किसी और की जान बचाने के लिए ख़ुद की जान जोखिम में डालने वाला भी भगवान से कम नहीं होता। कॉन्स्टेबल शिव कुमार ने भी कुएँ में गिरी एक 70 साल की महिला की जान बचा कर उसके लिए भगवान का दर्जा हासिल कर लिया है।
दरअसल यह घटना है विजयवाड़ा के गुजर गाँव की। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, 70 साल की एक बुज़ुर्ग महिला जिसका नाम बी सावित्री है, वह रात के अंधेरे में अपने घर के कुएँ में ही गिर गई। उसके बाद यह घटना पूरे गाँव में आग की तरह फैल गई और लोग घटनास्थल पर एकत्रित हो गए। लेकिन कुएँ की गहराई और घना अँधेरा होने के कारण कोई उस महिला की मदद नहीं कर पा रहा था।
इस घटना की सूचना जब आधी रात को टोल फ्री नंबर 100 के जरिए थाने में कॉन्स्टेबल ए शिवकुमार और श्याम को मिली, तब वे तुरंत उसकी मदद के लिए वहाँ पहुँचे। कॉन्स्टेबल शिवकुमार को जब लगा कि वह महिला अब तुरंत ही डूबने वाली है और मौके पर कोई रस्सी या सीढ़ी नहीं है तब उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे कुएँ में छलांग लगा दी।
कॉन्स्टेबल शिव कुमार ने बताया कि “उस समय मेरा एकमात्र विचार उन्हें बचाना था। इसलिए मैंने बुज़ुर्ग महिला को डूबने से बचाने के लिए अपनी गोद में संतुलित किया।” हालांकि उनके सहयोगी श्याम को और वहाँ जुटे लोगों को रस्सी ढूँढने में करीब 10 मिनट का समय लग गया। लेकिन फिर भी उन दोनों को सुरक्षित कुएँ से बाहर निकाल लिया गया।
इसके बाद वहाँ पास के ही सरकारी अस्पताल में बुज़ुर्ग महिला को अटेंड करने के लिए कुछ मेडिकल स्टाफ को भेजने का अनुरोध किया गया लेकिन साफ़ तौर पर यह मना कर दिया गया कि अस्पताल के कर्मचारी घटनास्थल पर नहीं जा सकते। तब शिव कुमार ने तुरंत इलाके में एक पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) को बुलवाया, जो तुरंत ही मौके पर पहुँच गए और बुज़ुर्ग महिला सावित्री का इलाज़ किए।
सच कहा गया है कि इंसान के लिए किसी भी जात-पात मज़हब से बड़ा धर्म इंसानियत का होता है।