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मर चुके इंसान को जीवित करने की अनोखी तकनीक का दावा! बर्फ में दफन की जाती है डेडबॉडी

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आज के समय को वैज्ञानिक युग कहा जाता है, जहाँ किसी भी समस्या का हल विज्ञान की मदद से खोज लिया जाता है। ऐसे में विज्ञानक की मदद से हम इंसान चंद्रमा तक पहुँच गए हैं, जबकि मंगल ग्रह पर मानव बस्तियाँ बसाने के लिए विभिन्न मिशन भेज रहे हैं। हालांकि अब तक वैज्ञानिक इंसान की मृत्यु से जुड़े रहस्य को नहीं सुलझा पाया है, जिसकी वजह से हम इंसानों का मृत्यु पर कोई काबू नहीं है।

लेकिन अब वैज्ञानिक एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत भविष्य में मृत इंसान को दोबारा से जीवित किया जा सकता है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति की पुरानी यादें भी जिंदा रहेगी, जिसकी वजह से उसे अपने पुराने जीवन के बारे में सबकुछ याद होगा। तो आखिर क्या है ये टेक्नोलॉजी, आइए विस्तार से जानते हैं।

क्या मृत इंसान हो सकता है जीवित?

इंसान का जन्म और मृत्यु पूरी तरह से प्राकृतिक घटना है, जिसकी वजह से हम उसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। हालांकि आज के एडवांस युग में इंसान ने जन्म को कंट्रोल करना सीख लिया है, जिसकी वजह से लोग जब चाहे अपनी मर्जी से माता-पिता बन सकते हैं।

ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में स्थिति एक कंपनी ने मृत्यु पर कंट्रोल करने का फैसला किया है, जिसके तहत कंपनी मृत इंसानों को एक बार फिर जिंदा करेगी। इसके लिए मृतक के शव को बर्फ में दफन कर दिया जाएगा, जिसके बाद उसके शरीर पर रिसर्च की जाएगी और भविष्य में उन शवों में दोबारा से जान फुंक दी जाएगी।

इस ऑस्ट्रेलियाई कंपनी का नाम सर्दन क्रायोनिक्स (Southern Cryonics) है, जिसका हेडक्वार्टर सिडनी में स्थित है। इस कंपनी का एक बहुत बड़ा सेटअप है, जहाँ इंसान के मृत शरीर को-200 डिग्री सेल्सियस के तापमान में स्टोर करके रखा जाता है। कंपनी में काम करने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि वह 50 साल बाद इन मृत लोगों को दोबारा से जीवित करने में कामयाब हो जाएंगे।

लिक्विड नाइट्रोजन में डूबाते हैं डेडबॉडी

सदर्न क्रायोनिक्स कंपनी सिर्फ उन्हीं लोगों के शव को अपने पास स्टोर रखती है, जो मरने से पहले कंपनी के साथ करार करते हैं। ऐसे में मृत्यु के बाद कंपनी के वैज्ञानिक उस व्यक्ति के शव को अस्पताल से सीधा अपने सेंटर ले आते हैं, जहाँ उस शव को स्टोर करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।

इसके लिए मृत के शरीर को बैक्टीरिया रहित करके उसे एक स्टील के चैम्बर में डाल दिया जाता है, जिसके अंदर-200 डिग्री सेल्सियस के ठंडे तापमान वाला लिक्विड नाइट्रोजन मौजूद होता है। इस लिक्विड नाइट्रोजन में मृत के शव को उल्टा डाला जाता है, जिसमें सिर नीचे की तरफ और पैर ऊपर की तरफ होते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर चैम्बर में लिकेज हो जाए, तो उस स्थिति में दिमाग को डैमेज होने से बचाया जा सके।

फीस के रूप में लेती हैं 1 करोड़ रुपए

इन सभी चीजों के बदले कंपनी प्रत्येक मृत के परिवार के लगभग 1 करोड़ रुपए की फीस लेती है, ताकि भविष्य में उस इंसान को जीवित किया जा सके। इतना ही नहीं इस कंपनी में स्टोर की गए डेडबॉडी की फोटोज़ भी चैम्बर के बाहर लगाई जाती है, ताकि अगर उनके परिवार के लोग वहाँ आए तो वह अपने परिजन के चैम्बर को आसानी से पहचान सके।

फिलहाल इस कंपनी ने 40 से ज्यादा लोगों के शव के लिक्विड नाइट्रोजन में स्टोर करके रखा है, जबकि यहाँ 600 मृत लोगों के शवों को दफन करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कंपनी मृत जानवरों को भी दोबारा जीवित करने के प्रोसेस पर काम कर रही है, जिसके लिए कंपनी ने कुछ जानवरों की डेडबॉडी को स्टोर करके रखा है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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