SDM Jyoti Maurya Case : SDM ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच चल रहा विवाद राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, जिसकी वजह से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही शादीशुदा महिलाओं को पति और परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई पतियों ने अपनी पत्नियों को परीक्षा की तैयारी करने से रोक दिया है और उन्हें घर वापस बुला लिया है।
ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि SDM का पद हासिल करने के लिए कौन-सी परीक्षा पास करनी पड़ती है और इसके लिए कितनी रैंक हासिल करनी होती है। दरअसल किसी भी राज्य में SDM पद प्राप्त करने के लिए पीसीएस परीक्षा पास करनी होती है, जिसमें टॉप 20 रैंक वाले उम्मीदवारों को यह पद सौंपा जाता है।
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वहीं अगर उम्मीदवार पीसीएस परीक्षा में पास होने के बाद यूपीएससी की परीक्षा देता है और उसकी रैंक 100 से 500 के बीच होती है, तो उस स्थिति में अभियार्थी को SDM पद संभालने का मौका मिलता है। ज्योति मौर्य ने साल 2015 प्रयागराज से यूपीपीसीएस परीक्षा पास की थी, जिसमें उन्होंने 16वां रैंक हासिल किया था।
इसी प्रकार डीएसपी की पद हासिल करने के भी उम्मीदवार को राज्य पीसीएस परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है, लेकिन इस परीक्षा में मेडिकल टेस्ट होता है और उसमें अभियार्थी का शारीरिक रूप से फिट होना बेहद जरूरी है। अगर अभियार्थी लिखित परीक्षा के साथ मेडिकल टेस्ट पास करने में कामयाब हो जाता है, तो उसे डीएसपी पद सौंप दिया जाता है।
किसी भी राज्य में एसडीएम और डीएसपी के बाद बीडीओ का पद सबसे अहम माना जाता है, जिसे हासिल करने के लिए उम्मीदवारों को स्टेट पीसीएस एग्जाम देना पड़ता है और इसमें 70 से 100 के बीच रैंक प्राप्त करना अनिवार्य शर्त है। यही वजह है कि एसडीएम, डीएसपी और बीडीओ का पद हासिल करने के लिए उम्मीदवार दिन रात मेहनत करके तैयारी करते हैं।
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