Airavatesvara Temple In Tamilnadu: सावन के महीने में देश के लगभग सभी शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है, जहाँ श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं। ऐसे में भगवान शिव के मात्र दर्शन भर से ही भक्तों के संकट दूर हो जाते हैं, जबकि भोले बाबा उनकी मनोकामनाएँ भी पूरी करते हैं।
ऐसे में भारत में भगवान शिव के नाम पर कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वह बेहद विचित्र है। इस प्राचीन मंदिर में जब भक्त सीढ़ियाँ चढ़ते हैं, तो उन्हें संगीत की मधुर धुन सुनाई देती है जिसकी वजह से यह मंदिर अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग माना जाता है।
बेहद विचित्र है ऐरावतेश्वर मंदिर | Airavatesvara Temple In Tamilnadu
हम जिस चमत्कारी मंदिर की बात कर रहे हैं, उसे ऐरावतेश्वर मंदिर (Airavatesvara Temple) के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर तमिलनाडु (Tamilnadu) के कुंभकोणम से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि ऐरावतेश्वर मंदिर को 12वीं शताब्दी में राजा राज चोल द्वितीय ने बनवाया था, जो प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इसे भी पढ़ें – भारत का एक ऐसा अनोखा मंदिर जो साल भर में 8 महीने जल समाधि लेता है: जानिए इसके बारे में
इस मंदिर का नाम ऐरावत हाथी के ऊपर रखा गया है, जो इंद्र देव की सवारी माना जाता है। कहा जाता है कि ऐरावत हाथी ने इसी जगह पर भगवान शिव की पूजा की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे और इस तरह इस मंदिर नाम ऐरावतेश्वर रखा गया था।
ऐरावतेश्वर मंदिर को द्रविड़ शैली में तैयार किया गया है, जो देखने में बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक लगता है। हालांकि बेहद प्राचीन मंदिर होने की वजह से ऐरावतेश्वर के कुछ हिस्से टूट चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बहुत ज्यादा महत्त्व रखता है।
सीढ़ियाँ चढ़ने पर बजता है संगीत
ऐरावतेश्वर मंदिर (Airavatesvara Temple) के बारे में एक खास बात यह है कि इस मंदिर की सीढ़ियों में पैर रखते हुए संगीत की मधुर धुन सुनाई देती है, जो श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करती है। दरअसल इस मंदिर के प्रवेश द्वार के पास बनी सीढ़ियों को विशेष प्रकार के पत्थर से बनाया गया है, जिसके ऊपर कदम रखते ही अद्भुत ध्वनि पैदा होती है।
इतना ही नहीं इन सीढ़ियों पर आप संगीत के सात सुर भी सुन सकते हैं, लेकिन इसके लिए लकड़ी की मदद से सीढ़ियों के पत्थर को ऊपर से नीचे की ओर रगड़ना पड़ता है। यहाँ तक कि इन सीढ़ियों से अगर कोई छोटी-सी चीज भी टकराती है, तो उसने भी धुन निकलने लगती है। इन सभी चीजों की वजह से ऐरावतेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के बीच काफी ज्यादा प्रसिद्ध है, जहाँ पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
अगर आप भी इस चमत्कारी मंदिर (Airavatesvara Temple) में जाना चाहते हैं, तो आप त्रिची, मदुरै और चेन्नई जैसे शहरों से बस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा आप त्रिची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से टैक्सी लेकर कुंभकोणम पहुँच सकते हैं, जहाँ से मंदिर की दूरी महज 3 से 5 किलोमीटर के बीच है। इसे भी पढ़ें – इस मंदिर में होती है भगवान राम की बहन की पूजा, जानिए श्री राम जी की बहन का रहस्य