Jumping Spiders: इस दुनिया में इंसान के अलावा अनेक प्रकार के जीव जंतु भी पाए जाते हैं, जो घने जंगलों से लेकर रिहाइशी इलाकों में अपना घर बना लेते हैं। इन्हीं विभिन्न प्रकार के जीवों में से एक है मकड़ी, जो साइज में काफी छोटी होती है।
लेकिन अगर यह मकड़ी किसी इंसान मकड़ी किसी इंसान के कान में घुस जाए, तो उसे अपना घर बनाने में ज्यादा टाइम नहीं लगाती है। आइए जानते हैं दुनिया की सबसे खतरनाक मकड़ी के बारे में, जो रात के समय चुपके से आपके कान पर हमला कर सकती है।
जंपिंग स्पाइडर (Jumping Spider)
यूं तो दुनिया भर में मकड़ी की 45 हजार से ज्यादा अलग-अलग प्रजातियाँ पाई जाती हैं, लेकिन इन सब प्रजातियों में जंपिंग स्पाइडर (Jumping Spiders) सबसे अलग है। इस मकड़ी के पास 2 या 4 नहीं बल्कि 8 आंखें होती हैं, जो इसे सामान्य मकड़ी की प्रजातियों से बिल्कुल अलग बनाती हैं।
Jumping Spider मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और भारत में वेस्टर्न घाट के घने और हरे भरे जंगलों में पाई जाती है, जो दूसरी मकड़ियों की तरह जाल बनाना पसंद नहीं करती है। जंपिंग स्पाइडर अपने नाम की तरह ही हवा में कुछ दूरी तक छलांग लगाने में सक्षम होती है, इस मकड़ी को बिल बनाकर रहना पसंद है।
जंपिंग स्पाइडर की शारीरिक लंबाई 1 से 25 MM (0.04-0.98 इंच) तक होती है, जबकि इसके शरीर पर काफी घने और लंबे बाल मौजूद होते हैं। यह एक शिकारी मकड़ी है, जो अपने शरीर से उत्पन्न होने वाले जाल को रस्सी की तरह इस्तेमाल करती और छलांग लगाकर तुरंत शिकार पर हमला कर देती है।
रात को छिप जाती है Jumping Spiders
यूं तो मकड़ी की ज्यादातर प्रजातियाँ सोने और शिकार करने के लिए दीवारों व लकड़ियों पर जाल का निर्माण करती हैं, लेकिन जंपिंग स्पाइडर का अंदाज थोड़ा अलग है। इस प्रजाति की मकड़ी जंगल में रात के समय सोने के लिए पप टेंट (Pup Tents) का निर्माण करती है, जो पत्तियों पर सिल्क से बना एक गोल आकार का ब्लॉक होता है।
वहीं रिहाइशी इलाकों में पाई जाने वाली जंपिंग स्पाइडर दिन के समय एक्टिव रहती है, जबकि रात के समय पत्थर, पेड़ या छाल के नीचे अंधेरी जगहों पर छिप जाती है। इतना ही नहीं कई बार रात के अंधेरे में Jumping Spider सुरक्षित जगह की तलाश में इंसान के कानों तक पहुँच जाती है और छेद के अंदर घुसकर अपना घर बना लेती है।
इंसान के कान में घुस सकती है Jumping Spider, वीडियो में देखें
इस तरह का एक मामला साल 2020 में बेंगलुरू के हेब्बाल इलाके से सामने आया था, जहाँ 49 वर्षीय लक्ष्मी नामक महिला के कान में काफी दिनों से खुजली और दर्द हो रहा था। शुरुआत में लक्ष्मी ने दर्द पर ज्यादा ध्यान हीं दिया, लेकिन जब उन्हें असहनीय दर्द महसूस होने लगा तो वह डॉक्टर के पास पहुँची।
लक्ष्मी की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा, जब डॉक्टर ने उनके कान की जांच की तो वह भी हैरान रह गए। दरअसल लक्ष्मी के कान के अंदर डरावनी शक्ल वाली एक छोटी-सी मकड़ी मौजूद थी, जो काफी गहराई में अपना घर बना चुकी थी।
लेकिन जैसे ही कान के अंदर टॉर्च की रोशनी पड़ी, मकड़ी धीरे-धीरे बाहर की तरफ आने लगी। इस तरह रोशनी के जरिए मकड़ी खुद ब खुद कान से बाहर निकल आई, वह इतनी गहराई में मौजूद थी कि डॉक्टर्स के लिए किसी औजार के जरिए उस तक पहुँच पाना काफी मुश्किल था।
लक्ष्मी के कान से बाहर निकलने के बावजूद भी वह मकड़ी जिंदा थी, जब डॉक्टर्स ने उसकी प्रजाति के बारे में जानकारी इकट्ठी की तो पता चला कि वह एक जंपिंग स्पाइडर है। यह मकड़ी अंधेरे की वजह से लक्ष्मी के कान में घुस गई थी, लेकिन रोशनी पड़ते ही बाहर निकल आई और लक्ष्मी को कान के दर्द से छुटकारा मिल गया।
Jumping Spider नहीं होती है खतरनाक
जहाँ एक तरफ मकड़ी की दूसरी प्रजातियों के काटने पर तेज दर्द, खुजली और त्वचा में सूजन की समस्या हो जाती है, वहीं जंपिंग स्पाइडर से मनुष्य को इस प्रकार का कोई खतरा नहीं होता है। इस मकड़ी के काटने पर शरीर में जहर नहीं फैलता है, हालांकि कुछ लोगों को इसके बालों से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
Jumping Spider अपने जहर और बालों से ज्यादा कान में घुसने और वहाँ घर बनाने की वजह से खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि इस प्रजाति की मकड़ी को अँधेरा इतना पसंद होता है कि इसे खुद पता नहीं चलता कि यह एक मनुष्य के शरीर के अंदर प्रवेश कर चुकी है। ऐसे में जंपिंग स्पाइडर की मौजूदगी में कान में तेज दर्द, खुजली और असहजता का एहसास होता है, इतना ही नहीं यह समस्या दिन ब दिन बढ़ती जाती है।
कान में मकड़ी या कीड़ा घुसने का असर
अगर आप जमीन पर सोते हैं, तो बहुत ज्यादा चांस है कि कोई कीड़ा या जंपिंग स्पाइडर आपके कान में घुस जाए। ऐसे में नींद के दौरान तो आपको कान में किसी कीड़े के घुसने का एहसास नहीं होगा, लेकिन सुबह उठने पर आपको कान में भारीपन महसूस होगा।
अगर कान के अंदर कोई कीड़ा या मकड़ी घुस जाती है, तो कान में खुजली होती है और कान की दीवारों से खुरचने की आवाज आती है। इसके अलावा कई मामलों में कान पूरी तरह से बंद हो जाता है, जबकि उसके अंदर से तरल या बदबूदार पदार्थ बाहर निकलने लगता है।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि घर पर घरेलू उपचार करने की स्थिति में मामला और भी ज्यादा बिगड़ सकता है, क्योंकि कान के अंदर मौजूद कीड़ा या मकड़ी और भी गहराई में जाने का प्रयास करते हैं।
यही वजह है कि प्राचीन समय में लोग अपने घरों के बाहर दरवाजे और खिड़की पर तेज मिर्ची या किसी जड़ी बूटी का लेप लगा देते थे, ताकि उसकी गंध से कीड़े मकौड़े और मकड़ी घर के अंदर प्रवेश न कर सके।
कैसे करें उपचार?
अगर आपके कान में कोई कीड़ा या फिर मकड़ी घुस जाती है, तो उसे बाहर निकालने के लिए ईयर बड, माचीस की तिल्ली, तेल या किसी तरह के औजार का इस्तेमाल न करें। क्योंकि ऐसा करने से कीड़ा अंदर ही फंस जाएगा या फिर कान में और भी ज्यादा गहराई में जाने की कोशिश करेगा।
कान से कीड़ा या मकड़ी को बाहर निकालने के लिए सबसे पहले आपको अपनी गर्दन झुकानी होगी और जमीन पर उस कान को रखना होगा, जिसमें कीड़ा घुसा हुआ है। ऐसा करने से कान का एंगल उल्टा हो जाएगा और उसके अंदर घुसा कीड़ा धीरे-धीरे बाहर की तरफ आने लगेगा, अगर किसी वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो पाता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।