भारत में इन दिनों तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। कई राज्यों में तो तेल की कीमतें सौ रूपये को भी पार कर गई हैं। मंहगाई से परेशान लोग तेल के दामों पर तंज कसते हुए कह रहे हैं कि अब समय आ गया है कि साइकिल निकाल ली जाए। कुछ लोग प्रधानमंत्री के पुराने विडियो शेयर कर उनका किया वादा याद दिला रहे हैं। खबरें ऐसी भी आई थी कि बॉर्डर से सटे इलाकों के लोग नेपाल से तेल भरवा रहे हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज भी कुछ देशों में तेल की कीमतें पानी की तरह हैं। वहाँ के लोग तेल के भाव से महंगी तो पानी की बोतलें खरीदते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वह देश और क्या है वहाँ की तेल की कीमतें। साथ ही आपको समझाते हैं कि आख़िर भारत और उन देशों की तेल की कीमतों में क्यों है इतना अंतर।
वेनेजुएला में 1.45 पैसे लीटर
ग्लोबल प्राइस इंडेक्स (Global price index) ऐसी संस्था है जो दुनिया भर के तेल के दामों का हिसाब किताब रखती है। इस संस्था के मुताबिक आज की तारीख में भी वेनेजुएला में पेट्रोल 1.45 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। सन् 2018 में तो यहाँ तेल की कीमतें 67 पैसे प्रति लीटर तक गिरकर नीचे आ गई थी। आपको बता दें कि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते वेनेजुएला इस समय गंभीर आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है। लेकिन यहाँ दुनिया के सबसे ज़्यादा तेल के भंडार पाए जाते हैं। इसलिए तेल की कीमतें कम ही रहती हैं। आर्थिक संकट के बावजूद यहाँ की सरकार तेल पर सब्सिडी भी देती है।
ईरान में 4.50 पैसे प्रति लीटर
ईरान देश को तो आप जानते ही होंगे। पिछले साल अमेरिका के साथ तना-तनी में ये बेहद चर्चा में रहा था। साथ ही अमेरिका ने इस पर तमाम प्रतिबंध भी थोपे हुए हैं। जिसके चलते ईरान से कोई भी देश कारोबार नहीं करना चाहता। ईरान में फिलहार तेल की कीमतें 4.50 पैसे की दर से हैं। हांलाकि तेल के भंडार के मुताबिक ये कीमतें भी यहाँ ज़्यादा ही कही जा सकती हैं।
अंगोला में 17.82 पैसे लीटर
ईरान के बाद दक्षिण पश्चिमी देश अंगोला का नाम आता है। अंटलांटिक महासागर से लगा हुआ ये देश आकार में बेहद छोटा है। लोग इसे जानते भी कम ही हैं। लेकिन वर्तमान में सोने और ईंधन जैसी चीजों के भंडारण के कारण ये चर्चा में है। यहाँ पर तेल की कीमतें 17.82 रूपये प्रति लीटर हैं।
कुवैत में भी कम है कीमत
खाड़ी देश कुवैत के बारे में तो आपने बहुत बार सुना ही होगा। यहाँ के शेख दुनिया भर में जाने जाते हैं। कुवैत में भी तेल की क़ीमत 26.26 रूपये है। आपको बता दें कि जितने भी खाड़ी देश हैं। इनके पास तेल के भंडार बने हुए हैं। ये ख़ुद के भंडार के साथ दुनिया को भी उसी भंडारण से तेल निर्यात करते हैं। इसलिए तेल की कीमतें इन देशों में हमेशा कम होती हैं।
क्यों है भारत में तेल मंहगा?
दुनिया की कीमतें जानने के बाद आपके जहन में ये सवाल तो आया ही होगा कि आख़िर भारत में ही तेल क्यों इतना महंगा बिक रहा है। इसका जबाब है कि भारत में सरकार सबसे ज़्यादा तेल पर टैक्स लगाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तेल की वास्तविक क़ीमत भारत में 35 से 40 रूपये है। पर टैक्स के चलते ये क़ीमत सौ रूपये को भी पार कर जाती है। इसमें कुछ टैक्स राज्य सरकारें लगाती हैं। साथ ही कुछ टैक्स केंद्र सरकार लगातो है। जिसे आप वैट और सरचार्ज के नाम से जानते हैं।
साथ ही तेल महंगा होने की दूसरी वज़ह भारत में ना तो तेल के कुएँ हैं ना ही भंडारण क्षमता। जिसके चलते भारत को पश्चिमी देशों से तेल आयात करता है। आयात में लगने वाले ख़र्च के चलते कीमतें बढ़ जाती हैं।