Minati Patnaik – दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सहायता या सेवा किया करते हैं। वैसे कहते हैं न…कि अच्छे कर्मों का फल भगवान अवश्य देता है, ऐसा ही कुछ हुआ एक ऑटो ड्राइवर के साथ। उसकी सेवा भावना की वजह से उसकी किस्मत चमक गयी और वह करोड़पति बन गया।
कोई हमारी सहायता करे तो हम उसे खुश होकर कई बार भेंट देना चाहते हैं, पर आज हम आपको ओडिशा की जिस बुजुर्ग महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, उन्होंने इस ऑटो ड्राइवर की निःस्वार्थ सेवा और मदद से प्रसन्न होकर उसके नाम अपनी सारी प्रोपर्टी लिख दी। यह मामला अपने आप में अनोखा है और सभी उस महिला की दरियादिली की सराहना कर रहे हैं।
कौन हैं ये दरियादिल महिला?
जिनकी हम बात कर रहे हैं वे ये मिनाती पटनायक (Minati Patnaik) नामक 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला ओडिशा के कटक की रहने वाली हैं। कहने को तो उसी शहर में उनके काफी रिश्तेदार हैं, लेकिन सिर्फ नाम के। उनकी तीन बहनें, एक भाई और बच्चे उसी शहर में रहते हैं, परन्तु फिर भी वे अकेली हैं।
यही वजह है कि उन्होंने अपनी सारी प्रॉपर्टी स्वार्थी रिश्तेदारों को नहीं बल्कि निस्वार्थ भाव से उनकी मदद करने वाले ऑटो ड्राइवर को दे दी। मिनाती पटनायक का सुताहाट इलाके में 1 तीन मंजिला घर है और कुछ आभूषण हैं। जिनकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपए है। उनके मरणोपरांत इस संपत्ति का मालिकाना हक उस ऑटो ड्राइवर का ही होगा।
परिवार से बिछड़ने के बाद रिक्शावाले और उसके परिवार ने दिया साथ
बीते 1 साल में इन सह्रदय महिला की पूरी जिंदगी बदल गई। इस एक वर्ष में उन पर उन पर दुखों का पहाड़ आन पड़ा क्योंकि दुर्भाग्यवश उनसे उनका सारा परिवार छिन गया। दरअसल उनके पति, जिनका नाम कृष्णा कुमार था, उन्हें कैंसर की बीमारी थी। जिसके चलते गत वर्ष जुलाई महीने में वे स्वर्गवासी हो गए।
फिर उनकी इकलौती बेटी कमल कुमारी का भी उसी वर्ष जनवरी माह में आग की चपेट में आ गई और उसके पश्चात कमल कुमारी की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इस तरह से केवल एक ही वर्ष में अपने दो-दो प्रियजनों को इस दुनिया से जाना मिनाती के लिए असहनीय था। परंतु उनके इस कठिन समय में भी, जब कोई रिश्तेदार काम नहीं आया, तब ऑटो ड्राइवर बुधा व उसके परिवार ने उन्हें सम्बल दिया व हर परिस्थिति में उनका साथ दिया। बुधा की पत्नी भी मिनाती को घर के काम में सहयोग दिया करती थी।
आखिर क्यों बनाया ऑटो ड्राइवर बुधा को प्रोपर्टी का मालिक…
असल में बुधा नामक वह ऑटो ड्राइवर 1994 से उन महिला के मकान में किराए पर रहता है। बुधा भले ही 50 साल का है, पर मिनाती को अपनी माँ जैसा समझता है और उन्हें माँ ही कह कर बुलाता है। उसके बच्चे मिनाती को दादी माँ कहकर पुकारते हैं। बुधा मिनाती की बेटी कमल को उसकी ऑटो में बिठाकर स्कूल और फिर कॉलेज ले जाता था। मिनाती के पति एक व्यवसायी थे, उन्हें भी जब आवश्यकता होती, बुधा हमेशा उनकी मदद के लिए आगे रहता था। मिनाती का कहना है कि इतने साल बीत गए, इसी बीच बुधा उनके परिवार का ही मेम्बर बन गया है। मिनाती व उनके पति ने भी बुधा की बेटी के विवाह के समय उसे काफी आर्थिक सहायता दी थी।
बुधा के इस निःछल सेवाभाव को देखते हुए मिनाती मानती हैं कि यह ऑटो ड्राइवर बुधा ही उनकी सम्पति का कानूनी वारिस बनने के काबिल है और उसकी वफादारी के आगे तो यह प्रोपर्टी कुछ भी नहीं है। हालांकि पहले तो बुधा उनके इस फैसले को स्वीकार नहीं कर रहा था, पर मिनाती के बहुत कहने पर वह माना। मिनाती के भाई और बहनों को जब ऑटो चालक को प्रोपर्टी का हक देने की यह बात पता चली तो वे कुछ नाराज़ हुए, पर मिनाती अपने निश्चय पर अडिग रहीं।
सोशल मीडिया पर मिनाती (Minati Patnaik) के इस निर्णय की खूब तारीफ की जा रही है और साथ ही उस स्वार्थ रहित, सेवाभावी ऑटो चालक की भी सराहना हो रही है।