What is Bathua in Hindi – दोस्तों, दवाइयाँ खाना किसे पसंद होता है… पर एक बार कमबख्त बीमारी लग जाए तो बिना दवाई के जाती ही नहीं। ऐसे में दवाइयों से बचने के लिए जरूरी है कि हम पोषक तत्वों से युक्त आहार लें। हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि खूब हरी साक-सब्जियाँ खाओ, जिससे बीमारियाँ दूर रहेंगी। असल में उनकी कही यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि ऐसी कई सब्जियाँ हैं, जिन्हें हम अपने रोजमर्रा के भोजन में शामिल करें तो कई रोगों से बचा जा सकता है।
ऐसी ही एक अति पौष्टिक सब्जी है बथुआ, जिसे अंग्रेजी भाषा में White Goosefoot अथवा Lamb’s Quarters भी कहते हैं। इस साग का वैज्ञानिक नाम Chenopodium Album होता है। आयुर्वेद में भी बथुआ का बहुत महत्त्व बताया गया है। तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या होता है बथुआ और इसकी खासियत क्या है… What is Bathua and Benefits
एक खास जड़ी बूटी है बथुआ (What is Bathua in Hindi)
बथुआ असल में एक बहुत ही ख़ास तरह की जड़ी बूटी होता है। यह सब्जी के रूप में बनाया जाता है और इसका रायता भी बहुत टेस्टी होता है। देखने में आपको भले ही यह एक आम हरी सब्जी की तरह ही लगे लेकिन यह गुणों की खान है। इसमें बहुत से पौष्टिक गुण विद्यमान होते हैं। बथुआ में एक या दो नहीं बल्कि 7 विटामिन पाए जाते हैं।
कभी होता था घर की पुताई में इस्तेमाल
कई शताब्दियों पहले से बथुआ को साग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इमारतों के निर्माण पर आधारित एक सबसे पुरानी किताब, जिसका नाम शिल्प शास्त्र है, उसमें बथुआ के एक अनूठे उपयोग का वर्णन किया गया है। शिल्पशास्त्र में वर्णित किया गया है कि पहले के जमाने में बथुआ को लोग सिर्फ साग के रूप में ही प्रयोग नहीं करते थे बल्कि बथुआ से वे अपने घर की रंगाई व पुताई का काम भी किया करते थे।
इसके लिए वे पहले इस साक को सीमेंट अथवा मिट्टी में मिलाकर मिश्रण बना लेते थे और फिर इस हरे मिश्रण से अपने घर की हरे रंग से पुताई करते थे। इतना ही नहीं, बथुआ का प्रयोग बाल धोने के लिए शैंपू के रूप में भी किया जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस साक से सिर धोने पर बालों की जुएँ तथा डैंड्रफ खत्म हो जाता है।
पूरे 8 प्रकार विटामिन से भरपूर है बथुआ (Bathua Benefits)
बथुआ को यूँ ही गुणों की खान नहीं कहा जाता है, असल में इसमें पूरी 8 प्रकार की विटामिन्स A, B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C पाए जाते हैं। साथ ही इसमें कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक इत्यादि मिनरल्स भी खूब अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। गौरतलब है कि 100 gm. कच्चे बथुआ में 7.3 gm. कार्बोहाइड्रेट, 4.2 gm. प्रोटीन और 4 gm. हैल्दी फाइबर पाया जाता है। इस प्रकार के इसमें कुल 43 Kcal होती है।
जो लोग शाकाहारी होते हैं, उनके लिए तो बथुआ का महत्त्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि शाकाहारी लोगों की डाइट में मांसाहारियों से कम प्रोटीन होता है, परन्तु यह बिल्कुल सही नहीं है, क्योंकि सिर्फ अकेले बथुआ के साग से ही आपको मांसाहार से अधिक प्रोटीन मिल जाता है। इतना ही नहीं, बथुआ दूसरे सारे खाद्य पदार्थों से अधिक सुपाच्य और पोषक तत्वों से युक्त साक है।
कई तरह के रोगों को रखता है दूर
बथुआ कई तरह के रोगों से लड़ने में फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यून सिस्टम) को मजबूत बनाता है। बता दें कि यदि बथुआ के साग में सेंधा नमक मिलाकर, इसका सेवन छाछ के साथ किया जाता है तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाती है।
बथुआ से त्वचा सम्बन्धी रोग भी दूर हो सकते हैं। यह साक सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़े, कुष्ठ इत्यादि चर्म रोगों को दूर करने में भी मददगार है। चर्म रोगी यदि प्रतिदिन बथुआ को उबालकर, इसका रस पीएँ और इसके साक का सेवन करें तो उन्हें चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाएगी। इसके सेवन से पाचन तंत्र से जुड़ी तकलीफें भी ख़त्म हो जाती हैं।
पथरी की बीमारी में होने वाला दर्द असहनीय होता है। इस बीमारी से मुक्ति पाने के लिए भी बथुआ बहुत फायदेमंद रहता है। इससे किडनी में इन्फेक्शन व किडनी में स्टोन की दिक्कत भी दूर हो जाती है। इसके अलावा बथुआ के साग का सेवन करने से पीलिया, पेट दर्द, जोड़ों व मूत्राशय, गुर्दा और पेशाब सम्बंधित बीमारियों में भी लाभ मिलता है।
तो दोस्तों, इस बार सर्दियों में आप भी खाना शुरू कर दीजिए गुणों से भरपूर बथुआ का साग और अपनी व अपने परिवार की इम्युनिटी बढ़ाइए।