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बच्चों को फोन देने की क्या है सही उम्र, जानें क्या कहते हैं रिसर्च और सर्वे

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Right Age for Phone to Give Phones to Children : आजकल छोटे बच्चे के हाथ में मोबाइल फोन देखना आम बात हो गई है। बगैर फोन चलाए कुछ बच्चे तो खाना ही नहीं खाते। अक्सर बच्चों के रोने या ज़िद्द करने पर चुप कराने के लिए माता पिता उन्हें अपना मोबाइल दे देते हैं। लेकिन ये कितना सही है और कितना गलत, आइए आज हम आपको बताते हैं:-

बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन देने की आधिकारिक उम्र सीमा और उपयोग पर विभिन्न परिवारों के मत अलग हो सकते हैं। अमूमन बच्चे स्मार्टफोन्स में सोशल मीडिया के वीडियोज स्क्रोल करते, गेम्स खेलते या कार्टून देखते हैं। यद्यपि स्मार्टफोन बच्चों के लिए उपयोगी और एजुकेशनल भी साबित हो सकता है, लेकिन आपको नहीं पता वे कब क्या देख रहें हैं। सोशल मीडिया पर हर तरह के कंटेंट अवेलेबल हैं, इसलिए किसी भी बच्चे को मोबाइल देने से पहले उम्र, समय सीमा और संवेदनशीलता का भी ध्यान रखें।

अमेरिका के नॉन प्रॉफिट मीडिया संगठन नैशनल पब्लिक रेडियो (National Public Radio-NPR) ने बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन देने की सही उम्र को लेकर एक लेख प्रकाशित किया है। यह लेख स्क्रीन टाइम कंसल्टेंट एमिली चेरकिन द्वारा लिखा गया है। एमिली लिखती है कि बच्चों को स्मार्टफोन देने या सोशल मीडिया का एक्सेस देने में आप जितनी देरी कर सकते हैं, उतना बेहतर है।

वह आगे लिखती हैं, “मैं कई पेरेंट्स से मिलती हूँ, कभी भी किसी पेरेंट ने नहीं कहा कि काश मैंने अपने बच्चे को फोन पहले दे दिया होता, कभी भी नहीं। इनफैक्ट पैरेंट्स कहते हैं कि काश वह थोड़ा और रुके होते, इसके नुकसान के बारे में अभी जो उन्हें पता है, काश वह पहले पता होता।”

कम उम्र में स्मार्टफोन देने के दुष्परिणाम

एक और नॉन प्रॉफिट संस्था कॉमन सें मीडिया के एक सर्वे के अनुसार 1300 में से 60% लड़कियाँ जिनकी आयु 11 से 15 वर्ष के बीच है, स्नैपचैट पर अनजान लोगों से संपर्क किया है और उन्हें असहज संदेश भेजे हैं। टिक टॉक प्रयोग करने वाली 45% लड़कियों ने भी ऐसा ही किया है।

सोशल मीडिया वर्बल कंटेंट से भरा पड़ा है जो बच्चों के लिए अनुचित है। इसमें सेक्सुअल कंटेंट, हिंसा सम्बंधी कंटेंट और सेल्फ हार्म कंटेंट शामिल हैं। इसके अलावा, हर प्लेटफ़ॉर्म पर आपराधिक इंसान भी मौजूद हैं, जो इसी ताक में रहते है कि कैसे बच्चों का फ़ायदा उठाएँ। इन सभी चीजों का बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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News Desk
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