कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है, क्योंकि ज्ञान उम्र के किसी की पड़ाव में अर्जित किया जा सकता है। हालांकि कई लोग जवानी में पढ़ाई छूट जाने के बाद अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हो जाते हैं, जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है।
लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने में ठान ले कि उसे अपनी अधूरी शिक्षा को पूरा करना है, तो फिर बढ़ती उम्र भी रास्ते की बाधा नहीं बनती है और इस बात की जीती जागती मिसाल हैं शीला रानी। शीला रानी (shila rani das) ने 53 साल की उम्र में 10वीं की बोर्ड परक्षी पास की है, जिसकी वजह से वह खूब सुर्खियाँ बटौर रही हैं।
मां और बेटियों ने साथ में पास की बोर्ड परीक्षा
त्रिपुरा में रहने वाले शीला रानी दास ने इस साल 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की है, जबकि उनकी दोनों बेटियों ने 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम पास किए हैं। हाल ही में त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (टीबीएसई) ने रिजल्ट की घोषणा की थी, जिसे पास करने में माँ और बेटियों ने सफलता हासिल की है। इसे भी पढ़ें – 9 सालों से छुट्टी पर हैं सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल, फिर भी हर महीने क्रेडिट होती है सैलेरी
शीला रानी दास की शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी, जबकि उनको पढ़ाई लिखाई का काफी शौक था। ऐसे में शादी के कुछ समय बाद उनके पति का भी देहांत हो गया था, जिसकी वजह से शीला के कंधों पर दो बेटियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी आ गई थी।
शीला रानी दास ने दिन रात मेहनत करके अपनी बेटियों का पालन पोषण किया और उन्हें अच्छी शिक्षा मुहैया करवाई, जिसके बाद उनके मन में भी पीछे छूट चुकी पढ़ाई को पूरा करने का ख्याल आया। ऐसे में शीला की बेटियों ने उनके मार्गदर्शन किया, जिसके दम पर शीला ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी।
इस तरह शीला ने अभयनगर स्मृति विद्यालय में एडमिशन लिया और बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने लगी, जिसके बाद उन्होंने परीक्षा दी और उसे पास करने में सफलता भी हासिल की। शीला दास की इस सफलता से उनकी बेटियाँ भी काफी ज्यादा खुश हैं, जबकि शीला अब 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने की तैयारी कर रही हैं। इसे भी पढ़ें – आलू-प्याज बेचने वाले की बेटियाँ बनी मिसाल, सगी बहनें एक साथ दारोगा बन कर बढ़ा दिया पिता का मान