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भारत के 5 सबसे अनोखे रेलवे स्टेशन, इनमें से एक स्टेशन पर जाने के लिए लेना पड़ता है वीजा

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5 unique railway stations in India – भारतीय रेलवे को लाइफ लाइन माना जाता है, जो हर वर्ग के व्यक्ति के लिए यातायात का सुलभ और सस्ता साधन है। ऐसे में भारत का हर रेलवे स्टेशन अपनी किसी न किसी खासियत की वजह से मशहूर है, जिसमें सबसे लंबे प्लेटफॉर्म वाले स्टेशन से लेकर साफ सुथरे स्टेशन तक शामिल हैं।

लेकिन क्या आपने कभी भारत के सबसे अनोखे और दिलचस्प रेलवे स्टेशनों के बारे में सुना है, जहाँ जाना अपने आप में एक रोमांचक सफर की तरह लगता है। अगर नहीं… तो हम आपको भारत के 5 दिलचस्प रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें से एक स्टेशन पर जाने के लिए वीजा भी लेना पड़ता है।

नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station)

Navapur-Railway-Station

भारत के सबसे अलग और अनोखे की लिस्ट में नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station) का नाम सबसे ऊपर आता है, क्योंकि यह स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सीमा पर स्थित है। इसी वजह से नवापुर रेलवे स्टेशन दो अलग-अलग राज्यों में बंट हुआ है, जहाँ प्लेटफॉर्म से लेकर बेंच तक सभी चीजों पर महाराष्ट्र और गुजरात लिखा हुआ है।

इतना ही नहीं इस स्टेशन पर हिन्दी और अंग्रेजी के साथ-साथ गुजराती और मराठी भाषा में भी अनाउंसमेंट होता है, ताकि यात्रियों का सुविधा का ख्याल रखा जा सके। दरअसल जब नवापुर स्टेशन का निर्माण किया गया था, तो महाराष्ट्र और गुजरात एक ही राज्य हुआ करते थे।

लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात का विभाजन होने के बाद नवापुर रेलवे स्टेशन मुंबई प्रांत के अंतर्गत आ गया था। ऐसे में दोनों ही राज्यों ने नवापुर स्टेशन पर अपना अधिकार जमाए रखा, जिसे देखते हुए सरकार ने स्टेशन का बंटवारा कर दिया था। तब से लेकर अब तक नवापुर रेलवे स्टेशन महाराष्ट्र और गुजरात का हिस्सा है, जिसकी वजह से इसकी एक अलग पहचान है।

बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन

भारत में मौजूद हर रेलवे स्टेशन का कोई न कोई नाम है, जिससे उसकी पहचान की जाती है। लेकिन पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के अंतर्गत एक ऐसा रेलवे स्टेशन मौजूद है, जिसका बोर्ड बिल्कुल खाली पड़ा हुआ है क्योंकि इस स्टेशन का कोई नाम ही नहीं है।

बर्धमान से 35 किलोमीटर की दूरी पर बांकुरा-मैसग्राम रेलवे लाइन पर मौजूद इस बेनाम रेलवे स्टेशन का निर्माण साल 2008 में किया गया था, जिसे रैनागढ़ नाम दिया गया था। लेकिन रैना गाँव के लोगों को रेलवे स्टेशन का यह नाम पसंद नहीं आया, इसलिए उन्होंने रेलवे बोर्ड में स्टेशन का नाम बदलने के लिए शिकायत दर्ज कर दी।

गांव वालों की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए रेलवे विभाग ने स्टेशन के बोर्ड से रैनागढ़ नाम हटा दिया, लेकिन उसके बाद स्टेशन का दूसरा नाम रखना ही भूल गए। ऐसे में तब से लेकर अब तक उस रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर कोई नाम नहीं लिखा गया और वह बेनाम स्टेशन के नाम से ही आसपास के इलाके में मशहूर हो गया।

भवानी मंडी रेलवे स्टेशन (Bhawani Mandi Railway Station)

Bhawani-Mandi-Railway-Station

आमतौर पर कोई भी रेलवे स्टेशन एक राज्य के अंतर्गत ही आता है, लेकिन दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन का सम्बंध दो अलग-अलग राज्यों से है। यह अनोखा रेलवे स्टेशन राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा हुआ है, जिसकी वजह से भवानी मंडी पर रूकने वाली हर ट्रेन का इंजन राजस्थान में होता है जबकि उसके डिब्बे मध्य प्रदेश की जमीन में खड़े होते हैं।

भवानी मंडी रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा हुआ है, जबकि दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश का बोर्ड लगाया गया है। दो राज्यों में बंटा होने की वजह से इस स्टेशन को भारत के सबसे अनोखा रेलवे स्टेशन माना जाता है, जो झालावाड़ जिले और कोटा संभाग के अंतर्गत स्थित है।

स्टेशन है पर नहीं रखा गया कोई नाम

अगर आप कभी झारखंड की राजधानी रांची से टोरी की तरफ जाने वाली ट्रेन में सफर करेंगे, तो आपको रास्ते में एक बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन दिखाई देगा। इस स्टेशन पर मौजूद प्लेटफॉर्म पर यात्रियो के लिए न तो कोई साइन बोर्ड है और न ही वहाँ स्टेशन का नाम लिखा हुआ है।

इस स्टेशन को साल 2011 में बनाया गया था, जिसका नाम बड़कीचांपी रखने का फैसला किया गया था। लेकिन रेलवे स्टेशन के पास मौजूद कमले गाँव के लोगों ने इस नाम का विरोध करना शुरू कर दिया, क्योंकि स्टेशन के निर्माण के लिए कमले गाँव के लोगों ने अपनी जमीन दी थी और इसलिए वह स्टेशन का नाम भी कमले रखना चाहते थे।

ऐसे में गाँव वालों के विरोध की वजह से रेलवे बोर्ड का यह विवाद बढ़ता चला गया, जिसकी वजह से इस स्टेशन का आधिकारिक नाम नहीं रखा जा सका। आज तक झारखंड का यह स्टेशन अपने नाम का इंतजार कर रहा है, लेकिन कानूनी विवाद की वजह से उसे अब तक कोई नाम नहीं मिल पाया।

अटारी रेलवे स्टेशन (Atari Railway Station)

हमारे देश में कुल रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, लेकिन किसी भी स्टेशन पर जाने के लिए वीजा नहीं लगता है। हालांकि अगर आप अटारी रेलवे स्टेशन से (Atari Railway Station) ट्रेन पकड़ना चाहते हैं या फिर इस स्टेशन पर उतरना चाहते हैं, तो आपके पास वीजा होना चाहिए।

जी हाँ… आपने बिल्कुल सही सुना, भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन में बिना वीजा के यात्रियों का आना जाना सख्त मना है।

इस स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षा बलों की निगरानी रहती है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना वीजा के पकड़ा जाता है तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है और उस व्यक्ति कड़ी सजा भी हो सकती है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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