Lasoda Fruit: प्रकृति ने हमें बहुत सारी ऐसी चीजें दी हैं जिनके बारे में आज तक हम पता नहीं लगा पाए हैं और जिनके बारे में पता लगा भी लिया है उनके बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं। हम आपको आज एक ऐसे फल के बारे में बताने वाले हैं। जिसके बारे में सुना तो बहुत लोगों ने है लेकिन इसके बारे में अधिकतर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है।
हम आपको लसौड़ा (Lasoda Fruit) के बारे में बताने वाले हैं। यह फल दिखने में जितना छोटा और सामान्य लगता है। यह उतने ही औषधीय गुणों से भरा हुआ है। इसका साइंटिफिक नाम कोर्डिया मायक्सा है।
लसौड़े का स्वाद (Test of Lasoda Fruit)
बहुत से लोग इस फल को देखने के बाद कन्फ्यूजन में आ जाते हैं क्योंकि यह देखने में बिल्कुल अंगूर की तरह लगता है। हालांकि इसका स्वाद अंगूर से बहुत अलग होता है। इसको कच्चे खाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है कई जगह लसौड़े का अचार (Lasoda Fruit Pickle) भी देखने को मिलता है। मई और जून में उपलब्ध होने वाला यह फल कई जगह चूर्ण बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे जो चूर्ण तैयार होता है वह कई तरह की बीमारियों में लाभदायक होता है।
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कहाँ मिलेगा लसौड़े का फल
खासतौर से यह फल ऐसे राज्यों में पाया जाता है जहाँ सूखे पन के ज्यादा चांसेस रहते हैं। यह फल गुजरात, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश के टूरिस्ट स्पॉट पर अक्सर देखा जाता है खासतौर से राजस्थान में भी इसकी खूब उपलब्धता पाई जाती है। यह खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है और इससे जो लकड़ी प्राप्त होती है। उसका फर्नीचर बनाने में काफी इस्तेमाल किया जाता है इससे बने फर्नीचर काफी महंगे आते हैं।
लसौड़े की कीमत (Lasoda Fruit Price)
गर्मियों के इलाके में उगाए जाने वाले इस फल की कीमत की बात करें तो यह बाज़ार में डेढ़ सौ रुपये किलो से लेकर 200 रुपये प्रति किलो के भाव में मिल जाता है। इसका इस्तेमाल गर्मियों के समय में शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए बहुत से लोग करते हैं।