Indian Railways New Rule : भारत में रोजाना सैकड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं, जो अपनी यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन या प्लेटफॉर्म से खाने पीने का सामान खरीदते हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर मौजूद दुकानदार यात्रियों को सामान का बिल नहीं देते हैं, जिसकी वजह से वह टैक्स में बच कर लेते हैं।
लेकिन अब भारतीय रेलवे ने नया नियम जारी कर दिया है, जिसके तहत स्टेशन, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के अंदर खाने पीना सामान बेचने वाले विक्रेताओं को ग्राहक को बिल देना अनिवार्य होगा। अगर कोई दुकानदार ऐसा नहीं करता है, तो यात्री को सामान के लिए पैसों का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
बिल नहीं तो पेमेंट नहीं
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे से जुड़ा नया नियम लागू किया है, जिसे नो बिल, नो पेमेंट नीति का नाम दिया गया है। इस नियम के तहत रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के अंदर खाने पीने का सामान बेचने वाले विक्रेताओं को सामान का बिल देना अनिवार्य होगा, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो ग्राहक पैसों का भुगतान करने से इंकार कर सकता है।
दरअसल लंबे समय से ट्रेन में सफर करने वाले यात्री यह शिकायत कर रहे थे कि रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म और ट्रेन के अंदर खाने पीने का सामान महंगा मिलता है, जबकि रेलवे विभाग ने सभी चीजों के दाम तय कर रखे हैं। ऐसे में अब दुकानदारों का बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि सामान की सही कीमत का पता चल सके।
ऐसे में अगर कोई विक्रेता यात्रियों के साथ धोखाधड़ी करता है या फिर उसने तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करता है, तो उस स्थिति रेलवे विभाग द्वारा उस व्यक्ति के ऊपर सख्त कार्यवाही की जा सकती है। इतना ही नहीं नो बिल, नो पेमेंट पॉलिसी के चलते खाने पीने की चीजों की कीमत पर पारदर्शिता होगी और टैक्स चोरी जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
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