Inspiring Success Story of CarDekho: भारतीयों में टैलेंट की कोई कमी नहीं होती है, जिसकी वजह से वह बड़े से बड़ा काम कुछ घंटों की मेहनत में पूरा कर लेते हैं। यही वजह है कि भारतीयों ने अलग-अलग प्रकार की कंपनियों न सिर्फ शुरू किया है, बल्कि उसे कामयाबी की ऊंचाईयों पर भी पहुँचा चुके हैं।
ऐसे में आपने कार देखो डॉट कॉम (CarDekho) के बारे में जरूर देखा होगा, जो एक प्रचलित वेबसाइट है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस स्टार्टअप की शुरुआत दो भारतीय भाईयों ने की है, जो वर्तमान में 1, 200 मिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है। तो आइए जानते हैं कार देखो डॉट कॉम की शुरुआत कैसे हुई थी। इसे भी पढ़ें – कैसे बना डाली रूस के लिए बनाए गए जूतों से 1250 करोड़ की कंपनी, Woodland की सफलता की कहानी
दो भाईयों ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी
अमित जैन (Amit Jain) और अनुराग जैन (Anurag Jain) नामक दो भाईयों ने आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से पढ़ाई की थी, जिसके बाद उन्हें अलग-अलग कंपनियों में नौकरी मिल गई। इस तरह अमित ने ट्रीलॉजी कंपनी में 7 साल और अनुराग ने साबरे होलिडेज नामक कंपनी में 5 साल तक नौकरी की थी, लेकिन इस बीच उनके पिता की तबीयत अचानक खराब हो गई और दोनों भाईयों को नौकरी छोड़कर वापस अपने घर जयपुर लौटना पड़ा था।
इसके बाद अमित और अनुराग जैन ने वापस नौकरी शुरू करने के बजाय बिजनेस शुरू करने का फैसला किया, जिसके बाद दोनों भाईयों ने साल 2008 में उन्होंने कार देखो डॉट कॉम नामक कंपनी की शुरुआत की। दरअसल इस बिजनेस का आइडिया अमित और अनुराग को दिल्ली में ऑटो कार एक्सपो देखने के बाद मिला था, जिसके बाद उन्होंने ऐसी वेबसाइट बनाने का फैसला किया जिसकी मदद से लोगों को कार देखने और उसका चुनाव करने में आसानी हो सके।
इस तरह कार देखो डॉट कॉम नामक वेबसाइट की शुरुआत की, जिसकी मदद से लोग रोजाना ऑनलाइन कार देख सकते थे। इतना ही नहीं उनके पास अलग-अलग कारों की तुलना करने के लिए भी एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म मौजूद था, जबकि कार की तस्वीरों और वीडियोज़ को 360 डिग्री के एंगल में घुमा सकते थे।
वर्तमान में इस कार वेबसाइट पर हर महीने लगभग 3.5 करोड़ उपभोक्ता कार की तस्वीरें और वीडियो देखने के लिए आते हैं, जिससे अमित और अनुराग की कमाई होती है। कार देखो डॉट कॉम की शुरुआत भले ही जयपुर से हुई थी, लेकिन आज इस कंपनी के ऑफिस देश के विभिन्न शहरों में मौजूद हैं और अमित व अनुराग अच्छा खास मुनाफा कमा रहे हैं। इसे भी पढ़ें – 4 भाईयों ने 50 हजार का कर्ज लेकर शुरू की थी Hero Cycles, फिर ऐसे बनी दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल कंपनी