हमारे देश में माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है, जो अपना पूरा जीवन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित कर देते हैं। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ बच्चे बड़े होने के बाद अपने बुजुर्ग माता-पिता का सम्मान करना भूल जाते हैं और उन्हें बोझ समझ कर वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं।
ऐसे बच्चों को आंध्र प्रदेश में रहने वाले श्रवण कुमार से कुछ सीखना चाहिए, जिन्होंने अपनी माँ की याद में एक भव्य मंदिर बनवाया है। इस मंदिर में श्रवण कुमार अपनी माँ की मूर्ति की स्थापना करवाएंगे, जहाँ रोजाना उनकी पूजा की जाएगी।
Srikakulam, Andhra Pradesh | Son builds temple in memory of mother
— ANI (@ANI) November 10, 2022
I loved my mother & lost her a few years ago. I wanted to build her a temple & hired workers from Bihar. Work started in 2019. My mother's Idol will be six feet & sculptured with single stone: Son Sravan Kumar pic.twitter.com/IxD2AJFHSy
बेटे ने बनाया माँ के लिए मंदिर
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाले श्रवण कुमार बचपन से ही अपनी माँ के बहुत ज्यादा करीब थे, लेकिन कुछ साल पहले उनकी माँ का निधन हो गया था। ऐसे में श्रवण कुमार ने अपनी माँ की याद में भव्य मंदिर बनवाने का फैसला किया था, जिसके बाद उन्होंने साल 2019 में मंदिर बनवाने का काम शुरू करवाया था।
इतना ही नहीं श्रवण कुमार मंदिर के अंदर अपनी माँ की 6 फीट ऊंची प्रतिमा को स्थापित करने का प्रण भी लिया था, जिसे ऊपर से लेकर नीचे तक एक ही पत्थर से बनाया जाएगा। अपनी माँ की भव्य प्रतिमा बनवाने के लिए श्रवण कुमार ने बिहार के विशेष कारीगरों को आंध्र प्रदेश बुलाया है, जो दिन रात मूर्ति बनाने का काम में लगे हुए हैं।
हालांकि श्रवण कुमार को जिस प्रकार का भव्य मंदिर बनवा रहे हैं, उसे पूरा होने में लगभग 2 साल का वक्त और लगेगा। दरअसल कोरोना की वजह से मंदिर बनाने का काम में रूकावट आ गई थी, लेकिन 4 महीने पहले फिर से इस काम को शुरू किया गया था और साल 2024 तक यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
इसे भी पढ़ें –
हवाई जहाज में पहली बार सफर कर रहे थे बुजुर्ग दंपत्ति, परेशान देखकर यात्री ने की मदद
मध्य प्रदेश में मिला 2 मुंह वाला दुर्लभ सांप, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 2 करोड़ रुपए है कीमत
17 साल के लड़के ने माँ की मदद के लिए बनाई Lady Robot, करती है घर का सारा काम
12वीं पास शख्स ने देसी जुगाड़ से पैदा की बिजली, 18 साल की मेहनत के बाद गाँव को किया रोशन