Solar Atta Chakki Business: हर भारतीय कीचन में आटे का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि हमारे यहाँ बिना रोटी के भोजन अधूरा माना जाता है। ऐसे में आटा प्राप्त करने के लिए गेंहू की पिसाई करनी पड़ती है, जिसके लिए चक्की लगाई जाती है।
आटा चक्की का कारोबार बहुत ही आसान और फायदेमंद है, जो किसी भी हालत में रूक या खत्म नहीं हो सकता है। गाँव से लेकर बड़े-बड़े शहरों में आटा चक्कियाँ लगाई जाती हैं, जिनसे कारोबारी लाखों रुपए का मुनाफा कमाते हैं। ऐसे में आप भी एक सोलर आटा चक्की का बिजनेस शुरू कर सकते हैं, जिसे चलाने के लिए बिजली का बिल नहीं भरना होगा।
क्या है सोलर आटा चक्की?
बड़े शहरों में आटे की खपत बहुत ज्यादा होती है, ऐसे में सोलर आटा चक्की (Solar Atta Chakki) लगाने से हर महीने लाखों रुपए की कमाई (Earn Money) की जा सकती है। शहरों में एसी, कूलर और फ्रीज जैसे बिजली से चलने वाले आइटम्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है, जिसकी वजह से बिल भी बहुत ज्यादा है।
ऐसे में अगर आप सोलर आटा चक्की (Solar Atta Chakki) लगाते हैं, तो उसे चलाने के लिए बिजली बिल का भुगतान नहीं करना पड़ता है। यह चक्की सौर ऊर्जा से प्राप्त होने वाली बिजली से चलती है, जिसकी वजह से इस कारोबार में काफी ज्यादा फायदा होता है।
उत्तर प्रदेश के जलालाबाद (Jalalabad) जिले के लश्करपुर गाँव में रहने वाले मोहन चौहान (VK Mohan Chauhan) ने हाल ही में सोलर आटा चक्की का बिजनेस (Solar Atta Chakki Business) शुरू किया है, जिसमें वह बहुत कम लागत में अच्छी कमाई कर रहे हैं। सोलर आटा चक्की (Solar Atta Chakki) को इस्तेमाल करने का एक फायदा यह भी है कि इसे चलाने के लिए डीजल या जनरेट की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
मोहन चौहान ने स्थानीय कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी, लेकिन उन्हें अच्छी जॉब नहीं मिली। ऐसे में मोहन ने बिजनेस शुरू करने का फैसला किया, जिसके लिए उन्होंने इंटरनेट पर घंटों रिसर्च की। जिसके बाद उन्हें आटा चक्की शुरू करने का आइडिया मिला, हालांकि मोहन आटा चक्की को बिजली के बल पर नहीं बल्कि सौर ऊर्जा के जरिए चलाना चाहते थे। ये भी पढ़ें – दस हज़ार से बिजली बिल सीधा हो गया ‘जीरो’, जानिए कौन-सी तकनीक लगाकर इन्होंने किया ये कमाल
सौर ऊर्जा से चलाई आटा चक्की (Solar Atta Chakki)
इसके लिए मोहन चौहान ने अपने घर की छत पर 22.5 किलोवाट वाले सोलर पैनल (Solar Panel )लगवाए, जिनकी कुल लागत लगभग 7.5 लाख रुपए के आसपास आई थी। इसमें सोलर पैनल समेत स्ट्रक्चर, कनेक्टर, वायर, वीएफडी और आटा चक्की का खर्च भी शामिल है।
मोहन चौहान बताते हैं कि 22.5 किलोवाट वाले सोलर पैनल से हर दिन कम से कम 120 यूनिट बिजली तैयार होती है, जिसकी मदद से 24 इंच (15 हार्स पावर) वाली आटा चक्की को आसानी से चलाया जा सकता है। एक सामान्य आटा मिल को खड़ा करने में 2.5 से 3 लाख रुपए तक का खर्च आता है, जबकि सालाना 3 लाख रुपए बिजली के बिल के लिए खर्च करने पड़ते हैं।
लेकिन मोहन चौहान ने एक बार में ही 7 लाख रुपए खर्च कर दिए, जिसके बाद उन्हें साल दर साल बिजली के बिल का भुगतान करने से छुटकारा मिल गया है और उन्हें आटा चक्की के रखरखाव की चिंता से भी राहत मिल गई है।
आसान नहीं थी Solar Atta Chakki की शुरुआत
मोहन चौहान को सौर ऊर्जा से चलने वाली आटा चक्की का बिजनेस (Solar Atta Chakki Business) शुरू किए हुए 4 महीने का वक्त हो गया है, जिसके जरिए उन्होंने अब तक 1.2 लाख रुपए की कमाई की है। जहाँ एक तरफ गर्मी के मौसम में सोलर पैनल अच्छी बिजली बनाता है, वहीं सर्दी के मौसम में धुंध और कोहरे की वजह से बिजली का उत्पन्न होने में दिक्कत होती है।
मोहन का कहना है कि उनकी आटा चक्की पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर है, यानी जब तक सोलर पैनल पर धूप पड़ती रहेगी तब तक आटा चक्की लगातार काम करेगी। हालांकि सर्दी के मौसम में धुंध और कोहरे की वजह से कभी-कभी आटा चक्की को चलाने में मुश्किल होती है, लेकिन वह इस समस्या से परेशान नहीं होते हैं।
मोहन चौहान के पास फिलहाल 440 वोल्ट के पांच सोलर सिस्टम मौजूद हैं, जो सूर्य से मिलने वाली धूप से डीसी करंट का निर्माण करते हैं। इस करंट को वीएफडी (Variable Frequency Device) एसी करंट में तब्दील करने का काम करता है, जिससे आटा चक्की समेत विभिन्न इलेक्ट्रिक आइटम्स को चलाया जा सकता है। यही वजह है कि सोलर पैनल को हमेशा धूप वाली जगह पर लगाया जाता है, ताकि वह दिनभर में अधिक से अधिक बिजली का उत्पादन कर सके।
इसके अलावा सोलर पैनल (Solar Panel) से बनने वाली अतिरिक्त बिजली को ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System) के जरिए शिफ्ट किया जा सकता है, जो सीधा बिजली विभाग तक पहुँच जाती है और इस बिजली के बदले सरकार द्वारा लोगों को भुगतान किया जाता है। फिलहाल मोहन चौहान ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन वह जल्द ही इस दिशा में काम करना चाहते हैं। ये भी पढ़ें – इस Solar AC को चलाने पर नहीं आएगा बिजली का बिल, हर महीने Rs. 4200 के बिजली बिल की होगी बचत
इन बातों को रखना चाहिए ध्यान
सोलर आटा चक्की का बिजनेस (Solar Atta Chakki Business) शुरू करना एक आसान काम लगता है, लेकिन इस कारोबार की नींव रखने के लिए कुछ जरूरी बातों को समझ लेना बेहद जरूरी है। अगर आप सोलर आटा चक्की (Solar Atta Chakki) को लगाना चाहते हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि चक्की में जितने हॉर्स पावर की मोटर लगी है आपका सोलर पैनल उससे 1.5 गुना बड़ा होना चाहिए।
उदाहरण के लिए अगर आपके पास 3 हॉर्स पावर वाली मोट है, तो आपको उसे चलाने के लिए कम से कम 5 किलोवाट वाले सोलर पैनल (Solar Panel) की जरूरत पड़ेगी। सौर ऊर्जा की मदद से आटा चक्की को चलाना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि देश भर में कमर्शियल बिजली की कीमत 10 से 14 रुपए प्रति यूनिट है।
ऐसे में अगर आप एक छोटी-सी आटा मिल की नींव रखते हैं, तो उसमें सोलर पैनल से ऊर्जा को तैयार करके चक्की को चलाया जा सकता है। इससे हर महीने हजारों रुपए के बिजली के बिल से राहत मिलेगी, जबकि गाँव और कस्बों में पावर कट होने की स्थिति में आपके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस तरह एक बार सोलर आटा चक्की का कारोबार (Solar Atta Chakki Business) शुरू करने पर आपको शुरुआत में कुछ लाख रुपए का निवेश करना होगा, जिसका फायदा आपको साल दर साल मिलता रहेगा। यहाँ तक कि आपके द्वारा लगाई गई रकम का पूरा कवर अप महज एक साल के अंदर हो सकता है।
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