Indian Railways: भारतीय रेलवे यातायात का एक सस्ता और सुलभ साधन है, जिसकी मदद से रोजाना करोड़ों लोग अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचते हैं। ऐसे में लंबे सफर की दूरी तय करने वाले यात्रियों के दिमाग में हमेशा यह बात रहती है कि उन्हें खिड़की की सीट मिल जाए, ताकि बाहर का खूबसूरत नजारा देखते हुए सफर कट जाए।
लेकिन ट्रेन में आपको खिड़की की सीट मिलती है या नहीं, यह रेलवे विभाग द्वारा जारी की जाने वाली सीट संख्या पर निर्भर करता है। दरअसल भारतीय रेलवे में विंडो सीट को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए यात्रियों को यह सीट मुहैया की जाती है।
लोअर बर्थ वालों को मिलती है विंडो सीट
अगर आपने ट्रेन में सफर किया है, तो आप यह अच्छी तरह से जानते होंगे कि रेल के डिब्बे में सिर्फ लोअर बर्थ में ही खिड़की की सुविधा उपलब्ध होती है। ऐसे में रेलवे विभाग द्वारा लोअर बर्थ के लिए सबसे पहले बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्ति को प्राथामिकता दी जाती है, ताकि उन्हें अपनी सीट से उठने बैठने में दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसे भी पढ़ें – Indian Railways में रात के 10 बजे के बाद क्यों बदल जाते हैं यात्रियों के लिए नियम?
इस लोअर बर्थ पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को सफर करने अनुमति दी जाती है, जबकि 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएँ भी लोअर बर्थ में सफर कर सकती हैं। इस तरह रेलवे विभाग द्वारा लोअर बर्थ के लिए नियम बनाए गए हैं, ताकि यात्रियों को यात्रा के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े।
वहीं मिडिल और अपर बर्थ पर किसी भी उम्र या लिंग का व्यक्ति सफर कर सकता है, जिसके लिए कोई नियम नहीं है। हालांकि मिडिल बर्थ में सफर करने वाले व्यक्ति के लिए एक नियम बनाया गया है, जिसके तहत वह अपने बर्थ को रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक ही खोल सकता है। इतना ही नहीं उसे अपना बर्थ इस्तेमाल करने से पहले लोअर बर्थ वाले को 3 बार सूचित करना होता है, ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो। इसे भी पढ़ें – कैसे बुक कर सकते हैं पूरी ट्रेन, जानिए क्या है बुक करने की पूरी प्रक्रिया और कितना आता है खर्च