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Bamboo Bottle: प्लास्टिक की जगह बांस से बनी बोतल और टिफिन का करें इस्तेमाल, सेहत के साथ साथ पर्यावरण को भी होगा फायदा

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Bamboo Bottle: धरती पर ग्लोबल वर्मिंग तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए कहीं न कहीं हम इंसान ही जिम्मेदार हैं। दुनिया भर में रोजाना इंसानों द्वारा कई टन प्लास्टिक वेस्ट का उत्पादन किया जाता है, जिसे नदियों के माध्यम से समुद्रों में फेंक दिया जाता है। ऐसे में गंदगी और प्लास्टिक कूड़े की वजह से प्रदूषण बढ़ता है और इसके परिमस्वरूप कई बीमारियों का जन्म होता है।

ऐसे में अगर आप भी प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहते हैं, तो आप बांस से बनी बोतल और टिफिन का इस्तेमाल कर सकते हैं। बांस से निर्मित यह उत्पादन ईको फ्रेंडिली होते हैं, जिन्हें इस्तेमाल करने से प्रकृति या इंसान की सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

बांस से बनाई शानदार बोतल (Bamboo Bottle)

हम इंसान रोजाना पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे न जाने कितना टन प्लास्टिक कूड़ा इकट्ठा हो जाता है। वहीं स्कूल, कॉजेल और ऑफिस में खाना लेने जाने के लिए भी प्लास्टिक टिफिन का इस्तेमाल किया जाता है, जो भोजन को दूषित करने और उसके पौष्टिक तत्वों को खत्म करने का काम करता है।

ऐसे में त्रिपुरा के अगरतला (Agratala) क्षेत्र में स्थानीय लोग बांस का इस्तेमाल करके खूबसूरत बोतलों (Bamboo Bottle) का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें पानी पीने से न सिर्फ आपकी सेहत अच्छी रहेगी बल्कि प्लास्टिक कूड़े का उत्पादन भी कम हो जाएगा। 

बांस की इन बोतलों को बनाने की पहल त्रिपुरा पुनर्वास बागान निगम (TRPC) द्वारा की जा रही है, जिसके लिए स्थानीय लोगों की मदद ली गई है। अगरतला के स्थानीय लोग हाथ से बांस की खूबसूरत बोतल तैयार करते हैं, जो देखने में आकर्षक और टिकाऊ लगती हैं। 

बांस की बोतलों को बनाने के लिए जैविक प्रक्रिया का पालन किया जाता है, जिसकी वजह प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचता है और प्रदूष भी पैदा नहीं होता है। वहीं इन बोतलों को बनाने वाले स्थानीय लोगों को भी घर बैठे रोजगार प्राप्त हो जाता है, जिससे उन्हें काम की तलाश में राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इन दिनों बाजार में बांस की बोतलों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा में ज्यादा से ज्यादा इन बोतलों का निर्माण किया जा रहा है। यह बोतलें पर्यावरण के अनुकूल है, जिन्हें खराब हो जाने के बाद आसानी से मिट्टी में मिलकर खत्म हो जाती है। इन बोतलों में पानी ज्यादा समय तक ताजा और ठंडा रहता है, जो गर्मी के मौसम के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं।

बांस से बनाए जा रहे हैं खूबसूरत टिफिन 

त्रिपुरा की तरह मणिपुर में भी बांस के प्रोडक्ट्स को जोर शोर से बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसकी वजह से यहां बांस के टिफिन तैयार किए जा रहे हैं। मणिपुर के चुराचंदपुर (Churachandpur) में Zogam Bamboo Work कंपनी में बांस के ईको फ्रेंडली टिफिन बनाए जा रहे हैं, जिन्हें इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है।

बांस से बने यह टिफिन देखने में बहुत आकर्षक और टिकाऊ हैं, जिनमें तीन बॉक्स मौजूद होते हैं। इस टिफिन को स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में खाना ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो सेहत के साथ साथ पर्यावर को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

तेजी से बढ़ रही है बांस के प्रोडक्ट्स की मांग

त्रिपुरा और मपुर जैसे राज्यों में बांस से बोतल और टिफिन समेत विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें आप और हम रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल कर सकते हैं। यही वजह है कि पूरे देश में बांस की बोतलों और टिफिन की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए लोग ऑनलाइन ऑर्डर दे रहे हैं।

ऐसे में अगर आप भी इन ईको फ्रेंडिल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इन्हें आसानीन से ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं। बांस से बने इन प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने से पर्यावरण में प्लास्टिक कूड़ा कम होगा, जबकि आप कैंसर समेत कई खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे। 

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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