हमारे समाज में भेदभाव को कर्म करने एवं जातियों में बटें लोगों को एकजुट करने के लिए केंद्र सरकार ने 2013 में इस स्कीम की शुरुआत की थी। सरकार ने इस स्कीम के तहत ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी।
इस स्कीम के तहत उन जोड़ों जिन्होंने अंतरजातीय विवाह किया है उन्हे आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार ने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए यह योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का लाभ पाने के लिए आपको इन चीजों की जानकारी होने होना बेहद जरूरी है।
कैसे करें आवेदन?
1- अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्ति अपने क्षेत्र में मौजूद सांसद या विधायक के पास जाकर अपने बारे में सिफारिश कर सकता है। जिससे आवेदन सीधे डॉ आंबेडकर फाउंडेशन को भेज देंगे।
2- अगर आवेदन को पूरा भर कर नियमानुसार राज्य सरकार या जिला प्रशासन को भेजा जाता है तो उन्हें इस स्कीम का लाभ मिल सकता है।
3- आवेदन देने के बाद राज्य सरकार या जिला प्रशासन उसको डॉ आंबेडकर फाउंडेशन को भेज देती है।
किन लोगों को मिलेगा लाभ
1- आप इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं और अगर सामान्य कैटेगरी में आते हैं तो आपको दलित समुदाय की किसी लड़की से शादी करनी होगी। आप एक जाति के वर-वधू नहीं होने चाहिए.
2- हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत शादी रजिस्टर्ड होनी चाहिए.
3- ध्यान रहे यह आपकी पहली शादी हो, अगर आपकी यह दूसरी शादी है तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
4- साथ ही केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी दूसरे स्कीम के तहत यदि इस शादी के लिए कोई सहायता राशि मिल चुकी है तो आपके ढाई लाख में से उतनी राशि कम कर दी जाएगी।
आवेदन का प्रारूप
1- नवविवाहित जोड़े में से जो भी दलित यानी अनुसूचित जाति समुदाय से हो उसका जाति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगा होना जरूरी है।
2- आवेदन के साथ मैरिज सर्टिफिकेट भी लगा होना चाहिए.
3- कानूनी रूप से विवाहित होने पर हलफनामा भी सबमिट करना होता है।
4- नव दंपत्ति की पहली शादी है यह साबित करना करने के लिए भी एक दस्तावेज जरूर लगा होना चाहिए.
5- नवविवाहित दंपति पति पत्नी की आय प्रमाण पत्र देना भी अनिवार्य है।
6- नव दंपति का संयुक्त बैंक खाते की जानकारी भी इस फॉर्म के आवेदन के साथ लगाई जाएगी जिसमें उसे पैसे उससे स्कीम की धनराशि प्राप्त हो सके.
7- अगर नवविवाहित पति-पत्नी का एप्लीकेशन सही पाया जाता है तो उसके खाते में 1.5 लाख तुरंत ट्रांसफर कर दिए जाते हैं उसे चाहे तो निकाल सकता है या फिर वह उसकी FD करवा कर अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।
कब शुरू हुई यह स्कीम
2013 में इस स्कीम की शुरुआत केंद्र की मनमोहन सरकार द्वारा किया गया था। तत्कालीन सरकार ने इस योजना का नाम डॉक्टर अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज रखा था। तब से लेकर यह स्कीम का फायदा अनगिनत लोगों को मिला है।