Nag Panchami 2023 Date : हिंदू धर्म में देवताओं के साथ साथ पशु-पक्षी, कीट-पतंगों को भी पूजा जाता है। ऐसे ही नागों को समर्पित एक प्रमुख त्योहार है, नागपंचमी जो भारत और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं, इस साल कब पड़ रही है नागपंचमी और इस त्योहार का महत्त्व क्या है, क्यों करते हैं नागों की पूजा..
इस वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त की रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 22 अगस्त को रात 2 बजे तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को सोमवार को मनाया जाएगा। नागपंचमी के दिन नागों की पूजा के लिए ढाई घंटे का शुभ मुहूर्त होगा। पूजा इस दिन सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक की जा सकती है। नागपंचमी पर इस वर्ष 2 शुभ योग होंगे। सुबह से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक शुभ योग रहेगा और उसके बाद पूरी रात शुक्ल योग रहेगा।
नागपंचमी के दिन नागराज (सांपों के राजा) की विशेष रूप से पूजा की जाती है। यह त्योहार मनाने का उद्देश्य नागों के साथ साथी सम्बन्धों को स्थायी करना है। इस दिन लोग नागमणि या नागराजा को दूध, घी, खीर, फूल, धूप, चादर और जल आदि से पूजते हैं। यह त्योहार विशेष रूप से भारतीय ग्रामीण इलाकों में प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन पूजा करने से सांप या नागों के साथी सम्बन्ध स्थापित होता है, उनसे परिवार की सुरक्षा होती है और उनको लेकर मन का भय समाप्त हो जाता है। वहीं, जिस जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो, उसे नागपंचमी के पूजन से लाभ मिलता है।
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