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बिहार और झारखंड की महिलाएं नाक तक क्यों लगाती हैं सिंदूर, जानिए नारंगी रंग के सिंदूर का महत्व

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Importance of Narangi Sindoor in Hindi : आपने शादीशुदा महिलाओं को सिंदूर लगाए हुए जरूर देखा होगा। वहीं आपको बता दें कि सिंदूर को सोलह सिंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। महाभारत से लेकर रामायण तक में सिंदूर का खासा जिक्र किया गया है। इसी वजह से हिंदू धर्म में सिंदूर लगाना अनिवार्य माना जाता है। वहीं आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि आखिर सिंदूर लाल, गुलाबी और नारंगी रंग का क्यों होता है?

दरअसल इन सभी रंगों को दुल्हन के लिए शुभ माना जाता है। सिंदूर लगाने के पीछे कई कारण है। कई महिलाओं को आपने लाल के बजाय नारंगी सिंदूर में भी देखा होगा। लेकिन क्या आपने सोचा है कि केवल कुछ ही क्षेत्रों की महिलाएं आखिर नारंगी सिंदूर क्यों लगाती हैं? वहीं ज्यादातर झारखंड और बिहार की औरतें नारंगी रंग के सिंदूर से मांग भर्ती हैं।

Narangi Sindoor ka mahtwa

दरअसल झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में दुल्हन को लाल की जगह नारंगी सिंदूर लगाया जाता है। आपको बता दें कि इस नारंगी सिंदूर को भखरा कहा जाता है और इसे बेहद शुभ माना जाता है। वही सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी इस नारंगी सिंदूर का प्रयोग किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नारंगी सिंदूर को सिर्फ भगवान को ही चढ़ाया जाता है।

वही रस्म के अनुसार शादी में सुबह के समय दुल्हन को सिंदूर लगाया जाता है। आपको बता दें कि नारंगी सिंदूर की तुलना सूर्य की लालिमा से की गई है जिसका रंग नारंगी होता है। ऐसा कहा जाता है कि बिहार और झारखंड में ऐसी मान्यता है कि जिस तरह सूरज लोगों के जीवन में एक नया सवेरा लाता है ठीक उसी तरह नारंगी सिंदूर भी दुल्हन के जीवन में खुशहाली लाता है। ये भी पढ़ें – कैश के साथ शगुन के लिफाफे में क्यों दिया जाता है 1 रुपया, आज जान लो उस 1 रुपए का असल महत्व

hanuman jee

क्या है पौराणिक महत्व? (Importance of Narangi Sindoor)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई पौराणिक कथाओं में भी नारंगी रंग के सिंदूर का जिक्र किया गया है। इसी वजह से लोगों में नारंगी सिंदूर की मान्यता ज्यादा है। क्या आप जानते हैं कि आखिर हनुमान जी की मूर्ति का रंग नारंगी क्यों होता है? इसका विवरण रामायण में मिलता है। रामायण में जब माता सीता राम जी को सिंदूर लगाती है तो वह बेहद खुश हो जाते हैं। जब ये बात हनुमान जी को पता चलती है तो राम जी के प्रति अपना समर्पण जाहिर करने के लिए वो अपने पूरे शरीर को नारंगी सिंदूर से रंग लेते हैं। यही कारण है कि झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में शादी के समय दुल्हन को नारंगी सिंदूर लगाया जाता है। दरअसल नारंगी सिंदूर को पति- पत्नी के समर्पण का प्रतीक माना गया है।

नाक तक क्यों लगाया जाता है सिंदूर?

अक्सर आपने देखा होगा कि झारखंड और बिहार की महिलाएं नाक तक सिंदूर लगाती है। इसका कारण है, नाक तक सिंदूर लगाने से ऐसा माना जाता है कि पति के उम्र लंबी होती है। लंबा सिंदूर लगाने से पति आयु लंबी होने के साथ-साथ कार्यक्षेत्र में उसकी तरक्की भी होती है। यही कारण है कि बिहार और झारखंड की महिलाएं नाक तक लंबा सिंदूर लगाती हैं।

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News Desk
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