हम सभी जानते हैं कि PAN Card, Aadhaar Card, Voter ID card, Passport, Driving License इत्यादि सारे बनवाना आवश्यक होता है, क्योंकि कोई भी डॉक्यूमेंट बनवाने में, किसी योजना का लाभ उठाने के लिए और हर छोटे-बड़े काम के लिए ये आईडी कार्डस सरकारी पहचान पत्र के तौर पर बताने होते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, तो उसके पश्चात इन महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों और आईडी कार्ड्स का क्या होता है?
ज्यादातर लोगों को इस बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं होती है कि उन्हें मृतक व्यक्ति के ऑफिशियल डॉक्युमेंट्स तथा आईडी का क्या करना होता है और उनको अपने पास कब तक रखना चाहिए? वे यह भी नहीं जानते हैं कि क्या वे इन डाक्यूमेंट्स को जारी करने वाली संस्थाओं को वापस कर सकते हैं अथवा नहीं? तो चलिए आज हम आपकी ये सारी दुविधाएँ दूर किए देते हैं और आपको बताते हैं कि एक्सपर्ट्स के अनुसार मृत व्यक्ति के इन आईडी कार्ड्स का क्या करना चाहिए।
आधार कार्ड (Aadhar Card)
आधार कार्ड का उपयोग आईडी प्रूफ और ऐड्रेस प्रूफ के लिए किया जाता है। चाहे LPG में सब्सिडी का लाभ लेना हो, सरकार से छात्रवृत्ति का लाभ उठाना हो या EPF एकाउंट में, ऐसी सभी जगहों पर आधार नम्बर आवश्यकता पड़ती है। इस बारे में सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार व एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि ‘आधार कार्ड वास्तव में एक ख़ास पहचान संख्या के रूप में होता है। परन्तु, मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी व फैमिली मेंबर्स को यह ध्यान रखना होगा कि मृत व्यक्ति के आधार कार्ड का दुरुपयोग ना होने पाए।
वे यह भी कहते हैं कि (आधार कार्ड बनवाने की आधिकारिक वेबसाइट) UIDAI में मरे हुए व्यक्ति के आधार कार्ड को रद्द करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है तथा आधार डेटाबेस में आधार कार्ड होल्डर की मौत के सम्बंध में किसी प्रकार की इंफॉर्मेशन अपडेट करने का प्रावधान भी नहीं रखा गया है।
वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card)
वोटर आईडी कार्ड के बारे में जितेंद्र सोलंकी बताते हुए कहते हैं कि वोटर आईडी कार्ड के सम्बंध में निर्वाचक रजिस्ट्रेशन नियम, 1960 के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर इसे रद्द किए जाने का प्रावधान है। ‘उन्होंने आगे कहा,’ इसके लिए मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को वहाँ के स्थानीय चुनाव कार्यालय में जाकर चुनावी नियम-कानूनों के हिसाब से एक ख़ास आवेदन पत्र भरना होगा, जिसे फॉर्म नंबर 7 कहा जाता है। फिर वोटर आईडी कार्ड को रद्द करवाने के लिए मृतक के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ इस फॉर्म को जमा करवाना होता है।
पैन कार्ड (PAN कार्ड)
जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि ‘पैन कार्ड का प्रयोग कई कार्यों जैसे कि बैंक एकाउंट, डीमैट एकाउंट, तथा मृतक का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा कराने के लिए एक ज़रूरी रिकॉर्ड के तौर पर होता है। यह पैन किसी व्यक्ति के लिए तभी तक आवश्यक होता है, जब तक उसके ऐसे सभी बैंक एकाउंट बंद नहीं हो जाते हैं, जिसमें पैन का विवरण देना ज़रूरी होता है। ITR जमा करने के सम्बन्ध में पैन को तब तक रखना आवश्यक होता है, जब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मृतक के टैक्स रिटर्न जमा करने का प्रोसेस नहीं कर देता है।’ फिर वे कहते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से सम्बंधित सभी काम पूरे हो जाने पर, उत्तराधिकारी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में कांटेक्ट करके मृतक के PAN Card को सरेंडर करना चाहिए।
पासपोर्ट (Passport)
मृतक के पासपोर्ट के सम्बंध में जितेंद्र सोलंकी जी का कहना है की, ‘ पासपोर्ट के बारे में व्यक्ति की मृत्यु होने पर या सरेंडर अथवा पासपोर्ट रद्द करने के लिए अब तक किसी तरह का प्रावधान नहीं है और ना ही सरकारी ऑफिसर्स को इस बारे में सूचना देने की कोई प्रक्रिया की जाती है। यद्यपि, मृतक के पासपोर्ट की टाइम लिमिट ख़त्म होने के पश्चात समाप्त हो जाने के बाद यह स्वतः ही अमान्य हो जाता है। हाँ लेकिन, यह डॉक्यूमेंट व्यक्ति के निधन के बाद भी उत्तराधिकारी के पास रखना एक बुद्धिमत्ता पूर्ण फ़ैसला माना जायेगा, क्योंकि यह पासपोर्ट बाद में आने वाले समय पर प्रूफ के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
आधार व पासपोर्ट ऐसे डॉक्यूमेंट हैं, जिन्हें आप सरेंडर नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनको नष्ट मत कीजिए, बल्कि इन्हें मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ रखिए।