज्ञान तो आगे बढ़ेगा ही साथ ही इस होटल से होने वाली आमदनी से अंतरिक्ष एजेंसियों पर से ख़र्च का बोझ भी कम होगा। क्योंकि इस होटल में जाने वाले लोगों को एक निश्चित क़ीमत भी चुकानी पड़ेगी। जो कि अंतरिक्ष एजेंसी निर्धारित करेगी। हांलाकि, इस बात में भी कोई दोहराय नहीं है कि विज्ञान सोचता तो बहुत कुछ है पर हक़ीक़त उनमें से कुछ ही चीजें हो पाती हैं। ऐसे में फिलहाल इस होटल का सपना भी भविष्य के गर्भ में छुपा है।