Blue Potato Farming: भारत समेत दुनिया भर में आलू का उत्पादन बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है, क्योंकि इसका सेवन करने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में है। ऐसे में आलू का इस्तेमाल करके फ्रेंच फ्राईज़ समेत पकौड़ी, कचौड़ी, चिप्स और विभिन्न प्रकार की डिशज़ तैयार की जाती हैं, जबकि भारत में आलू से कई प्रकार की सब्जी भी बनाई जाती है।
ऐसे में भारतीय बाजारों में आलू की मांग काफी ज्यादा है, जिसे पूरा करने के लिए छोटे बड़े आलू की फसलों को उगाया जाता है। उन सभी आलूओं का रंग और स्वाद लगभग एक जैसा होता है, जिनकी कीमत भी ज्यादा फर्क नहीं होता है। लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक किसान ने नीलकंठ आलू (Blue Potato Farming) की नई प्रजाति उगाने में सफलता प्राप्त की है, जो बाहर से बिल्कुल नीले रंग का दिखाई देता है।
नीलकंठ आलू की खेती (Neelkanth Potato Farming)
मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर खजूरी कला (Khajuri Kala) नाम गांव स्थित है, जहां रहने वाले मिश्रीलाल राजपूत (Mishri Lal Rajput) ने नीले रंग का आलू (Blue Potato) उगाने का अनोखा कारनामा कर दिखाया है। मिश्रीलाल पेशे से एक किसान हैं, जिन्होंने आलू की इस नई प्रजाति को नीलकंठ नाम दिया है।
इस आलू का ऊपरी छिलका गहरे नीले रंग का होता है, जबकि अंदर से यह बिल्कुल एक सामान्य आलू की तरह दिखाई देता है। लेकिन नीलकंठ आलू का स्वाद सामान्य आलू के मुकाबले ज्यादा बेहतर होता है, जबकि इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है।
अभी बाजार में नहीं बिकेगा नीलकंठ आलू
नीलकंठ आलू को अभी कुछ समय तक बाजार में नहीं बेचा जाएगा, क्योंकि मिश्रीलाल राजपूत पहले इस आलू के बीज तैयार करना चाहते हैं। ऐसे में जब नीलकंठ आलू के बीज प्रचुर मात्रा में तैयार हो जाएंगे, तो उसके बाद इस आलू को बाजार में बेचने के लिए भेजा दिया जाएगा।
नीलकंठ आलू की इस नई किस्म को तैयार करने के बाद मिश्रीलाल राजपूत हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान गए थे, जहां उन्होंने नीले आलू की वैज्ञानिक जांच करवाई थी ताकि उसमें मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाया जा सके।
सामान्य आलू के मुकाबले है ज्यादा सेहतमंद
नीलकंठ आलू की जांच में पता चला कि वह आलू की अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्वों से भरपूर है, जबकि इस आलू को सामान्य आलू की तुलना में जल्दी पकाया जा सकता है। नीलकंठ आलू में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी ज्यादा होती है, जबकि इसका स्वाद सामान्य आलू की तुलना में ज्यादा बेहतर होता है।
आपको बता दें कि 100 ग्राम नीलकंठ आलू में 100 माइक्रोग्राम एंथेसायनिन और 300 माइक्रोग्राम कैटोटिनायडस नामक जरूरी एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जबकि 100 ग्राम सामान्य आलू में एंथेसायनिन की मात्रा 15 माइक्रोग्राम और कैटोटिनायडस सिर्फ 70 माइक्रोग्राम तक होता है।
यह एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर में हानिकारक तत्वों को नष्ट करने का काम करते हैं, जिसे पाचन क्रिया में सुधार होता है और आलू का सेवन करने की वजह से गैस या कब्ज जैसी समस्या नहीं होती है। यही वजह है कि नीलकंठ आलू को सामान्य आलू की तुलना में ज्यादा बेहतरीन माना जा रहा है, जिसकी कीमत अभी तक तय नहीं की गई है।
लाल भिंडी भी उगा चुके हैं मिश्री लाल
यह पहली बार नहीं है जब भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत सब्जी की अनोखी फसल तैयार चर्चा में आए हैं, बल्कि इससे पहले उन्होंने लाल भिंडी की फसल उगाकर सभी को चौंका दिया था। मिश्रीलाल राजपूत की गिनती खजूरी कला गांव के उन्नत किसानों में की जाती है, जो अपने खेत में उगाने वाली सब्जी और फसलों के साथ नए नए प्रयोग करते रहते हैं।
मिश्रीलाल के इसी टैलेंट की वजह से उन्हें मध्य प्रदेश में कृषि विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है, जबकि गांव में उनकी एक अलग ख्याति है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नीलकंठ आलू की किस्म बाजार में कब तक आएगी और उसकी कीमत आम इंसान की पहुंच तक होगी या नहीं।
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