Lipstick Plant in Arunachal Pradesh: बाजार में महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए कई तरह के मेकअप प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल करके महिलाएँ अपने रूप को और भी ज्यादा निखार लेती हैं। लेकिन महिलाओं की खूबसूरती को असल मायनों में बढ़ाने वाला मेकअप प्रोडक्ट लिपस्टिक होती है, जो होंठ का रंग सुरख बनाने का काम करती है।
लेकिन अगर हम आपके कहे कि इस दुनिया में एक ऐसा भी पौधा मौजूद है, जिसका इस्तेमाल करके महिलाएँ अपने होंठों रंगीन कर सकती हैं तो क्या आप हमारी बात पर यकीन करेंगे। दरअसल इस पौधे को लिपस्टिक प्लांट के नाम से जाना जाता है, जिसे हाल ही में 110 साल बाद दोबारा से खोजा गया है।
क्या है लिपस्टिक प्लांट?
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ प्रजाति के खोजने में सफलता हासिल की है, जिसे लिपस्टिक प्लांट के नाम से जाना जाता है। इस पौधे का असल नाम एस्किनेंथस मोनेटेरिया डन (Aeschynanthus Monetaria Dunn) है, जो अपने तेज और गहरे रंग के लिए जाना जाता है। इसे भी पढ़ें – बिहार की महिला का सफल प्रयोग, PVC पाइप में उगा ली 5 किलो सब्जी
इस पौधे को सबसे पहली बार साल 1912 में ब्रिटिश वनस्पति शास्त्री स्टीफन ट्रॉयट डन ने खोजा था, जिसमें लाल रंग के खूबसूरत छोटे-छोटे फूल लगते हैं। इन फूलों का रंग का इतना गहरा और तेज होता है कि अगर उसका रस निकाल कर होंठों पर लगा लिया जाए, तो लिपस्टिक लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लिपस्टिक प्लांट को दुर्लभ इसलिए माना जाता है, क्योंकि साल 1912 के बाद इस पौधे को किसी अन्य राज्य में नहीं खोजा गया था। लेकिन हाल ही में जब वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश में लिपस्टिक प्लांट को देखा, तो वह दंग रह गए थे।
आपको बता दें कि इस पौधे के नाम का अर्थ भी है, जिसमें एस्किन का मतलब शर्म या शर्मिला और एंथोस का मतलब फूल होता है। वहीं इस पौधे में डन शब्द को ब्रिटिश वनस्पति शास्त्री के सरनेम से लिया गया है, जिन्होंने पहली बार इस पौधों के पहचाना था।
आपको बता दें कि लिपस्टिक प्लांट के फूलों के अलावा इसकी पत्तियाँ भी बेहद आकर्षक होती हैं, जिनकी खुशबू और आकृति काफी हद तक पुदीने की तरह दिखाई देती है। यह पौधा जंगल में जहाँ भी उगता है, उसके आसपास का एरिया पुदीने जैसी खुशबू से महक उठता है और इसके फूल होंठों को लिपस्टिक का रंग प्रदान करते हैं। इसे भी पढ़ें – पेट्रोल-डीजल की नहीं जरूरत! गुजरात के किसान का इनोवेशन, बनाया बैटरी से चलने वाला ‘व्योम’ ट्रैक्टर