अगर व्यक्ति अपने माइंड को डाइवर्ट ना करके अपने लक्ष्य पर फोकस करें तो अवश्य ही उसे सफलता मिलेगी। बचपन से ही एक आईएएस बनने का सपना देखने वाली कंचन ने 2019 में अपने यूपीएससी की परीक्षा में दूसरे ही प्रयास में 35वीं रैंक लाकर सफलता हासिल कर ली। क्योंकि उन्होंने बचपन से ही उन्होंने तय कर रखा था कि उन्हें एक आईएएस अधिकारी ही बनना है।
दिल्ली से लॉ में ग्रेजुएशन किया
कंचन (Kanchan) हरियाणा (Haryana) सिरसा की रहने वाली हैं। उनकी बचपन से ही ख़्वाहिश थी कि वह बड़े होकर एक IAS अधिकारी बनेगी। उन्होंने अपने शहर से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वह चंडीगढ़ चली गई और यहीं से 12वीं की, उसके बाद वह दिल्ली चली गई और उन्होंने दिल्ली के ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
35वीं रैंक के साथ बनी टॉपर
उन्हें लॉ की जानकारी इतनी अच्छी तरह से थी कि उन्होंने अपने यूपीएससी सीएसई में इसे ही अपना ऑप्शनल बनाया। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वह पहले ही प्रयास में सफल तो हो गई लेकिन उन्हें अपना मनचाहा रैंक नहीं मिला, इसलिए उन्हें इंडियन पर्सोनेल सर्विस में ज्वाइन करना पड़ा यानी वह एक आईपीएस बनी। इसके बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी को छोड़ा नहीं। अपनी गलतियों में सुधार लाते हुए वह दूसरे प्रयास में पूरे भारत में 35वी रैंक के साथ टॉपर बनी और बहुत ही कम उम्र में वह बन गई एक आईएएस अधिकारी।
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए एक इंटरव्यू का वीडियो
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए एक इंटरव्यू में कंचन ने बताया की पहली परीक्षा के दौरान उनसे बहुत सारी गलतियाँ हुई थी, जिसे उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में दूर किया। हालांकि पहली बार में भी एक आईपीएस बनना कोई छोटी बात नहीं है लेकिन उनका फोकस था कि वह एक आईएएस अधिकारी बने और 2019 में एक आईएएस अधिकारी बनकर उनका यह बचपन का सपना पूरा हुआ।
बनाएँ अपनी ख़ुद की स्ट्रेटजी
बाकी लोगों की तरह ही कंचन ने भी तैयारी से पहले बहुत सारे टॉपर्स के इंटरव्यूज देखें, उनके ब्लॉग पढे, इंटरनेट से बहुत सारी जानकारियाँ हासिल की। लेकिन इन सबसे पहले आपके लिए यह ज़रूरी होता है कि आप अपनी कमियों को पूरा करें आपका जो विषय कमजोर है उस पर ज़्यादा फोकस करें। तैयारी के लिए आप ख़ुद की स्ट्रेटजी बनाएँ तभी आप सफल हो सकते हैं।
सिलेबस की होनी चाहिए जानकारी
कंचन कहती है कि आपको परीक्षा देने से पहले यूपीएससी की सिलेबस का बहुत अच्छे से ज्ञान होना चाहिए। ताकि आप कोई भी किताब या न्यूज़ पेपर पढ़ें तो आप उनकी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ ले सके और आउट ऑफ सिलेबस पर आपका ध्यान ना जाए। इसके लिए आप पिछले कई सालों के प्रश्नों को सॉल्व भी कर सकते हैं, जिससे आपकी प्रैक्टिस बनी रहेगी और आपको परीक्षा के पैटर्न का भी पता चल पाएगा।
एक सबसे ख़ास बात जो कंचन ने बताया कि बहुत सारे किताबों को ना पढ़कर लिमिटेड किताबों को बार-बार पढ़ें, उसका बार-बार रिवीजन करते रहें। इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आप किताबों तक ही उलझ कर नहीं रह पाएंगे और अपनी तैयारी एक फ्रेश माइंड से कर पाएंगे। तैयारी के साथ-साथ आपको इसका मॉक टेस्ट भी देना बहुत ज़रूरी होता है। इससे आपको अपनी सही दिशा का पता लग सकेगा। टेस्ट देने पर आप अपने दिए गए उत्तरों का कटऑफ भी निकाल सकते हैं।
टाइम मैनेजमेंट का ज़रूर ख़्याल रखें
अंत में कंचन का सारे कैंडिडेट्स के लिए यही कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने टाइम मैनेजमेंट पर भी फोकस करें। अपना एक सेड्यूल बनाएँ कि किस टाइम पर आपको कौन-सा विषय पढ़ना है या किस दिन और कितने दिनों में आपको यह टॉपिक क्लियर कर लेना है।
अपना समय फालतू चीजों में ना गमाकर महत्त्वपूर्ण चीजों में दे। क्योंकि इस परीक्षा के लिए आपका 1-1 मिनट का समय कीमती होता है। साथ ही आप अपने मनपसंद के कामों पर भी ध्यान दें ताकि आप बोर फिल ना कर सकें और कंसंट्रेट होकर अपनी मंज़िल को पा सके।