भारत में कोई भी चार या दो पहिया वाहन चलाने के लिए लाइसेंस समेत गाड़ी के सभी दस्तावेज होना अनिवार्य होता है, वरना ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालक का चालान काट दिया जाता है। लेकिन कई लोग गाड़ी का पॉलीयूशन नहीं करवाते हैं, जिसकी वजह से उनके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होता है।
ऐसे में अगर आप बिना पीयूसी सर्टिफिकेट वाली गाड़ी चलाते हैं, तो उस स्थिति में ट्रैफिक पुलिस आपका 10 हजार रुपए का चालान काट सकती है। गाड़ी का पॉलीयूशन इसलिए करवाया जाता है, ताकि उसके इंजन से निकलने वाले धुंए से पॉलीयूशन न फैले। ऐसे में बिना पीयूसी वाली गाड़ी को चलाना भारत में गैर कानूनी माना जाता है।
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पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करने का तरीका
अगर आपकी गाड़ी का पीयूसी नहीं है या फिर एक्सपायर हो चुका है, तो आप नए पीयूसी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको प्रदूषण जांच क्रेंद जाना होगा, वहीं ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आप परिवहन निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। Read Also: टू व्हीलर को मॉडिफाई करने से पहले जान ले ये नियम, वरना भरना पड़ेगा 25 हजार रुपए का भारी जुर्माना
पीयूसी के लिए आवेदन करने के बाद ग्राहक को एक तारीख दी जाती है, जिसमें उसे अपनी कार या बाइक को नजदीकी प्रदूषण केंद्र पर ले जाना होता है। प्रदूषण केंद्र के कर्मचारी वाहन के एग्जॉस्ट पाइप की जांच करते हुए धुंए की क्वालिटी को चेक करते हैं, जिसके बाद सिस्टम पर आई रीडिंग के हिसाब से पीयूसी तैयार किया जाता है।
पीयूसी बनने के बाद ग्राहक को उसके लिए फीस अदा करनी पड़ती है, जिसके बाद वह सर्टिफिकेट लेकर वाहन के साथ घर जा सकता है। आपको बता दें कि पीयूसी पूरे देश में मान्य होता है, इसलिए आप किसी भी प्रदूषण केंद्र में उसे बनवा सकते हैं। आमतौर पर पीयूसी केंद्र पेट्रोल पंप के नजदीक ही मौजूद होते हैं, ताकि ग्राहकों को सुविधा हो सके।
प्रदूषण जांच केंद्र द्वारा 3 से 6 महीने तक का पीयूसी बनाया जाता है, जबकि BS4 या उससे हाई क्लास कारों के लिए 1 साल का पीयूसी बनाया जाता है। 6 महीने से अधिक अवधि का पीयूसी बनवाने के लिए 100 से 200 रुपए अधिक फीस देनी पड़ती है, जबकि पीयूसी न होने या एक्सपायर हो जाने की स्थिति में ट्रैफिक पुलिस द्वारा 10 हजार रुपए का चालान काटा जा सकता है।