Homeस्पोर्ट्ससड़कों पर ई-रिक्शा चलाने के लिए मजबूर है पूर्व क्रिकेटर, कभी हेलिकॉप्टर...

सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने के लिए मजबूर है पूर्व क्रिकेटर, कभी हेलिकॉप्टर शॉट लगाकर टीम को दिलाई थी जीत

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ghaziabad: भारत में क्रिकेट प्रेमियों की कोई कमी नहीं है, जिसमे कुछ लोग इस खेल में अपने करियर बनाने के लिए दिन रात मेहनत हैं। ऐसे में नेशनल टीम में सिलेक्ट होने से पहले खिलाड़ियों को अलग-अलग लेवल पर मैच खेलने और जीते होते हैं, जिसके बाद कुछ बेहतरीन खिलाड़ी ही भारतीय टीम का हिस्सा बन पाते हैं।

ऐसा ही एक सपना राजा बाबू (Raja Babu) नामक लड़के ने देखा था, जो स्कूल के दिनों से क्रिकेटर बनना चाहता था और राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट टूर्नामेंट भी खेल चुका था। लेकिन इसके बावजूद भी राजा बाबू अपना सपना पूरा नहीं कर पाया, जिसकी वजह से वह आज गाजियाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने पर मजबूर है।

कौन है राजा बाबू?

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से ताल्लुक रखने वाले राजा बाबू (Disabled Cricketer Raja Babu) को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था, लेकिन साल 1997 में महज 7 साल की उम्र में एक ट्रेन हादसे में उनका एक पैर कट गया। ऐसे में शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद भी राजा बाबू ने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने का फैसला कर लिया। इसे भी पढ़ें – पाई-पाई के लिए मोहताज हैं पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी विनोद कांबली, कहा-सचिन तेंदुलकर से कोई उम्मीद नहीं

इसके बाद राजा बाबू ने उत्तर प्रदेश में दिव्यांग क्रिकेट टीम को ज्वाइन कर लिया, लेकिन उन्हें काफी दिनों तक व्हीलचेयर पर बैठकर मैच देखना पड़ा। हालांकि कुछ समय बाद राजा बाबू को टीम के लिए बतौर बल्लेबाज खेलने का मौका मिल गया और उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से हर किसी को हैरान कर दिया।

साल 2017 में मेरठ शहर में राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था, जिसमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश की टीम आमने सामने थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश की तरफ से राजा बाबू ने 20 गेंदों में 67 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी थी, जिसके बाद हर तरफ राजा बाबू की जमकर तारीफ होने लगी।

उस मैच के बाद राजा बाबू को ढेर सारे ईनाम दिए गए थे, जबकि डिसेबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम का नया कप्तान भी बना दिया था। इस तरह राजा बाबू देखते ही देखते उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के महेंद्र सिंह धोने बन गए थे, जिनका हेलिकॉप्टर शॉट टीम को जीत हासिल करवाने का काम करता था।

लॉकडाउन काल में बिगड़ गए हालात

राजा बाबू की जिंदगी में अभी पटरी पर आई ही थी कि तभी भारत में साल 2020 में लॉकडाउन ने दस्तक दे दी, जिसकी वजह से राजा बाबू समेत उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन का अस्तित्व खतरे में आ गया था।

दरअसल लॉकडाउन के दौरान दिव्यांग क्रिकेटर्स के लिए बनाई गई चैरिटेबल संस्था को भंग कर दिया गया था, जिसकी वजह क्रिकेटर्स के खेलने के लिए फंड की समस्या पैदा हो गई थी। इस वजह से दिव्यांग क्रिकेटर्स का भविष्य खतरे में पड़ गया और दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े सभी खिलाड़ी धीरे-धीरे काम की तलाश में इधर उधर भटकने लगे।

राजा बाबू को भी अपने साथियों की तरह काम की तलाश थी, लिहाजा उन्होंने दो वक्त की रोटी कमाने के लिए कभी गाजियाबाद की सड़कों पर दूध बेचना शुरू कर दिया था। लेकिन इस काम में राजा बाबू की ज्यादा कमाई नहीं होती थी, जिसके बाद उन्होंने ई-रिक्शा चलाने का फैसला किया।

इस तरह क्रिकेट के मैदान में चौक्के, छक्के लगाने वाले राजा बाबू ने गाजियाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया, जिसकी मदद से वह अपने परिवार को दो वक्त की रोटी मुहैया करवा पाते हैं। राजा बाबू रोजाना 8 से 10 घंटे ई-रिक्शा चलाते हैं, जिसके बदले उन्हें 250 से 300 रुपए की कमाई होती है।

इतनी कम कमाई में घर का खर्च चलाना और बच्चों के स्कूल की फीस भरना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से राजा बाबू को यह डर सताता है कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएंगे। हालांकि राजा बाबू पूरी कोशिश करते हैं कि वह दिन भर में अच्छी कमाई कर सके, ताकि बच्चों की पढ़ाई सम्बंधी जरूरतों को भी पूरा कर पाएँ।

यह भी पढ़ें
Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

Most Popular