जब भी हम इतिहास में वीर योद्धाओं की बात करते हैं तो महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) और अकबर जैसे राजाओं के नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये इतिहास के लोकप्रिय राजा रहे हैं जिनकी शक्तियों और रूचियों के किस्सों ने इतिहास रचा. मगर हम यहां बात महाराणा प्रताप की करेंगे जिनके साहस के किस्से आज भी सुनाए जाते हैं और मेवाड़ के इस राजा की महारानयिों के अजब-गजब किस्से भी काफी प्रचलित हैं.
बहुत कम लोग जानते हैं कि महाराणा प्रताप की अजबदे पंवार के अलावा भी कई रानियां थीं जिनके नाम इतिहास में दर्ज हैं. हम आपको महाराणा प्रताप की शक्तिशाली रानियों के बारे में बताएंगे जिनका योगदान शासन में नीति-निर्माण मे रहा है. इसे भी पढ़ें – जगत सेठ: भारत के सबसे धनवान व्यक्ति, जिनसे अंग्रेज और बादशाह भी लिया करते थे कर्जा
कौन थे महाराणा प्रताप? (Who was Maharana Pratap?)
सन 1540 में महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म राजपूत सिसोदिया राजवंश में हुआ था. उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था लेकिन में उन्हें कीका नाम से संबोधित किया जाता था. माहराणा प्रताप ऐसे राजा बने जिनकी वीरता, शौर्य, त्याग और नर्म व्यवहार के किस्से खूब प्रचलित हैं. इनके पिता महाराजा उदय सिंह और मां महारानी जयवंताबाई थीं. महाराणा प्रताप ने कई युद्ध अपनी सूझ-बूझ से जीते तो कई अपनी वीरता से जीते.
महाराणा प्रताप की रानियां कितनी थीं?
महाराणा प्रताप की रानियां कितनी थीं, इस विषय में हमेशा मतभेद रहा है लेकिन इतिहासकारों के मुताबिक महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां थीं जो मेवाड़ की रानी के नाम से प्रचलित थीं. इनमें से महारानी अजबदे पंवार महाराणा की सबसे प्रिय रानी थीं. कई इतिहासकारों का ये भी मानना है कि महाराणा प्रताप के 17 पुत्र और 5 पुत्रियां थीं. इसिहास में ये भी दर्ज है कि महाराणा प्रताप ने महारानी अजबदे पंवार से सच्चा प्रेम किया था लेकिन बाकी रानियों से शादी राजनीतिक गठबंधन के तहत हुई थी. इसे भी पढ़ें – जानिए महाराजा जयसिंह प्रभाकर का एक दिलचस्प किस्सा, ‘रोल्स रॉयस’ की लग्ज़री कारों को लगा दिया कचरा ढोने में
इतिहासकारों के अनुसार, महारानी अजबदे पंवार के साथ महाराणा प्रताप बहुत समय बिताते थे और वे एक सिसोदिया परिवार में जन्मीं थीं. उनके पिता राव माम्रक सिंह थे और मां हंसा बाई थीं. अजबदे बहुत ही कोमल हृदय की महिला थीं लेकिन उनमें साहस बहुत था. अजबदे महाराणा प्रताप के साथ हमेशा वफादार रही हैं और उनसे अत्यधिक प्रेम करती रहीं.
ऐसा बताया जाता है कि महाराणा प्रताप को अजबदे में उनकी मां की झलक नजर आती थी. अपना सुख-दुख और भावनाएं उनके साथ ही बांटते थे. इनसे उन्हें अमर सिंह और भगवान दास नाम की दो संताने हुई थीं. अगर बात महाराणा प्रताप की बाकी रानियों की करें तो इतिहास में उनके नाम इस तरह दर्ज हैं- फूल कंवर राठौड़ प्रथम, रानी आलमदेबाई चौहान, चंपा कंवर झाला, रानी जसोबाई चौहान, रानी सोलंकीनी पुबाई, रानी फूल बाई राठौड़, रानी शहमाती बाई हाड़ा, रानी खीचर अशबाई, रानी अमरबाई राठौड़, लखाबाई राठौड़. इन सभी रानियों को महाराणा प्रताप ने राजनितीक गठबंधन के तहत अपनी पत्नी बनाया था. इसे भी पढ़ें – भारत का वह प्रसिद्ध रसायनशास्त्री, जो मामूली धातु को बना देता था सोना