IPS N Ambika – यूं तो देश में बेटियों के लिए बहुत से कानून बनाए गए हैं। महिला सशक्तिकरण से लेकर उनके विवाह सम्बन्धी बहुत से नियम हैं। अब तो सरकार यह भी विचार कर रही है कि लड़कियों की शादी की कानूनन आयु 18 साल से बदलकर 21 साल कर दी जाए, लेकिन क्या इनका पालन किया जाता है?
असल में हमारे देश में आज भी कई स्थानों पर बहुत-सी लड़कियाँ छोटी उम्र में शादी के बंधन में बाँध दी जाती हैं। उनके सपनों को विवाह की अग्नि में जलाकर भस्म कर दिया जाता है। आज हम जिन महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। पर उन्होंने अपने दम पर अपने जीवन को बदल दिया और शादी के बाद IPS ऑफिसर बनीं। चलिए जानते हैं इनकी कामयाबी की दास्तां…
कैसे आया IPS बनने का ख्याल?
तमिलनाडु की रहने वाली एन. अंबिका (IPS N Ambika) जब केवल 14 साल की थीं, तभी उनकी शादी कर दी गई थी। पहले तो वे अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी का निर्वाह कर रही थीं। अंबिका के पति एक पुलिस हवलदार थे। एक बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर जब अम्बिका अपने पति के साथ परेड देखने गईं तो उन्होंने उनके पति को उच्च अधिकारियों को सलाम करते देखा, जिससे उन्हें कुछ आश्चर्य हुआ।
फिर उन्होंने अपने पति से पूछा की आख़िर वे कौन थे और आप उन्हें सलाम क्यों कर रहे थे? तब उनके पति ने बताया कि वे IPS ऑफिसर थे। IPS ऑफिसर बनने के लिए बहुत मुश्किल एग्जाम पास करना पड़ता है। पति की यह बात सुनकर अंबिका (IPS N Ambika) ने निश्चय कर लिया कि चाहे जो भी हो वे इस एग्जाम को पास करेंगी और IPS बनकर दिखाएंगी।
18 साल की उम्र में 2 बेटियों की माँ बन गई थी
एन. अंबिका (IPS N Ambika) की 14 साल में शादी होने से उनकी पढ़ाई भी छूट गयी थी। 18 साल की आयु में वे दो बेटियों की माँ बन गईं थीं। फिर भी उन्होंने आत्मविश्वास के साथ अपने निश्चय पर अडिग रहने के लिए ख़ुद को प्रेरित किया। उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके IPS अधिकारी बनने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। लेकिन वे 10वीं पास भी नहीं थी। उनपर घर गृहस्थी की जिम्मेदारी थी इसलिए वे स्कूल भी जॉइन नहीं कर सकती थीं।
डिस्टेंस लर्निंग से किया ग्रेजुएशन
एन. अंबिका (IPS N Ambika) 10वीं कक्षा पास नहीं थीं लेकिन उन्होंने इस परेशानी का भी हल खोज लिया। उन्होंने एक प्राइवेट कोचिंग से 10वीं का एग्जाम दिया और डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन पूरा किया। यह सब उनके लिए मुश्किल अवश्य हो रहा था, पर उन्होंने पक्का फ़ैसला कर लिया था कि वे केवल इस एग्जाम में बैठेंगी ही नहीं, बल्कि इसे पास भी करेंगी।
फिर इसके बाद अंबिका ने निश्चय किया कि वे चेन्नई में रहकर सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी करेंगी। उनके पति ने भी उनका पूरा साथ दिया। जिस समय वे चेन्नई में रहते हुए परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तब उनके पति नौकरी करने के साथ ही दोनों बच्चों की देखरेख भी करते थे। बच्चों से दूर रहना एक माँ के लिए आसान नहीं होता है, पर उन्होंने यह त्याग भी किया।
3 बार फेल हुईं पर हारी नहीं
एन. अंबिका (IPS N Ambika) को सिविल सेवा की परीक्षा पास करने में बहुत ज़्यादा समय लग रहा था। उन्होंने IPS बनने के लिए 3 बार upsc की परीक्षा दी पर वे लगातार तीन बार फेल होती रहीं। परीक्षा पास न कर पाने की वज़ह से उनके पति ने भी उन्हें वापस घर लौटने को कहा, पर अम्बिका अभी हारी नहीं थी, वे एक अंतिम प्रयास करना चाहती थीं। उन्होंने अपने पति से अंतिम बार परीक्षा देने के बारे में कहा। वे वापस घर नहीं गयीं।
अब अंबिका चौथी और आखिरी बार UPSC की परीक्षा देने गयीं। इस बार इनकी मेहनत रंग लायी और वर्ष 2008 में यह एग्जाम पास करके IPS Officer बनकर ही घर वापस गयीं। IPS एन. अंबिका (IPS N Ambika) की यह कहानी सभी युवाओं को यह सीख देती है कि मुश्किल चाहे कितनी भी बड़ी हो, अगर आप पूरी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं तो आपको मंज़िल पाने से कोई नहीं रोक सकता है।