IAS Tushar D Sumera Story : भारत में माता-पिता बचपन से ही अपने बच्चों पर पढ़ाई का बोझ डालना शुरू कर देते हैं, जिसकी वजह से बच्चों पर एग्जाम में अच्छे माक्स लाने का दबाव बन जाता है। ऐसे में कुछ बच्चे मेहनत करके पढ़ाई करते हैं और अच्छे माक्स लगाकर माता-पिता की उम्मीदों पर खैरे उतर जाते हैं, जबकि कुछ बच्चों का मन पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता है।
ऐसे में एग्जाम की मार्क शीट किसी भी बच्चे का भविष्य तय नहीं कर सकती है, क्योंकि इस दुनिया में डिग्री से ज्यादा टैलेंट की कदर की जाती है। लेकिन माता-पिता को यह बात समझ में नहीं आती है और वह अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा माक्स लाने की सलाह देते हैं, इसलिए आज हम आपको एक कलेक्टर की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्हें एग्जाम में सिर्फ पासिंग मार्क्स ही मिलते थे।
एग्जाम में जीरो, रियल लाइफ में हीरो
अगर आप भी किसी बच्चे की मार्कशीट देखकर उसके भविष्य के बारे में सोचने लगते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी गलती हो सकती है। क्योंकि अक्सर जो बच्चे पढ़ाई लिखाई में अच्छे नहीं होते हैं, वह अपने टैलेंट के दम पर ऊंचा मुकाम हासिल करने में कामयाब हो जाते हैं। इसे भी पढ़ें – पढ़ने के लिए बेचना पड़ा घर, ठुकराई थी 4 करोड़ की नौकरी, फिर खड़ी कर दी 1.1 अरब डॉलर की कंपनी
इसी बात का जीता जागता उदाहरण हैं, गुजरात के भरूच जिले में कलेक्टर के पद पर तैनात तुषार सुमेरा। तुषार सुमेरा को कलेक्टर का पद संभालते हुए देखकर शायद किसी ने उनके हाई स्कूल या 12वीं के रिजल्ट के बारे में नहीं सोचा होगा, क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि इस पद पर बैठा व्यक्ति पढ़ाई लिखाई में हमेशा से अच्छा रहा होगा।
लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि तुषार सुमेरा को दसवीं के बोर्ड एग्जाम में सिर्फ पासिंग मार्क्स मिले थे, जिनके रिजल्ट की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में साफतौर पर देखा जा सकता है कि तुषार सुमेरा को 100 में से अंग्रेजी में 35, मैथ में 36 और साइंस में 38 नंबर मिले थे।
कड़ी मेहनत करके हासिल किया मुकाम
तुषार का रिजल्ट देखने के बाद उनके परिवार को बहुत ज्यादा निराशा हुई थी, जबकि घरवालों समेत पूरे गाँव के लोगों का कहना था कि तुषार अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे। लेकिन उन लोगों को क्या पता था कि 10वीं की मार्कशीट किसी बच्चे का भविष्य निर्धारित नहीं कर सकती हैं और तुषार ने इस बात को सच कर दिखाया।
तुषार सुमेरा ने 12वीं के एग्जाम क्लियर करने के बाद बीएड की पढ़ाई पूरी की और स्कूल में टीचर की नौकरी हासिल करने में सफल हो गए, लेकिन टीचर के पद पर काम करते हुए तुषार के मन में कलेक्टर बनने का ख्याल आया।
लिहाजा उन्होंने टीचर के पद पर रहते हुए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी, जिसके तहत साल 2012 में उन्हें यूपीएससी एग्जाम पास करने में सफलता हासिल हुई। इसके बाद तुषार सुमेरा आईएएस अधिकारी बन गए थे, जबकिन उनकी सफलता को देखकर उनके अलोचकों की बोलती बंद हो गई थी।
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— Tushar D. Sumera,IAS (@TusharSumeraIAS) June 11, 2022
IAS अधिकारी ने शेयर की थी मार्कशीट
तुषार सुमेरा की 10वीं का मार्कशीट को छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण (Awanish Sharan) ने ट्वीट कर शेयर किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि तुषार ने 10वीं में पासिंग मार्क्स हासिल किए थे और उनके रिजल्ट को देखकर परिवार वाले काफी निराश हुए थे। लेकिन तुषार ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर न सिर्फ ऊंचा मुकाम हासिल किया, बल्कि अपने आलोचकों की बोलती भी बंद कर दी।
IAS अधिकारी अवनीश शरण ने तुषार सुमेरा को युवाओं के लिए प्रेर बताते हुए उनकी जमकर तारीफ की, जबकि उनके ट्वीट पर सैकड़ों लोगों ने लाइक और रिट्वीट भी किया। किसी ने तुषार को टैलेंटिड बताया, तो किसी ने कहा काबिलियत के लिए मार्क्स या ग्रेड जरूरी नहीं है। वहीं तुषार ने IAS अवनीश शरण के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए थैंक्यू कहा है, जिसके बाद उनकी जमकर तारीफ हो रही है।
फिलहाल तुषार सुमेरा गुजरात के भरूच जिले में कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं। तुषार सुमेरा ने भरूच जिले में उत्कर्ष पहल अभियान के तहत काफी बेहतरीन काम किया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक ट्वीट के जरिए उनके काम की सराहना की थी। इसे भी पढ़ें – कभी सड़कों पर ऑटो चलाता था युवक, अब गरीब परिवार का बेटा पायलट बनकर उड़ाता है प्लेन