SDM Jyoti Maurya News : देश में बीते कुछ दिनों से एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच चल रहा विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसका सीधा असर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही शादीशुदा महिलाओं के जीवन पर पड़ रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों से महिलाओं के कोचिंग छोड़ने की बात सामने आ रही है, जिसमें खान कोचिंग सेंटर का नाम भी शामिल है।
भारत में कई युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए खान कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते हैं, जहाँ खान सर (Khan Sir) बच्चों के फेवरेट हैं। ऐसे में खान सर ने एक वीडियो में छात्रा को बताया कि एसडीएम ज्योति मौर्य (SDM Jyoti Maurya) केस की वजह से उनके कोचिंग सेंटर से कुल 93 शादीशुदा महिलाओं ने नाम कटवा लिया है और वह वापस अपने घर लौट गई हैं।
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खान कोचिंग सेंटर से कटवाया नाम
यह शादीशुदा महिलाएँ खान कोचिंग सेंटर से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं, लेकिन ज्योति मौर्य केस (SDM Jyoti Maurya Case) के सामने आने के बाद महिलाओं के पति को डर है कि कहीं उनकी पत्नियाँ आगे चलकर ऐसी कोई गलती न करें, जिसकी वजह से पतियों ने अपने पत्नियों का नाम कटवा कर उन्हें वापस घर बुला लिया है।
इस मामले को लेकर खान सर (Khan Sir) का कहना है कि एक महिला की वजह से अन्य महिलाओं के साथ ऐसा करना सरासर नाइंसाफी है, जब एक कोचिंग से 93 महिलाओं का एडमिशन रद्द हुआ है तो सोचिए कि पूरे देश में मौजूद कोचिंग सेंटर्स का हाल क्या होगा।
Khan Sir ke BPSC batch se – 93 पत्नी को उनके पति ले गए🥲😄 pic.twitter.com/1QzGyh23vA
— Rahul Yadav (@rlyadav_in) July 6, 2023
यहाँ शादीशुदा पुरुषों को यह समझने की जरूरत है कि महिलाएँ उच्च पद हासिल करने के बाद अपने पति या परिवार को छोड़कर नहीं जाती हैं, बल्कि जीवन में पढ़ लिखकर कामयाबी हासिल करना महिलाओं का आत्मनिर्भर बनाता है। इस तरह किसी एक केस की वजह से पत्नियों को वापस घर बुला लेना या फिर उनकी पढ़ाई बीच में रोक देना मौलिक अधिकारों का हनन है।
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