Reverse Waterfall – प्रकृति अपने आप में कई सारे रहस्यों को समेटे हुए होती है। इसकी सुंदरता को देखकर आप भी इसके नज़दीक जाने से ख़ुद को रोक नहीं सकते। इनके गूढ़ रहस्यों को जान पाना भी काफ़ी मुश्किल होता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको महाराष्ट्र स्थित एक ऐसे ही रहस्यमई झरने के बारे में बताने जा रहे हैं जो ऊपर से नीचे बहने के बजाय नीचे से ऊपर बहता हुआ प्रतीत होता है।
कई विद्वानों द्वारा भी प्रकृति को अलग-अलग शब्दों में परिभाषित किया गया है जैसे:-मैक्सिम लैगेस ने कहा है कि “प्रकृति को खोज कर आप स्वंय को खोज लेते है।” तो वहीं दूसरी ओर फ्रैंक लॉएड राइट ने कहा है कि “प्रकृति का अध्ययन करें, प्रकृति से प्रेम करें, प्रकृति के निकट रहे यह आपको कभी हताश नहीं करेगी।”
पुणे से लभगग 129 किमी व मुंबई से 165 किमी दूर है
यह चमत्कारिक झरना महाराष्ट्र के नानेघाट में स्थित है, जो पुणे से लभगग 129 किमी व मुंबई से 165 किमी दूर है। इसे नाना घाट के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें तो महाराष्ट्र के नज़दीक कोकण तट और दक्षिणी पठार के मध्य में स्थित एक पर्वत माला है, जहाँ आप इस रिवर्स वॉटरफॉल को देखने का आनंद उठा सकते हैं। नानेघाट स्थित यह झरना महाराष्ट्र के जुन्नर ज़िले (Junnar District) में स्थित है। इस झरने को एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भी देखा जाता है।
यह झरना न्यूटन के नियम के बिल्कुल विरुद्ध प्रतीत होता है
जहाँ एक ओर भौतिकी शास्त्र के ज्ञाता न्यूटन ने हमें गुरुत्वाकर्षण के नियम यानी (law of gravity) के बारे में बताया है, जिसमें उन्होंने यह कहा है कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही चीजें ऊपर से नीचे की ओर आती हैं। तो वहीं दूसरी ओर इस झरने को देखने के बाद यह न्यूटन के नियम के बिल्कुल विरुद्ध प्रतीत होता है। इसे देखने के बाद हर कोई यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आख़िर यह झरना (reverse waterfall) नीचे से ऊपर की ओर कैसे बहता है?
इसके पीछे का कारण है वहाँ की तेज़ बहती हवाएँ
अगर इस झरने के पीछे की सच्चाई को देखा जाए तो ऐसा कहा जाता है कि यह सिर्फ़ एक भ्रम है और इसके पीछे का कारण है वहाँ की तेज़ बहती हवाएँ जो झरने के पानी यानी उसके बहाव को नीचे से ऊपर की ओर धकेलती है। यही कारण है कि यह झरना लोगों को उल्टा बहता हुआ नज़र आता है।
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झरने को मानसून के समय में देखने की तो बात ही निराली है
महाराष्ट्र का यह खूबसूरत झरना वहाँ आने वाले लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना रहता है। झरने को मानसून के समय में देखने की तो बात ही निराली है, क्योंकि मानसून के समय पानी का बल बहुत तेज होता है। वहाँ जाकर इस झरने को देखना एक अलग ही ताज़गी और एहसास शरीर में पैदा करता है।
झरने को देखने के लिए आप भी ट्रैकिंग करते हुए जा सकते हैं
ऐसा कहा जाता है कि अगर आप भी इस खूबसूरत से प्राकृतिक झरने का नजारा देखना और लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आप वहाँ ट्रैकिंग करते हुए जा सकते हैं, जो आपके लिए बिल्कुल नया और अलग एहसास होगा। आपको बता दे तो सालों भर महाराष्ट्र के सिंहगढ़ स्थित किले पर दूर-दूर से आने जाने वाले लोगों का हुजूम लगा रहता है। उस झरने को लेकर सबसे ज़्यादा लोगों के मन में उत्सुकता होती है कि आख़िर इसके पीछे का रहस्य क्या है और यह कैसा दिखता है। तो आप भी देर मत कीजिए और जब भी महाराष्ट्र जाइए तो झरने को देखना न भूलिए।