दोस्तों, कहते हैं कि लगन और मेहनत से कोई काम किया जाए तो सफलता ज़रूर मिलती है। इसका एक उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत किया है उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव रामपुर में रहने वाली बालिका प्रियंका दीवान ने।
प्रियंका दीवान जो की चमोली जिले में स्थित देवाल ब्लॉक के एक गाँव रामपुर में रहती है उसने अपनी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा में 297 रैंक हासिल करके ना सिर्फ़ अपने गाँव का बल्कि पूरे देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया। प्रियंका दीवान के पिताजी का नाम राम दीवान है और वे किसान हैं। इनकी माताजी का नाम विमला देवी है जो कि एक गृहणी हैं।
आर्थिक हालात कमजोर होने के बावजूद हार नहीं मानी और पढ़ाई में जुटी रहीं प्रियंका
उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है इसलिए प्रियंका ने अपने गाँव में रहकर ही प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण की। वे अच्छे इंगलिश मीडियम प्राइवेट स्कूल में पढ़ना चाहती थी लेकिन पैसों की तंगी की वज़ह से एडमिशन नहीं ले पाई। वे ना सिर्फ़ गाँव के विद्यालय से अपनी पढ़ाई करती थी बल्कि स्कूल से आने के बाद अपने पिताजी की सहायता के लिए खेत में उनके साथ काम भी किया करती थीं। ऐसा कहा जाता है कि उनका गाँव बहुत पिछड़ा हुआ है और वहाँ पर अच्छी सड़कें, बिजली की व्यवस्था और अच्छा मोबाइल नेटवर्क आदि भी नहीं है।
प्रियंका ने गाँव में रहकर ही दसवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की तब सभी लोगों ने उनके पिताजी से कहा कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छी है तो उसे आगे पढ़ने का मौका देना चाहिए। फिर प्रियंका के पिताजी ने अपनी होनहार बेटी के उज्ज्वल भविष्य और उसकी लगन को देखते हुए उसका एडमिशन गोपेश्वर डिग्री कॉलेज में करवा दिया। अपनी पढ़ाई का ख़र्चा उठाने के लिए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना भी शुरू कर दिया था।
डीएम मुरुगेशन बने उनके प्रेरणास्त्रोत
वहाँ कॉलेज में जब प्रियंका ने चमोली जिले के डीएम मुरुगेशन को देखा तो उनके रुतबे से वे बहुत प्रभावित हुईं, उन्होंने देखा कि डीएम के लिए सारा कॉलेज स्वागत सत्कार में लग गया था और ख़ूब सजावट की गई थी। वे डीएम मुरुगेशन से मिली और उनसे बातचीत की, उनसे बातों का प्रियंका पर काफ़ी प्रभाव पड़ा और उसने दृढ़ निश्चय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए पर वे यूपीएससी की परीक्षा देंगी और अच्छे नंबरों से पास करेंगी। जिसके लिए वे दिन रात मेहनत में जुट गई और लगन से पढ़ने लगीं।
एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई की और अंततः मिली सफलता
हालांकि प्रियंका को पढ़ाई का ज़्यादा समय नहीं मिल पाता था लेकिन वे जितनी भी देर पढ़ती थी पूरी एकाग्रचित्त होकर पढ़ती। फलस्वरूप उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में पहली ही बार में सफलता मिल गई जिससे उनका पूरा परिवार और गाँव ख़ुशी से झूम उठा। किसी कारणवश वे करीब 2 दिन के बाद ही अपने पास होने की ख़बर परिवार तक पहुँचा पाई थी।
उनके पिताजी राम दीवान ने अपनी बेटी की यूपीएससी में 257 रैंक आने की ख़बर सुनी तो उनकी आंखों में ख़ुशी के आंसू छलक आए। आजकल प्रियंका दीवान देहरादून में स्थित डीएवी पीजी कॉलेज से LLB की पढ़ाई कर रहीं हैं।